2जी मामले में कैग की रिपोर्ट पर सवाल, जांच की मांग

2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में नुकसान की बात कहकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ी करने वाले कैग रिपोर्ट खुद सवालों को घेरे में आ गई है। रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वाले कैग के एक पूर्व अधिकारी ने कहा है कि वह इस रिपोर्ट से सहमत नहीं थे, लेकिन उन्हें इस पर दस्तखत करने पड़े।

एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कैग के तत्कालीन महानिदेशक (डाक एवं दूरसंचार) आरपी सिंह ने बयान दिया है कि 2जी स्पेक्‍ट्रम आवंटन से संबंधित रिपोर्ट से वह सहमत नहीं थे लेकिन नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक विनोद राय के दबाव में उन्हें रिपोर्ट पर दस्तखत करने पड़े।

सिंह ने दावा किया है कि रिपोर्ट में जानबूझ कर घाटा बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया। सिंह ने बताया क‌ि कैग के अधिकारी ने रिपोर्ट के सिलसिले में संसद मे लोकलेखा समिति के चेयरमैन व भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से उनके घर पर मुलाकात भी की। कैग रिपोर्ट पेश होने से पहले जोशी संसद में लोकलेखा समिति के चेयरमैन बन चुके थे।

सितंबर, 2011 में सेवानिवृत्त हुए आर पी सिंह ने आरोप लगाया कि कैग के अधिकरी ने 2जी पर पीएसी की रिपोर्ट बनाने में जोशी की मदद की। इसके लिए यह अधिकारी गुड फ्राइडे की आधिकारिक छुट्टी के दिन 22 अप्रैल को जोशी से उनके घर पर मिला और पीएसी रिपोर्ट 30 अप्रैल को लोकसभा स्पीकर के पास जमा कराई गई थी।

सिंह ने एक दूसरे कैग अधिकारी के हवाले से यह भी दावा किया कि जोशी ने टेलीफोन के जरिए 2जी रिपोर्ट हासिल करने की कोशिश की थी। ऐसा तब किया गया जब यह रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। सिंह ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को लिखकर यह बताया था कि वह 2जी स्पेक्ट्रम की रिपोर्ट से सहमत क्यों नहीं हैं? लेकिन कैग विनोद राय से उनकी कभी बात नहीं हुई।

जोशी ने सिंह को बताया सरकार का मोहरा

आरपी सिंह के आरोपों के बाद मुरली मनोहर जोशी ने सफाई में कहा है कि जब कैग ने 2जी आवंटन की रिपोर्ट लोकलेखा समिति में पेश की गई तब उन्होंने अपनी बात क्यों नहीं कही। उन्होंने कहा कि आरपी सिंह सरकार के मोहरे हैं और पीएसी चेयरमैन के नाते कैग का कोई भी अधिकारी उनसे मिल सकता है।

सरकार ने सिंह के दावों की जांच की मांग

केंद्र सरकार ने आरपी सिंह के दावों‌ ‌की जांच की मांग की है। सरकार ने आज कहा कि पीएसी चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी और कैग विनोद राय इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करें। सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से बातचीत में कह‌ा कि आरपी स‌िंह ने जो आरोप लगाए हैं, वह बिलकुल सही हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर, 2010 जब कैग की ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश की गई थी, तब 2 जी आवंटन के घाटों का अनुमान 2,645 करोड़ था, लेकिन जब रिपोर्ट संसद में पेश हुई तब यह नुकसान बढ़कर 1.76 लाख करोड़ तक पहुंच गया। उन्होंने पूछा कि इतनी अधिक उछाल कैसे संभव है। वहीं सोनिया गांधी ने कहा है कि 2जी के मु्द्दे पर भाजपा एक्सपोज हो गई है।

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