पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य को लॉकडाउन से धीरे-धीरे बाहर निकालने के उपाय ढूंढने के लिए टास्क फोर्स बनाई जाएगी। वहीं, राज्य में बुधवार को कोरोना से संक्रमित सात नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ पीड़ितों की संख्या यहां 106 पर पहुंच गई है।
सीएम ने बुधवार को राज्य के प्रसिद्ध उद्योगपतियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए भरोसा दिलाया कि नाजुक मसलों और चुनौतियों को हल करने के लिए सरकार द्वारा उद्योगों की पूरी मदद की जाएगी। उन्होंने उद्योग जगत को अपने सुझाव देने के लिए कहा और मौजूदा हालात में राज्य सरकार के फैसले लेने की प्रक्रिया का हिस्सा बनने का भी न्योता दिया।
उन्होंने कहा कि यदि कोई उद्योग चलाना चाहता है तो वह राज्य सरकार के पास पहुंच सकता है। उनके अनुरोध को दिशा-निर्देशों के दायरे के अंदर हल करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। सीएम ने उद्योग विभाग से कहा कि उद्योगपतियों द्वारा उठाए गए मामलों पर गंभीरता से विचार करते हुए इन्हें जल्द से जल्द हल किया जाए।
कर्फ्यू बढ़ाने संबंधी कोई फैसला कैबिनेट की बैठक के बाद: अमरिंदर
मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को स्पष्ट किया कि राज्य में 14 अप्रैल के बाद कर्फ्यू को आगे बढ़ाने का अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसी रिपोर्टों को बेबुनियाद करार देते हुए सीएम ने कहा कि कोई भी फैसला 10 अप्रैल को बुलाई कैबिनेट की मीटिंग के बाद लिया जाएगा।
सीएम ने स्पष्ट किया कि कर्फ्यू को और आगे बढ़ाने की रिपोर्टें, आम राज्य प्रबंधन विभाग द्वारा सरकारी मुलाजिमों को जारी एडवाइजरी के कारण शुरू हुई थी। कैप्टन ने कहा कि उनकी हिदायतों पर मुख्य सचिव ने एडवाइजरी वापस ले ली है।
हालात को देखकर लेंगे फैसला
अमरिंदर ने कहा कि हालांकि सूबे में महामारी अभी तक नियंत्रण में है लेकिन लगातार बदलते हालात को देखते हुए भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। कोई भी फैसला राज्य और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए अप्रैल के मध्य की संभावित स्थितियों के आधार पर लिया जाएगा। इस समय लोगों की जान बचाना ही सरकार की प्राथमिकता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए ये उद्योगपति
अभी लंबी चल सकती है लड़ाई : कैप्टन
सीएम ने कहा कि यह लड़ाई लंबी चल सकती है जिसके विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था और उद्योगों पर बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं। हर कोई इस लॉकडाउन से प्रभावित है। इस महामारी को रोकने के लिए भारत ने शुरुआत में ही पहल कर दी है और शुरुआती समय पर उठाए गए ये कदम बहुत मददगार साबित हो सकते हैं। इस समय पंजाब में स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है।
प्रवासी मजदूर चले गए तो आसानी से वापस नहीं आ सकेंगे
सीएम ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोकने और उनकी देखभाल के लिए उद्योग से की गई उनकी अपील कोई आदेश नहीं था बल्कि एक सुझाव था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लॉकडाउन को और कितनी देर जारी रखने की जरूरत होगी, इसलिए उनको वापस न जाने देना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि प्रवासी मजदूर चले जाते हैं तो वह आसानी से वापस नहीं आ सकेंगे। इससे कटाई और खरीद सीजन के लिए तैयार राज्य के सामने बड़ी मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।
बैठक में उद्योगपतियों ने रखे ये सुझाव-
- ट्रैक्टर और सहायक उद्योगों को जरूरी राहत दी जाए और गेहूं की कटाई और रबी की फसलों के मंडीकरण के सीजन में किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उद्योगों को खोलने की इजाजत दी जाए।
- साइकिलों को भी जरूरी वस्तुओं में शामिल करने की मांग उठी।
- पैकिंग उद्योगों को भी खोलने की आज्ञा दी जाए ताकि जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
- चंडीगढ़ तक एयर कार्गो सेवाओं को फिर बहाल करने के साथ राज्य में स्वास्थ्य एवं मेडिकल स्टार्टअप को उत्साहित किया जाए।
- पर्यटन उद्योग, जो लॉकडाउन के चलते बुरी तरह प्रभावित हुआ है, को भी राहत दी जाए।
मीटिंग में उठा बड़ा मामला फार्मास्युटिकल कंपनियों को पेश आ रही मुश्किलों का था, जो कोविड-19 से निपटने में अहम योगदान दे रही हैं। इन मुश्किलों में से एक जम्मू-कश्मीर में अंतरराज्यीय यातायात को बंद करना और हरियाणा से माल और मजदूरों को लाने पर लगाई गई कुछ पाबंदियों का है। उद्योगों द्वारा नकद लेन-देन की दिक्कतों को भी उजागर किया गया।