- सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के बाद शाम को निकाले जाएंगे मशाल जुलूस
एसोसिएशन नेताओं और आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागों के कर्मचारी संघों और परिसंघों के नेताओं के बीच हुई बैठक में हड़ताल की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही तय हुआ कि सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन के बाद शाम को मशाल जुलूस निकाले जाएंगे।
बुधवार को भी जनरल ओबीसी कर्मचारी देहरादून में राज्य सचिवालय के पास स्थित वैडिंग प्वाइंट में जमा हुए और धरने पर बैठे। इस दौरान हुई सभा में एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने एलान किया कि बृहस्पतिवार से अति आवश्यक सेवाएं भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगी। उन्होंने सभी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे धैर्यपूर्वक अपने संघर्ष को कायम रखें क्योंकि यह लड़ाई लंबी चलेगी।
मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी ने कहा कि सरकार को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने फारेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले के खिलाफ आंदोलन कर रहे बेरोजगार युवा संघ के आंदोलन के समर्थन का एलान किया और इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। सभा का संचालन विक्रम सिंह रावत ने किया।
पहले अपील… फिर एस्मा
इस समय प्रदेश के सामने कोरोना का भी संकट है। कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। ऐसी कोई आपात स्थिति नहीं है कि कर्मचारियों को तन्ख्वाह न मिल रही हो। कर्मचारियों को राज्य हित के बारे में पहले सोचना चाहिए। आपातकालीन सेवाओं को बंद करने की यदि बात कह रहे हैं तो वह ठीक नहीं है।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
हम सरकार से लगातार अपील कर रहे हैं कि हर महीने बड़ी संख्या अफसर कर्मचारी बिना प्रमोशन के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रमोशन में रोक के कारण उनका अहित हो रहा है। सरकार बगैर आरक्षण प्रमोशन से रोक हटा दे, जनरल ओबीसी कर्मी काम पर लौट जाएंगे। कर्मचारियों को भी हड़ताल पर जाना अच्छा नहीं लग रहा है।
– दीपक जोशी, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन