
धारचूला (पिथौरागढ़)। सरकार आपदा प्रभावितों की खोज और बचाव का काम पूरा होने की बात कहकर राहत, बचाव का तामझाम समेटने की फिराक में है, लेकिन जानकर ताज्जुब होगा कि धारचूला के सोबला और न्यू सुवा के 180 बेघर परिवारों तक अब भीसरकारी मदद नहीं पहुंची है। तमाम आपदा प्रभावित खतरे के साए में अब भी नदी के किनारे और कंदराओं में टैंटों में रह रहे हैं। यह लोग फिर तबाही का शिकार बन सकते हैं।
17 जून को धौलीगंगा में आई बाढ़ ने सोबला के 100 तो न्यू सुवा के 80 मकान लील लिए। खतरे की आशंका को भांपकर इन दोनों गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों में चले गए थे। अन्यथा दोनों गांवों में व्यापक जनहानि हो सकती थी। 18 दिन बाद भी प्रशासन, शासन ने सोबला, न्यू सुवा के हालात का जायजा नहीं लिया है। तमाम परिवार किसी प्रकार गिरते-पड़ते धारचूला पहुंच गए, लेकिन अब भी 25, 30 परिवार धौली गंगा के किनारे टैंटों में रह रहे हैं।
जिला पंचायत सदस्य आन सिंह रोकाया का मकान भी आपदा की भेंट चढ़ गया है। उनका कहना है कि सोबला और न्यू सुवा की पूरी बस्ती उजड़ गई है। कभी यहां दो अच्छे, खासे कस्बे हुआ करते थे, आज पूरा इलाका श्मशान नजर आ रहा है। सरकार की राहत लोगों तक नहीं पहुंची है। पुनर्वास के साथ ही उजड़े लोगों को मदद की दरकार है।