हल्द्वानी। गौला नदी में खनन का काम एक महीने लटक सकता है। भले जंगलात ने खनन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है, पर उम्मीद है कि दीवाली के बाद ही विधिवत खनन शुरू हो पाएगा। सूत्रों के अनुसार इस वक्त कई स्टोन क्रशर के पास आपदा के कारण जिन जगहों पर निजी खनन पट्टा दिया गया था, वहां से निकला माल पहुंच गया है। ऐसे में कोई जल्दबाजी में नहीं दिखा रहा है। इस दौरान निजीकरण को लेकर संशय की स्थिति भी दूर होने की उम्मीद है।
जिला खनन समिति ने एक अक्तूबर से नदी में खनन कराने की बात कही है। लेकिन, जिस तरह से वन, वन निगम की तैयारी चल रही है, उसमें तिथि को खनन शुरू होने के आसार कम ही है। सूत्रों के अनुसार जंगलात दीवाली के बाद ही खनन कराने की योजना बना रहा है। इसके पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं। नदियों से निकलने वाले खनिज की खरीददारी स्टोन क्रशर करते हैं, पर इसमें कई के पास तुलनात्मक तौर पर सस्ता और बेहतर माल जमा है। जब नदी बंद थी, उस वक्त आपदा के बाद अमृतपुर, शांतिपुरी में खनिज निकालने का पट्टा दिया गया था, यहां से निकले खनिज से कई स्टोन क्रशर का माल फुल हो गया है। ऐसे में माल खरीदने वाले सबसे बड़े विक्रेता स्टोन क्रशर वाले भी ज्यादा जल्दी में नहीं दिख रहे हैं। दूसरा खनन में श्रमिकों की कम संख्या। माना जा रहा है कि खनन के लिए श्रमिक दीवाली और छठ पूजा के बाद ही पूरी तरह से आएंगे। ऐसे में नदी खोल भी दी गई, तो पूरी तरह खनन शुरू नहीं हो पाएगा। इसके अलावा निजीकरण को लेकर चल रही उहापोह की स्थिति भी इस दौरान दूर होने के आसार है। हालांकि, पूरी तरह स्थिति एक अक्तूबर के बाद ही साफ हो पाएगी।