दिल्ली सरकार रोज 4 से 5 हजार सैंपलों की करेगी जांच

नई दिल्ली

सैनिटाइजेशन...
कोरोना के खिलाफ जंग में दिल्ली को रेड जोन से मुक्त करने के लिए सरकार रोज 4 से 5 हजार सैंपलों की जांच करेगी। इसके तहत डीडीए की खाली पड़ी जमीन पर पोर्टा (अस्थायी) केबिन बनाकर जांच की जा सकेगी। लाल पैथ ने सरकार से रोहिणी इलाके में खाली पड़ी जमीन पर पोर्टा केबिन बनाने की मंजूरी मांगी है।

सैंपल की जांच आरटी-पीसीआर के जरिये हो सकेगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी प्रतिदिन दो से ढाई हजार सैंपल की जांच हो रही है। दिल्ली में इस वक्त आठ सरकारी और 11 प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस की जांच चल रही है। अभी तक 50 हजार नमूनों की जांच हो चुकी है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लाल पैथ की ओर से पोर्टा केबिन के लिए आवेदन आया है जिसे लेकर डीडीए से जानकारी मांगी गई है। इस आवेदन में बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने हर दिन तीन से चार हजार सैंपल की जांच करने के लिए कहा है।
साथी ही मारुति सहित कई कंपनियों का हवाला देते हुए उनके कर्मचारियों की जांच के लिए ऑर्डर मिल रहे हैं। ऐसे में जगह का अभाव होने के चलते उन्होंने रोहिणी इलाके में पोर्टा केबिन लगाने की मांग की है।

रिपोर्ट जल्दी देना भी है एक बड़ी चुनौती
दिल्ली में इस वक्त एम्स के अलावा आईएलबीएस, आरएमएल, सफदरजंग अस्पताल, सैन्य अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल स्थित सरकारी लैब में कोरोना वायरस की जांच चल रही है। यहां हर दिन दो से ढाई हजार सैंपल पहुंच रहे हैं। सफदरजंग अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार लैब में इस वक्त 18-18 घंटे जांच चल रही है। हर सैंपल की जांच में दो से तीन घंटे लगते हैं। चूंकि इन लैब के पास पहले से ही सीमित संसाधन हैं। ऐसे में सैंपल की संख्या बढने से इनकी चुनौती भी बढ़ेगी। इसके अलावा दो दिन में रिपोर्ट देने का दबाव भी इन पर है।

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