हाईकोर्ट ने दी महत्वपूर्ण व्यवस्था, प्रशासनिक आदेश पूर्वव्यापी प्रभाव से नहीं हो सकते लागू

हाईकोर्ट ने दी महत्वपूर्ण व्यवस्था, प्रशासनिक आदेश पूर्वव्यापी प्रभाव से नहीं हो सकते लागू

शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रशासनिक आदेशों को लागू करने पर महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि प्रशासनिक या कार्यकारी आदेशों को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि पूर्वव्यापी प्रभाव से सिर्फ कानून बनाया जा सकता है, वो भी तब अगर कानून में इसके लिए विशेष प्रावधान किया गया हो। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने यह व्यवस्था दी। पैट्रोल पंप आवंटन से जुड़े मामले में अदालत ने याचिकाकर्ता तजेंद्र गोयल की याचिका को स्वीकार किया है। अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ता को आठ हफ्तों की भीतर नियुक्ति पत्र जारी करें। मामले के अनुसार हिंदुस्तान पेट्रोलियम निगम ने 20 अगस्त 2020 को नालागढ़ मेें पेट्रोल पंप की सेवा देने के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए चयन और नियुक्ति प्रक्रिया को 31 मार्च 2020 को जारी प्रक्रिया से होना तय किया गया।

चयन प्रक्रिया और साक्षात्कार में याचिकाकर्ता का चयन किया गया और 3 अगस्त 2021 को याचिकाकर्ता ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम निगम के पास 70 लाख की बैंक गारंटी जमा करवाई। बावजूद इसके याचिकाकर्ता को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। 5 अगस्त 2021 को पेट्रोलियम मंत्रालय से जारी सभी तेल कंपनियों को आदेश जारी किए गए कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सभी चयन प्रक्रिया निरस्त की जाती है। जिस चयन प्रक्रिया से साक्षात्कार लिए गए हैं, उन्हें लंबित रखने के आदेश दिए गए। केंद्र सरकार के इन आदेशों के तहत याचिकाकर्ता को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया था। अदालत ने पाया कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम निगम ने मनमाने ढंग से चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया है, जबकि इसके लिए 20 अगस्त 2020 को चयन प्रक्रिया जारी की गई थी। इस चयन प्रक्रिया को 5 अगस्त 2021 को जारी प्रशासनिक आदेशों से न तो निरस्त किया जा सकता है और न ही इसे लंबित रखना न्यायोचित है।

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