
मनाली। ग्यारह दिन तक न तो मांस पकेगा न ही शराब परोसी जाएगी। इस देव नियम का मनाली गांव के लोग कड़ाई से पालन करेंगे। दरअसल मनाली गांव में माघ मास के फागली उत्सव के दौरान लोग इन दोनों चीजों का इस्तेमाल करना देव नियमों के तहत वर्जित मानते हैं। महर्षि मनु की तप स्थली मनाली गांव में माघ मास के दूसरे रविवार (27) से यह उत्सव आरंभ होगा। समारोह ग्यारह दिन तक चलेगा।
मनाली पंचायत के पूर्व उपप्रधान नीमत राम ठाकुर ने बताया कि परंपरा के तहत माघ महीने के दूसरे रविवार को फागली उत्सव मनाया जाता है, जो 11 दिनों तक चलेगा। इस दौरान गांव कि जो लड़की जिसका भी विवाह गांव और गांव से बाहर हुआ होता है उसे पति और बच्चों के साथ फागली का निमंत्रण दिया जाता है। इन 11 दिनों में गांव में न तो मास पक्केगा और न ही शराब परोसी जाएगी। तुले राम ठाकुर ने बताया कि देवताओें को दिए वचन के अनुसार फागली उत्सव सदियों से मनाया जाता है लेकिन इस दौरान मास और मदिरा का सेवन नहीं किया जाता।
यहां राक्षसों का भी होता है सम्मान
मनाली। मान्यताओं के मुताबिक मनाली पर देवताओं का राज था। इस क्षेत्र पर राक्षसों ने भी राज्य किया था। देवताओं और राक्षसों में धरती पर अपना-अपना आधिपत्य स्थापित करने क ो लेकर युद्ध हुआ। लंबे युद्ध के बावजूद जब कोई परिणाम नहीं निकला तो राक्षसों ने देवताओं से कुछ मांगने को कहा। इस पर देवताओं ने राक्षसों से इस धरती को छोड़ने की मांग रखी। अपनी बात से पीछे न हटकर राक्षसों ने देवताओं से कहा कि हम धरती छोड़ कर जाएंगे लेकिन हमें साल में एक बार याद करना होगा। इस फैसले के बाद राक्षसोें को कौन सबसे पहले अपने स्थान पर बुलाएगा इस पर विवाद हो गया। अंत में महर्षि मनु ने कहा कि सबसे पहले मैं राक्षसों को बुलाऊंगा। टूंडी राक्षस को न्योता देने के लिए महर्षि जमादग्नि ने हामी भरी। इसके बाद से हर साल राक्षसों के सम्मान में यह उत्सव मनाया जाता है। मनाली फागली के बाद फाल्गुन महीने में सभी 18 कंडी 18 नारायण के स्थानों पर तय समय पर फागली उत्सव मनाया जाता है।