खास बातें
- पाकिस्तान के कानून मंत्रालय ने सरकार से कहा- कश्मीर मसले को आईसीजे में नहीं उठा सकते
- इमरान सरकार ने कश्मीर को लेकर कानून मंत्रालय से मांगी थी राय
- विदेश मंत्री ने कहा था कि हमने कश्मीर मामले को आईसीजे में ले जाने का फैसला किया है
- किसी देश की सरकार या कोई एनजीओ या कोई अकेला व्यक्ति मामले को आईसीजे में नहीं उठा सकता
पाकिस्तान के कानून मंत्री बैरिस्टर फरोग नसीम ने प्रधानमंत्री इमरान खान को सलाह दी है कि वह कश्मीर मुद्दे को आईसीजे में न उठाएं। कानून मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार इस मामले को आईसीजे में नहीं उठा सकती। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि मामले को संयुक्त राष्ट्र आमसभा या सुरक्षा परिषद में उठाया जाना चाहिए, जिससे इसे निर्धारित तरीकों से आईसीजे में ले जाया जा सके।
नसीम ने स्पष्ट किया कि नियमानुसार किसी देश की सरकार या कोई एनजीओ या कोई अकेला व्यक्ति सीधे मामले को आईसीजे में नहीं उठा सकता। किसी मामले के दोनों पक्ष अगर सहमत हों तो ही मामले को आईसीजे में उठाया जा सकता है। कश्मीर मामले में भारत और पाकिस्तान में ऐसी कोई सहमति नहीं है इसलिए इस मामले को आईसीजे में नहीं उठाया जा सकता।
गौरतलब है कि शुक्रवार को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रैली के दौरान इमरान ने कहा था कि कश्मीर पर भारत के फैसले के खिलाफ वह हर वैश्विक मंच पर यह मुद्दा उठाएंगे। इससे पहले विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि हमने कश्मीर मामले को आईसीजे में ले जाने का फैसला किया है। उन्होंने तब दावा किया था कि सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है।
पाकिस्तानी मौलवी कादरी ने छोड़ी राजनीति
उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तानी राजनीति, राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ पीएटी के अध्यक्ष पद से अवकाश ले रहा हूं। मैं पीएटी का नेतृत्व अपने बेटों को नहीं सौंप रहा हूं बल्कि उसकी कमान पार्टी की परिषद के हवाले कर रहा हूं। कादरी ने 2014 में इमरान खान के साथ मिलकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सरकार विरोधी प्रदर्शन किया था।