- तंबाकू उत्पादों के निर्यात के खेल में सैकड़ों करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा
- डीजीजीएसटीआई के अहमदाबाद अंचल कार्यालय ने पकड़ा मामला
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीआर) के नाम पर हो रही थी भारी वसूली
यहां के करीब 20 निर्यातक कंपनियां तैयार तंबाकू एवं संबंधित उत्पाद के नाम पर सामान्य तंबाकू कांडला एसईजेड इकाइयों में भेजते थे और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के नाम पर भारी रकम वापस ले रहे थे। ये कंपनियां तंबाकू उत्पादों को बाजार मूल्य से करीब 3000 फीसदी तक ऊंची कीमतों पर एसईजेड को भेज रही थीं।
डीजीसीएसटीआई के अहमदाबाद अंचल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एनसीआर की कंपनियां वैसे तंबाकू उत्पाद भेजती थीं, जिन पर 18 या 28 फीसदी की दर से जीएसटी देय होता था जबकि उसे उसे सिन गुड्स (सीटीएच 2403) के तहत दर्ज तंबाकू उत्पाद के रूप में दिखाते थे।
इन पर 93 फीसदी और 188 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है। यही नहीं, इन कंपनियों ने असम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के आपूर्तिकर्ताओं से 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की जाली इनवॉयस भी ले ली थीं, ताकि वे आईटीसी रिफंड ले सकें।
जांच के दौरान पता चला कि एनसीआर के ये निर्यातक स्थानीय बाजार से बिना कोई जीएसटी चुकाए 150 से 350 रुपये किलो का तंबाकू खरीद कर उसे कांडला के एसईजेड यूनिट में 5000 रुपये से 9000 रुपये प्रति किलो की दर से बेच देते थे। फर्जी इनवॉयस के जरिये उस पर देय जीएसटी का आईटीसी रिफंड ले लेते थे। इस प्रकार निर्यातकों ने 400 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिफंड भी ले लिया है।
जब सभी बिलों के मिलान के बाद इनके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, तब इनका करीब 300 करोड़ रुपये का रिफंड रोक दिया गया। इसके बावजूद इनका 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का आईटीसी रिफंड अभी भी जमा है। कंपनियों के नेटवर्क के बारे में आगे जांच की जा रही है।