नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दो विशेष समितियों का गठन किया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि ये विशेष समितियां सीएपीएफ से जुड़े सभी केंद्रीय सुरक्षा बलों की विभिन्न प्रकार की मंजूरियों और समस्याओं का निस्तारण करेंगी। इन समितियों का गठन पिछले सप्ताह किया गया है। इससे करीब 10 लाख जवानों वाले इन सुरक्षा बलों की समस्याओं का त्वरित हल मिल पाएगा।
मंत्रालय के अधिकरियों के मुताबिक, गृह सचिव की अध्यक्षता वाली पहली समिति गृह मंत्रालय और इन सुरक्षा बलों के बीच के मुद्दों पर निर्णय लेगी, जबकि सचिव (सीमा प्रबंधन) की अध्यक्षता वाली दूसरी समिति इन सुरक्षा बलों के लिए होने वाली खरीद से जुड़े मुद्दों का निस्तारण करेगी। गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, इन समितियों के सामने सामान्य रोजमर्रा के मुद्दे नहीं रखे जाएंगे।
इनका काम केवल विशेष मुद्दों के निस्तारण का ही होगा। इनकी बैठकों में सभी सुरक्षा बलों के महानिदेशकों के अलावा मंत्रालय में पुलिस, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख मामले, नक्सली अभियान, उत्तरपूर्व मामले और सीमा प्रबंधन आदि से जुड़े विभिन्न संयुक्त सचिव मौजूद रहेंगे।
दोनों समितियां अपनी गतिविधियों को एक-दूसरे के साथ साझा करेंगी और अपने निर्णयों की समीक्षा तब तक करेंगी, जब तक कोई सफल हल नहीं मिल जाए। इन समितियों के अध्यक्षों को इन सुरक्षा बलों में अहम सिफारिशें लागू करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से विभिन्न शक्तियां दी गई हैं।
शाह ने पिछले साल किया था वादा
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, दोनों समितियों का गठन पिछले साल दिसंबर में सीआरपीएफ के एक कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से की गई एक घोषणा से जुड़ा है। शाह ने इस साल अगस्त तक सभी केंद्रीय सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त करने और उनके कल्याण से जुड़ी योजनाएं लागू करने की घोषणा की थी। ये समितियां इसी घोषणा को त्वरित तरीके से पूरा करने के लिए बनाई गई हैं।
असम राइफल्स भी आएगी दायरे में
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के दायरे में सभी अर्द्धसैनिक बल यानी सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और सशस्त्र सीमा बल आदि आते हैं। लेकिन असम राइफल्स के सीएपीएफ का हिस्सा नहीं होने के बावजूद ये समितियां इस फोर्स से जुड़े मुद्दों का भी हल तलाशेंगी।