स्वतंत्रता दिवस : भारत में रियासतों के विलय से लेकर 250 करोड़ वैक्सीन डोज तक, जानें 75 साल की 75 उपलब्धियां

स्वतंत्रता दिवस : भारत में रियासतों के विलय से लेकर 250 करोड़ वैक्सीन डोज तक, जानें 75 साल की 75 उपलब्धियां

नई दिल्ली
भारत यानी हम लोगों को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिले 75 साल पूरे हो चुके हैं। करीब 200 साल की गुलामी के खिलाफ देश के स्वतंत्रता नायकों ने खूब लड़ाई लड़ी। कइयों ने कुर्बानी दी। बीते 75 साल में देश ने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ पाया। आज अगर हम देश के गौरवशाली अतीत को देखते हैं तो हमें अपना उज्ज्वल भविष्य नजर आता है। देश के नाम के साथ कई अहम उपलब्धियां जुड़ चुकी हैं। इन उपलब्धियों का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है।

पिछले स्वतंत्रता दिवस पर ‘इंडियन बुलेटिन’ ने आजादी से लेकर अब तक के तमाम उपलब्धियों पर पाठकों की राय जानी थी। इसमें पाठकों ने देश की 75 बड़ी उपलब्धियों को चिह्नित किया। जो पाठक की नजर में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं। इस सर्वे को भले एक साल हो गए लेकिन, आज के दिन ये बेहद प्रासंगिक है। इस सर्वे के नतीजे आज हम आपको बता रहे हैं…
सर्जिकल स्ट्राइक

सबसे पहले इस सर्वे के बारे में जानिए
‘इंडियन बुलेटिन’ की डिजिटल टीम ने आजादी से अब तक की देश की प्रमुख उपलब्धियों की सूची बनाई। इस पर ऑनलाइन पोल चलाकर पाठकों से यह राय जानी गई कि वे किसे देश की बड़ी उपलब्धि मानते हैं।

ऑनलाइन पोल के नतीजे
2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने को सबसे ज्यादा पाठकों ने देश की बड़ी उपलब्धि माना।
इसके बाद पाठकों ने 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक को देश की प्रमुख उपलब्धि बताया।
पाठकों ने कश्मीर समेत 560 से ज्यादा रियासतों के भारत में विलय को देश की सबसे अहम उपलब्धियों में तीसरे क्रम पर रखा।

अब इन उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। शुरुआत करते हैं आजादी मिलने के वक्त यानी 1947 से…
रियासतों का भारत में विलय

1- कश्मीर समेत 560 से ज्यादा रियासतों का विलय

कब- आजादी के समय।

क्या- ब्रिटिश सरकार ने इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 के तहत 560 से ज्यादा रियासतों को आजादी दी थी। भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी इन रियासतों के विलय की। उस समय हर रियासत का अपना अलग कानून और झंडा होता था। ये देसी रियासतें स्वतंत्र शासन में यकीन रखती थीं, जो सशक्त भारत के निर्माण में सबसे बड़ी बाधा थी।

कैसे- यह काम देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल और गृह मंत्रालय के तत्कालीन सचिव वीपी मेनन को सौंपा गया। कश्मीर समेत सभी रियासतों से विलय की बातचीत शुरू हुई। पटेल ने सभी रियासतों से बात कर उन्हें भारत में शामिल होने के लिए मनाया। 15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर 560 रियासतें भारत संघ में शामिल हो गईं। यह भारतीय इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि थी।

महत्व- भारत मजबूत संघ बना, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना, आक्रमणकारियों से बचाव हुआ।

मतदान का अधिकार
मतदान का अधिकार – फोटो : सोशल मीडिया
2. वोट का अधिकार

कब- आजादी के दिन से

क्या- भारत ने 15 अगस्त 1947 यानी आजादी के पहले ही दिन से प्रत्येक वयस्क को मतदान का अधिकार दिया। आजादी के समय मतदान की उम्र 21 साल थी। बाद में 20 दिसंबर, 1988 को मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 साल करने के लिए संसद में कानून को मंजूरी दी गई।

कैसे- स्वतंत्रता के बाद भारत में मतदाता संख्या 17 करोड़ 30 लाख थी। इसमें करीब आठ करोड़ यानी आधी आबादी महिलाओं की थी। हालांकि महिलाओं के लिए वोट का अधिकार हासिल करना आसान नहीं था और इसके लिए उन्हें कठिन लड़ाई लड़नी पड़ी। अपनी किताब ‘हाउ इंडिया बिकेम डेमोक्रेटिक: सिटिज़नशिप ऐट द मेकिंग ऑफ़ द यूनिवर्सल फ्रैंचाइज़ी’ में लेखिका डॉक्टर ओर्निट शनी ने महिलाओं को मताधिकार दिए जाने के संघर्ष के बारे में बताया है। उन्होंने लिखा कि अंग्रेज नहीं चाहते थे कि महिलाओं को मतदान का अधिकार मिले। वहीं, इतिहासकार गेराल्डिन फोर्ब्स ने लिखा कि महिलाओं को मतदान का अधिकार देने के लिए भारतीय महिला संगठनों को कठिन संघर्ष करना पड़ा।

महत्व- अमेरिका को महिलाओं को मतदान का अधिकार देने में 144 साल और ब्रिटेन को एक सदी का समय लगा, लेकिन भारत ने आजादी के तुरंत बाद देश के सभी व्यस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार देकर शुरुआत से ही एक परिपक्व लोकतांत्रिक देश बनने का परिचय दिया।
3- हॉकी में स्वर्ण पदक
कब- 1948

क्या- पुरुष हॉकी टीम ने लंदन ओलंपिक जीतकर देश का नाम रोशन किया।

कैसे- आजाद भारत में इस साल पहली बार देश ने ओलंपिक खेलों में भाग लिया था। टीम में सभी खिलाड़ी ऐसे थे, जो पहली बार ओलंपिक में खेलने आए थे। किशन लाल की कप्तानी में भारत फाइनल में पहुंच चुका था। फाइनल में उसका मुकाबला उसी देश से हुआ, जिसकी गुलामी के बंधन से देश को मुक्ति मिली थी। फाइनल में चार में से दो गोल कर बलबीर सिंह सीनियर ने फाइनल में सर्वाधिक गोल का रिकॉर्ड बनाया। इसके साथ ही वे हॉकी का सितारा बनकर उभरे, जो बाद में दुनिया के 16 ओलंपियनों में एक चुने गए।

महत्व- भारत ने फाइनल मैच उस ब्रिटेन के खिलाफ खेला और जीता, जिसका वह उपनिवेश रहा है। इस खेल के जरिए स्वतंत्र भारत के खिलाड़ियों ने दुनिया में इस भारतीय खेल का गौरव बढ़ाया। पहली बार हुआ कि इस ओलंपिक में तिरंगा झंडा सबसे ऊपर लहरा रहा था, क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया था।
4- पूर्ण गणराज्य बना भारत

कब- 26 जनवरी 1950

क्या- भारत ने अपने संविधान को एक पूर्ण गणराज्य के रूप में अपनाया। दो साल से अधिक समय में तैयार हुआ संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था।

कैसे- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र में गणतंत्र राष्ट्र की कल्पना की शुरुआत 31 दिसंबर 1929 को हुई। पंडित जवाहरलाल नेहरू सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। भारतीय नेताओं और ब्रिटिश कैबिनेट मिशन के बीच हुई बातचीत के बाद भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई। डॉ. भीमराव अंबेडकर को 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने कांस्टीट्यूशन ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया। चर्चाओं और बहस के कई दौर के बाद भारतीय संविधान तैयार हुआ, पर उसे अंतिम रूप देने से पहले उसमें कई बार संशोधन किया गया।

महत्व- संविधान के लागू होने और पूर्ण गणराज्य बनने से भारत के हर नागरिक को अपनी सरकार चुनकर अपना शासन चलाने का अधिकार हासिल हुआ।
लोकसभा चुनाव

5- देश का पहला लोकसभा चुनाव

कब- 1951 में

क्या- स्वतंत्रता के बाद देश में पहला आम चुनाव 1951 में हुआ, इसके साथ-साथ राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए।

कैसे- देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन की अगुआई में मतदाता सूची तैयार करने का काम नवंबर 1947 में शुरू हुआ। 25 अक्तूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के बीच मतदान हुआ। चुनाव में कांग्रेस के अलावा कुल 52 छोटे-बड़े दल मैदान में थे। जैसे श्रीपाद अमृत डांगे के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भारतीय जन संघ, आचार्य नरेंद्र देव, जेपी और लोहिया की अगुआई वाली सोशलिस्ट पार्टी, आचार्य कृपलानी के नेतृत्व में किसान मजदूर प्रजा पार्टी चुनाव मैदान में थी। पहले आम चुनाव में कुल 45.7 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। श्याम सरन नेगी अक्टूबर 1951 में देश के पहले आम चुनाव में अपना वोट डालने वाले पहले भारतीय थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने 489 सीटों में से 364 सीटें जीतकर प्रचंड जीत दर्ज की। बता दें कि भारत में अब तक 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं।

महत्व- स्वतंत्र भारत में हुए पहले चुनाव से देशवासियों को लोकतांत्रिक मूल्यों और अपनी सरकार खुद चुनने की ताकत का एहसास हुआ।
6- रेलवे को मजबूती मिली

कब- 1951

क्या- रेलवे का राष्ट्रीयकरण किया गया।

कैसे- देश के बंटवारे में रेलवे का भी बंटवारा हो गया था। 40 फीसदी नेटवर्क पाकिस्तान में चला गया, इसलिए आजादी के बाद भारतीय रेलवे को अपने पैरों पर मजबूती से खड़ा करने के लिए इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। भारतीय रेलवे का नेटवर्क 1,08,706 किमी ट्रैक और 6,853 स्टेशन के रूप में फैला है। भारतीय रेलवे प्रतिदिन 11,000 गाड़ियां चलाती है, जिनमें 7,000 यात्री गाड़ियां हैं। यह प्रतिदिन 2 करोड़ 30 लाख से अधिक यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती है।

महत्व- रेलवे देश का प्रमुख यातायात संगठन बना। भारतीय रेलवे अब दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है।

7- भारत को पहले एशियाई खेलों की मेजबानी

कब- 4 मार्च 1951

क्या- भारत ने पहली बार नई दिल्ली में एशियाई खेलों की मेजबानी की। पहला एशियाई खेल चार से 11 मार्च 1951 तक चला।

कैसे- एशियन गेम्स फेडरेशन 1949 में दिल्ली में स्थापित हुई और इसके बाद एलान किया गया कि दिल्ली पहले एशियन गेम्स की मेजबानी करेगा। पहले इसका आयोजन 1950 में होना था, लेकिन तैयारियों की कमी के चलते इन खेलों का आयोजन 1951 में हुआ। इन खेलों में अलग-अलग देशों के 491 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। राष्ट्रीय स्टेडियम में लगभग 40 हजार दर्शक इस खेल के गवाह बने। जापान पहले, भारत दूसरे और ईरान तीसरे स्थान पर रहा। भारत को 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य के साथ कुल 51 पदक मिले थे।

महत्व- अपने भाषण में तब देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि पहले एशियन गेम्स सभी देशों के साथ अच्छे तालमेल और हमारी दोस्ती को दिखाते हैं। एशियन गेम्स देशों के बीच रिश्ते प्रगाढ़ रखने की दिशा में अहम कदम साबित हुए। गेम्स की मेजबानी से भारत में आत्मविश्वास बढ़ा और खेल के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को विकसित होने का मौका मिला।
8- पहले आईआईटी की स्थापना

कब-1951

क्या- भारत का पहला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर में स्थापित हुआ।

कैसे- पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में गठित हुई पहली सरकार ने इस जरूरत को समझा कि देश को आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध करने के लिए देश में शिक्षा के ढांचे पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नेहरू देश के विकास में योगदान देने के लिए ऐसे युवाओं को तैयार करना चाहते थे, जिसमें तकनीक और प्रबंधन की क्षमता हो। इसी सोच ने देश के पहले आईआईटी की स्थापना में मदद की।

महत्व- आज यह संस्थान शिक्षा और शोध के क्षेत्र में भारत के उत्कृष्ट शैक्षिक केन्द्र के रूप में पहचाना जाता है। जहां गरीब छात्रों को भी बेहतर पढ़ाई का माहौल मिल रहा है। 2019 में इस संस्थान को भारत सरकार ने इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिया है।
इंडियन एयरलाइन

9- इंडियन एयरलाइंस की शुरुआत

कब- 1953

क्या- इंडियन एयरलाइंस की स्थापना हुई। एयर इंडिया को सबसे पहले जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया था। 1946 में इसका नाम बदल कर एयर इंडिया कर दिया गया और 1953 में सरकार ने इसे टाटा से खरीद लिया था।

कैसे- इंडियन एयरलाइंस की स्थापना के लिए 15 जून 1953 को संसद में एयर कॉर्पोरेशन विधेयक पारित हुआ था।

महत्व- देश विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना। दुनिया के दूसरे देशों से आवागमन आसान हुआ। भारतीय अर्थव्यस्था को इससे फायदा हुआ। यह भारत की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी बन गई।
10- पहला परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम लॉन्च

कब- तीन जनवरी 1954

क्या- परमाणु ऊर्जा को देश में शांतिपूर्ण ढंग से इस्तेमाल करने के लिए देश का पहला परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम लॉन्च हुआ।

कैसे-15 अप्रैल 1948 को परमाणु ऊर्जा अधिनियम पारित किया गया। 10 अगस्त 1948 को परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना हुई। परमाणु ऊर्जा आयोग ने तीन जनवरी 1954 को परमाणु ऊर्जा संस्थान ट्रॉम्बे (ए ई ई टी) की शुरुआत की। तीन अगस्त 1954 से प्राकृतिक संसाधन एवं वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत परमाणु ऊर्जा आयोग को परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत लाया गया। डॉ. होमी भाभा इस विभाग के सचिव बने। डॉ. भाभा की 24 जनवरी 1966 को हवाई दुर्घटना में हुई मृत्यु के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एईईटी का नाम भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया।

महत्व- परमाणु ऊर्जा संस्थान, ट्रॉम्बे ने विज्ञान जगत में एक विशिष्ट नाभिकीय अनुसंधान संस्थान के रूप में अपनी पहचान बनाई है। राष्ट्र के हित में नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग संबंधी अध्ययनों को बढ़ावा मिलने लगा।
11. परमाणु रिएक्टर अप्सरा के डिजाइन का निर्माण

कब- 4 अगस्त 1956

क्या- भारत ने एशिया के पहले परमाणु रिएक्टर ‘अप्सरा’ का निर्माण किया। अप्सरा भारत के रिसर्च रिएक्टरों में सबसे पुराना है।

कैसे- इसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) ने डिजाइन किया था। रिएक्टर के लिए एनरिच्ड यूरेनियम की जरूरत थी, जिसे ब्रिटेन ने दिया। यह लाइट वॉटर स्विमिंग पूल-टाइप रिएक्टर था, जिसमें अधिकतम वन मेगावॉट थर्मल बिजली उत्पादन होता था। शोधकर्ताओं को पांच दशक से अधिक समय तक समर्पित सेवा देने के बाद इस रिएक्टर को 2009 में बंद कर दिया गया था।

महत्व- ‘अप्सरा’ से देश के परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की कहानी शुरू हो गई। यह परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की पहली बड़ी उपलब्धि रही। इसी वजह से भारत परमाणु हथियार सम्पन्न देश बन पाया। इस उपलब्धि को पाने में डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा का बहुत योगदान था। वर्तमान में 7 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में 21 परमाणु रिएक्टर ऑपरेशन में हैं।

12- हॉकी टीम ने जीता गोल्ड

कब- 1956 ओलंपिक

क्या- भारतीय हॉकी टीम ने मेलबर्न में हुए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। ओलिंपिक खेलों का आयोजन 23 नवंबर से छह दिसंबर के बीच किया गया था। कुल 12 टीमों ने इन खेलों में हिस्सा लिया था।

कैसे- भारतीय हॉकी टीम की अगुआई कप्तान बलबीर सिंह सीनियर कर रहे थे। आजादी के करीब नौ साल बाद यह ओलंपिक हो रहा था। महामुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच था। दोनों टीमें जी-जान से खेल रही थीं। खेल के 38वें मिनट में भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसे रंधीर सिंह जेंटल ने गोलपोस्ट में डाल कर भारत को 1-0 से विजेता बना दिया। इस तरह भारत ने अपना छठवां ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता।

महत्व- हॉकी में भारतीय टीम की तूती बोलने लगी और दुनिया में भारतीय खिलाड़ियों का डंका बजने लगा। ध्यानचंद के बाद बलबीर सिंह सीनियर को भी हॉकी का जादूगर कहा जाने लगा। वह बतौर कप्तान लगातार तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने में ध्यानचंद की बराबरी पर आ गए थे।
13- मदर इंडिया ऑस्कर के लिए नामित

कब-1958

क्या- महबूब खान द्वारा निर्देशित मदर इंडिया सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा में ऑस्कर के लिए नामांकित होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी। मदर इंडिया विदेशी फिल्म की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पांच फिल्मों में जगह बनाने में कामयाब रही थी। 1957 में रिलीज हुई फिल्म में नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राजकुमार ने अभिनय किया था। हालांकि, महज एक वोट के अंतर से यह ऑस्कर पाने से चूक गई।

कैसे- फिल्म रिलीज होते ही सुपर हिट हो गई। इसे एक राष्ट्रीय पुरस्कार और पांच फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिले। तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू समेत कई सम्मानित नेताओं के लिए राष्ट्रपति भवन में इसका एक विशेष शो कराया। इसके बाद ऑस्कर पुरस्कारों के लिए ‘मदर इंडिया’ का नामांकन भेजा गया।

महत्व- भारतीय सिनेमा का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हुआ। इस फिल्म ने महिला सशक्तीकरण की राह दिखाई।

14- अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंची सत्यजीत रे की फिल्म

कब- 1959

क्या- सत्यजीत रे की फिल्म ‘अपूर संसार’ ने भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचा दिया। इस फिल्म के लिए उन्होंने तीन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते। इससे पहले उनकी पहली फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ भी कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर चुकी थी।

कैसे- ‘अपूर संसार’ सत्यजीत रे की ओर से विश्व सिनेमा को दिया गया सबसे बड़ा योगदान माना जाता है। उनकी इस ख्याति ने उन्हें सम्मानों का हकदार बनाया।

महत्व- सत्यजीत रे भारतीय सिनेमा को विश्व फलक पर ले गए। वे भारतीय सिनेमा की पहचान बन गए थे। उनकी फिल्मों के जरिए ही दुनिया ने भारतीय सिनेमा को समझा। विश्व सिनेमा में उनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए ही सत्यजीत रे को मानद ‘ऑस्कर अवार्ड’ से भी नवाजा गया।
हरित क्रांति

15- हरित क्रांति

कब-1965-66

क्या- हरित क्रांति को औपचारिक तौर पर अपनाया गया।

कैसे- स्वतंत्रता के बाद भारत खाद्यान्न आयात करता था। देश 1960 के दशक के मध्य तक अंतरराष्ट्रीय खाद्य सहायता पर निर्भर था। इस समय देश में अकाल जैसी स्थिति भी थी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के गेहूं कार्यक्रम से जुड़े तत्कालीन सदस्य एमएस स्वामीनाथन ने 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिलाकर उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के बीज विकसित किए। इससे पहली बार देश में गेहूं की बंपर फसल हुई। इस तरह औपचारिक तौर पर भारत में हरित क्रांति को अपनाया गया।

महत्व- देश के खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने लगी। 1968 में किसानों ने रिकॉर्ड 170 लाख टन गेहूं का उत्पादन किया, जबकि इससे पहले सबसे ज्यादा 120 लाख टन उत्पादन 1964 में हुआ था। देश खाद्यान्न उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बना और यहां तक कि विभिन्न खाद्यान्नों का निर्यात भी करने लगा। इससे कृषि क्षेत्र में ज़रूरी सुधार प्रक्रिया भी शुरू हो गई।
16- मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड

कब-1960 के रोम ओलंपिक

क्या- फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर धावक मिल्खा सिंह रोम ओलंपिक में 400 मीटर की रेस में चौथे नंबर पर रहे और पदक जीतने से चूक गए। इस रेस में उन्हें 45.73 सेकंड का वक्त लगा। हारकर भी उन्होंने ऐसा राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया, जो 40 साल तक कायम रहा।

कैसे- मिल्खा जब फाइनल मुकाबले में ‘स्टेडियो ओलंपिको’ में दौड़ रहे थे, तो वे ढाई सौ मीटर तक रेस में सबसे आगे थे। अचानक उन्हें लगा कि वे जरूरत से ज्यादा तेज दौड़ रहे हैं। दौड़ते समय पीछे मुड़कर देखने की उन्हें आदत थी। उस समय भी उन्होंने वही किया। दूसरे खिलाड़ियों को देखने के लिए एक दफा पीछे मुड़े। बस यही उनकी भारी भूल साबित हुई। उनकी रफ्तार और लय टूट गई। इसके बाद वे ग्राउंड को कवर नहीं कर पाए और दौड़ में आगे रहने वाले मिल्खा एक सेकेंड के दसवें हिस्से से पिछड़कर चौथे नंबर पर रह गए। लेकिन हार कर भी उन्होंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना लिया।

महत्व- मिल्खा सिंह ने अपने शानदार प्रदर्शन से नया कीर्तिमान बनाया। रोम ओलंपिक में बनाया गया उनका रिकॉर्ड दशकों तक उनकी पहचान रहा।

17- गुटनिरपेक्ष आंदोलन की शुरुआत

कब-1961

क्या- गुटनिरपेक्ष आंदोलन को शुरू करने में भारत की अहम भूमिका रही। पंडित जवाहर लाल नेहरू इसके प्रमुख नेताओं में शामिल रहे।

कैसे- उस समय कई देश आजाद हुए थे और नीति निर्धारण कर रहे थे। उस समय दुनिया अमेरिका और सोवियत संघ, इन दो गुटों में बंटी थी। भारत ने यह तय किया कि वह किसी भी गुट का पिछलग्गू नहीं बनेगा। गुटनिरपेक्ष देशों की संस्था है गुटरनिरपेक्ष आंदोलन। इसे बनाने का विचार पहली बार 1950 में किया गया था। यह आंदोलन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासर और युगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रॉज टीटो ने शुरू किया था। इस आंदोलन की पहली बैठक में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अहम भूमिका रही। गुटनिरपेक्ष आंदोलन का पहला सम्मेलन वर्ष 1961 में यूगोस्लाविया के बेलग्रेड में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में विश्व के 25 देशों ने हिस्सा लिया था।

18- भारत की फुटबॉल टीम शीर्ष पर पहुंची

कब- 04 सिंतबर 1962

क्या- पहले ही एशियन गेम्स में भारतीय फुटबॉल टीम ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। एशियन गेम्स इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित किए गए थे। एशियाई खेलों में भारत ने दक्षिण कोरिया जैसी मजबूत टीम को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।

कैसे- फाइनल मुकाबला सेनायन मैन स्टेडियम में हो रहा था। मैच में इंडोनेशिया के दर्शक कोरियाई टीम की हौसला अफजाई कर रहे थे। करीब एक लाख इंडोनेशियाई दर्शक स्टेडियम में बैठे हुए थे। स्टेडियम खचाखच भरा था। भारतीय टीम फाइनल में जब दक्षिण कोरिया से 2-0 से आगे थी तो स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया। हालांकि, आखिर में कोरिया ने एक गोल करने की कोशिश की, लेकिन गोलरक्षक पीटर थंगराज ने गोल नहीं होने दिया। भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में प्रदीप कुमार बनर्जी और जरनैल सिंह के गोल का योगदान रहा।

महत्व- यह भारत के लिए ऐतिहासिक पल रहा। सही मायनों में इस एशियन गेम्स की चर्चा भारतीय फुटबॉल टीम के लिए ही अक्सर की जाती है। इस उपलब्धि को हासिल कर फुटबॉल टीम अपनी सर्वोच्च रैंकिंग पर पहुंची।
19- भाखड़ा नांगल बांध परियोजना

कब- 1963

क्या- प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस परियोजना की शुरुआत की

कैसे- राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की इस संयुक्त परियोजना का निर्माण 1948 में शुरू हुआ था और 1963 में संपन्न हुआ।

महत्व- पंजाब में सतलुज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है, जिसका उद्देश्य सिंचाई और विद्युत उत्पादन है। यहां से 1325 मेगावॉट से ज्यादा बिजली का उत्पादन होता है। यह बाढ़ की रोकथाम में भी मददगार है और इससे राजस्थान, पंजाब और हरियाणा को सिंचाई का पानी उपलब्ध होता है।
इंदिरा गांधी

20- इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री

कब-1966

क्या- पहली बार देश की कमान एक महिला प्रधानमंत्री के हाथों में आई।

कैसे- पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की संदिग्ध हालात में मौत के बाद इंदिरा गांधी को न केवल कांग्रेस पार्टी की प्रमुख बनने का मौका मिला, बल्कि उन्हें देश की बागडोर संभालने का भी मौका मिला। वे मार्च 1977 तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। इसके बाद 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं। 31 अक्तूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों ने ही गोलियां दागकर उनकी हत्या कर दी और इस तरह इंदिरा युग खत्म हो गया।

महत्व- देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने से इंदिरा गांधी महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बनीं। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान से अलग बांग्लादेश बनाकर दुनिया में उन्होंने अपने नेतृत्व का प्रभाव छोड़ा।
21- रीता फारिया बनीं मिस वर्ल्ड

कब- 07 नवंबर 1966

क्या- रीता फारिया पहली भारतीय और एशियाई सुंदरी थीं, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में जीत हासिल की थी। वे पेशे से डॉक्टर थीं। एक साल तक मॉडलिंग की दुनिया में ऊंचाइयां छूने के बाद वो अपने पेशे में लौट गईं। 1998 में वे फेमिना मिस इंडिया में बतौर जज नजर आईं थीं।

कैसे- प्रतियोगिता में रीता फारिया हर राउंड में आगे चल रही थीं। पर्सनालिटी राउंड में उनसे एक सवाल पूछा गया, आपको डॉक्टर क्यों बनना है? इस पर फारिया ने जवाब दिया, भारत में महिला विशेषज्ञों की बेहद ज़रूरत है। भारत में बच्चे बहुत हैं और उनके लिए काम करने की ज़रूरत है। फारिया के इस जवाब ने उन्हें विश्व सुंदरी बना दिया।

महत्व- रीता फारिया के मिस वर्ल्ड बनने के बाद दूसरी भारतीय महिलाएं भी सौंदर्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित हुईं। 1990 के दशक में भारतीय सुंदरियां सौंदर्य प्रतियोगिताओं में बाजी मारने लगीं। ऐश्वर्या राय, डायना हेडन, युक्ता मुखी, प्रियंका चोपड़ा और मानुषी छिल्लर ने यह खिताब अपने नाम किया है।

22- बैंकों का राष्ट्रीयकरण

कब-19 जुलाई 1969

क्या- तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पचास करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी वाले 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था।

कैसे- उस वक्त बैंकों को देश के बड़े औद्योगिक घराने चला रहे थे। 1951 से 1968 के दौरान बैंकों की ओर से दिए गए कुल कर्ज में कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़कर 68 फीसदी हो गई थी। दूसरी तरफ 1969 में देश में हरित क्रांति पर काफी जोर होने के कारण कृषि के लिए कर्ज की उपलब्धता जरूरी थी। इंदिरा गांधी ने 19 जुलाई 1969 को शाम 5 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई। इसमें राष्ट्रीयकरण के विधेयक को मंजूरी दी गई।

महत्व-भारतीय बैंकिंग व्यवस्था के लिए इस दिन को ऐतिहासिक माना गया। बैंकों के राष्ट्रीयकरण से ग्रामीण इलाकों और अर्थव्यस्था को फायदा पहुंचा। राष्ट्रीय स्तर पर विकास के समान अवसर उपलब्ध हुए। आज सरकारी क्षेत्र के बैंकों से लाखों बेरोजगारों को नौकरी और रोजगार मिलता है।
23- इसरो की स्थापना

कब-15 अगस्त 1969

क्या- वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की। इसके साथ ही भारत में अंतरिक्ष की गतिविधियों की शुरुआत हो गई। उसी साल तिरुवनंतपुरम के निकट थुम्बा भूमध्यरेखीय रॉकेट प्रक्षेपण स्टेशन (टर्लस) की स्थापना का काम भी शुरू हो गया।

कैसे- रूसी स्पुतनिक के लॉन्च होने के बाद साराभाई ने इसरो की स्थापना के बारे में सोचा। इसरो की स्थापना से अंतरिक्ष कार्यक्रम को क्या फायदा मिलेगा, यह समझाने के लिए उन्हें सरकार के साथ कई दौर की बातचीत करनी पड़ी।

महत्व- इसरो की वजह से आज भारत अंतरिक्ष की दुनिया में नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। यह विश्व की छठी बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई है।

24- श्वेत क्रांति

कब-1970

क्या- भारत ने दुनिया के सबसे बड़े डेयरी विकास कार्यक्रम के कारण श्वेत क्रांति देखी। इसकी शुरुआत 13 जनवरी 1970 से हुई। डॉ वर्गीज कुरियन को श्वेत क्रांति का जनक कहा जाता है।

कैसे- वर्गीज कुरियन 1949 में कैरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड का काम देख रहे थे। उनके नेतृत्व में यह कोऑपरेटिव सोसायटी खूब प्रगति करने लगी। यहां गांव-गांव से इतना दूध इकट्ठा होने लगा कि उसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाना मुश्किल हो गया। जमा किया हुआ दूध खराब न हो जाए, इसके लिए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का फैसला हुआ। इस तरह अमूल की नींव पड़ी। सरकार ने राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड का गठन कर डॉ. कुरियन को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। इस तरह 1970 के दशक में श्वेत क्रांति शुरू हुई। इसकी आधारशिला ग्राम दुग्ध उत्पादकों की सहकारी समितियां हैं।

महत्व- श्वेत क्रांति से भारत दूध की कमी वाले देश से दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देश में बदल गया। अभी दूध के वैश्विक उत्पाद में भारत का 18 प्रतिशत योगदान है।
25- बांग्लादेश का जन्म

कब- 16 दिसंबर 1971

क्या- भारत के सैन्य हस्तक्षेप के बाद पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश नाम का स्वतंत्र राष्ट्र बना।

कैसे- शेख मुजीबुर रहमान पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनकी अगुआई में लोग सड़कों पर आंदोलन करने लगे। सरकार ने इस विद्रोह को दबाने के लिए सेना बुला ली। पाकिस्तानी सरकार के अत्याचार से तंग होकर रहमान की पार्टी आवामी लीग के कई सदस्य भारत आ गए।

माना जा रहा है कि उस दौरान करीब एक करोड़ लोग भारत शरणार्थी के तौर पर आ गए थे। 3 दिसंबर 1971 को बौखलाई पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत पर हमला कर दिया। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया। उस समय देश में इंदिरा गांधी की सरकार थी। भारत ने न केवल पाकिस्तान को पटखनी दी, बल्कि सैन्य हस्तक्षेप करके 16 दिसंबर को पाकिस्तानी सेना को सरेंडर करने के लिए मजबूर किया और भारत की यह जीत दूसरे विश्व युद्ध के बाद दो देशों के बीच हुए युद्ध में सबसे बड़ी जीत थी। इस जंग से एक नए देश बांग्लादेश का उदय हुआ।

महत्व- इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को मात दी। बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करके पड़ोसी देश को सख्त संदेश और सबक दिया। दुनिया को भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत का एहसास हुआ।
26- चिपको आंदोलन

कब-1973-1943

क्या- यह देश का सबसे बड़ा वन संरक्षण आंदोलन था। यह देश के प्रभावी आंदोलनों में एक माना जाता है।

कैसे- इस आंदोलन की शुरुआत 1973 में उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश का भाग) के चमोली जिले के गांव में हुई थी। चिपको आंदोलन को शुरू करने वालों में मशहूर पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा, चंडीप्रसाद भट्ट और गौरा देवी शामिल थीं। 26 मार्च 1974 का दिन था। सरकार ने इस जिले के ढाई हजार पेड़ काटने का आदेश दिया था। ठेकेदार ने अपने लोगों को पेड़ काटने के लिए भेजा। पेड़ों से बेइंतहा मुहब्बत करने वाली गौरा देवी को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई। वे गांव की अन्य महिलाओं के साथ पेड़ों से लिपट गईं। ठेकेदार के आदमी लाख समझाते रहे लेकिन वे पेड़ से लिपटी रहीं और यह कहती रहीं कि पहले उन्हें काटो फिर पेड़ कटेंगे। मजबूरन ठेकेदार के लोगों को वापस जाना पड़ा। इस अहिंसक विरोध प्रदर्शन को चिपको आंदोलन का नाम दिया गया।

महत्व- इस आंदोलन ने सरकार और लोगों का ध्यान पर्यावरण संरक्षण की ओर खींचा और इसका असर देश भर में देखा गया। पर्यावरण संरक्षण सरकार की प्राथमिकता में आया। इसी आंदोलन का नतीजा रहा कि अगले 15 सालों तक हिमालय के क्षेत्र में एक भी पेड़ नहीं काटा गया। इसी तर्ज पर पेड़ों को बचाने के लिए दक्षिण भारत में एप्पिको नाम से आंदोलन शुरू हुआ।
27- टाइगर प्रोजेक्ट

कब- 1973

क्या- देश में बाघों की घटती आबादी को बचाने के लिए 1973 में भारत का सबसे सफल पशु संरक्षण कार्यक्रम प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया।

कैसे- भारत सरकार ने एक अप्रैल 1973 को टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इसकी शुरुआत उत्तराखंड के कॉरबेट राष्ट्रीय पार्क से की गई। बाघों को शिकारियो से बचाने के लिए टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स भी बनाया गया। 1973-74 में जहां नौ टाइगर रिजर्व थे, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 51 हो गई है। पर्यावरण मंत्रालय ने 2005 में नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी का गठन किया। इसी अथॉरिटी को प्रोजेक्ट टाइगर के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

महत्व- भारत ने बाघों के संरक्षण के मामले में दुनिया को एक रास्ता दिखाया। इससे लोगों में बाघों को बचाने की जागरूकता आई। दुनिया भर के सिर्फ 13 देश ही ऐसे हैं, जहां पर बाघ पाए जाते हैं, जिसमें 70 फीसदी बाघ भारत में ही हैं। दुनियाभर में अभी कुल 3,900 टाइगर बचे हैं, जिनमें से 2,967 अकेले भारत में हैं।
पोखरण

28- पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण

कब- 18 मई 1974

क्या- राजस्थान के जैसलमेर से करीब 140 किमी दूर पोखरण में 18 मई 1974 को एक सफल शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण हुआ, जिसने दुनिया को हैरत में डाल दिया। उस दिन बुद्ध पूर्णिमा का दिन था। भारत ने अपने पहले परमाणु परीक्षण का कोडनेम “स्माइलिंग बुद्धा” रखा था। जिसका संदेश दुनिया के लिए यह था कि भारत ने अपनी शांति के लिए यह परीक्षण किया है।

कैसे- तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी नींव 1967 में रख दी थी। उन्होंने इस गुप्त मिशन को पूरा करने के लिए परीक्षण की जिम्मेदारी भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के तत्कालीन अध्यक्ष राजा रमन्ना को सौंपी थी। उस समय डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भी उनके साथ थे। बाद में कलाम ने पोखरण-2 की पूरी कमान संभाली थी। वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की टीम चुपचाप सात सालों तक इस मिशन के लिए कड़ी मेहनत करती रही।

महत्व- यह परीक्षण भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने की दिशा में पहला कदम बना। इससे भारत को अपने परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में तेजी लाने में मदद मिली। इसके साथ भारत पांच परमाणु शक्ति संपन्न देशों की सूची में शामिल हो गया।
29- पहला भारतीय उपग्रह लॉन्च

कब- 19 अप्रैल 1975

क्या- पहले स्वदेशी अंतरिक्ष उपग्रह का नाम खगोलशास्त्री आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था। आर्यभट्ट उपग्रह को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने सोवियत यूनियन की मदद से बनाया था। इसे सोवियत संघ से लॉन्च किया गया था।

कैसे- आर्यभट्ट को बनाने में इसरो के पूर्व प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर यूआर राव का बड़ा योगदान माना जाता है। प्रक्षेपण की तकनीक भारत के पास नहीं थी इसलिए सरकार ने सोवियत संघ से मदद मांगी। इसरो के पूर्व चेयरमैन यूआर राव ने एक इंटरव्यू में यह बताया था कि मिशन के दौरान सेंटर में जगह की कमी पड़ गई तो वैज्ञानिकों ने टॉयलेट को ही डाटा रिसीविंग सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया।

महत्व- इसके साथ ही देश ने एक नया मुकाम हासिल किया और अंतरिक्ष युग में प्रवेश किया। एक्स-रे, खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान और सौर भौतिकी में जानकारी हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने इसका प्रयोग किया था।
30- भारत हॉकी में बना विश्व चैंपियन

कब- 15 मार्च 1975

क्या- भारत को हॉकी विश्व कप का खिताब मिला। कप्तान अजील पाल सिंह के नेतृत्व में इस साल मलेशिया के कुआलालम्पुर में खेले गए हॉकी विश्व कप को भारतीय टीम ने अपने नाम किया।

कैसे- यह खिताब भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 2-1 से हराकर जीता। इस जीत में हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार का बड़ा योगदान माना जाता है, जिन्होंने भारत के लिए ऐतिहासिक गोल कर देश को ऐतिहासिक जीत दिलाई। उन्होंने 51वें मिनट में गोल कर भारत को 2-1 से आगे कर दिया था।

महत्व- यह भारत के लिए ऐतिहासिक जीत रही। उस समय हॉकी को लेकर देशों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। ऐसे में भारत का विश्व कप विजेता होना बहुत बड़ी उपलब्धि थी।

31- बंधुआ मजदूरी पर पाबंदी

कब- 25 अक्तूबर 1976

क्या- बंधुआ मजदूरों को गुलामी के बंधन से मुक्त कराने के लिए कानून बना। कानून लागू होने से गुलामी प्रथा को एक दंडनीय अपराध बना दिया गया। साथ ही मजदूरों के कर्ज की भी समाप्ति हो गई।

कैसे- 25 अक्तूबर 1976 को बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम लागू होने से पूरे देश से बंधुआ श्रम प्रणाली को खत्म कर दिया गया।

महत्व- इसे भारत में सामाजिक न्याय और सम्मानपूर्वक जीवन जीने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। इस कानून के लागू होने के बाद देश भर से बंधुआ मज़दूरों को रिहा करवाया गया और उनके पुनर्वास की व्यवस्था की गई।

32- टेस्ट-ट्यूब बेबी ‘दुर्गा’ का जन्म

कब- 03 अक्तूबर 1978

क्या- भारत के पहले और दुनिया के दूसरे टेस्ट-ट्यूब बेबी ‘दुर्गा’ का जन्म हुआ। पहले आईवीएफ तकनीक से पैदा हुए बच्चों को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता था।

कैसे- कोलकता के डॉ सुभाष मुखोपाध्याय ने भारत के पहले टेस्ट बेबी को पैदा कराने में अहम भूमिका निभाई थी। वे भारत में आईवीएफ तकनीक को ईजाद करने वाले नायक माने जाते हैं।

महत्व- आईवीएफ तकनीक से नि:संतान दंपतियों को संतान सुख मिला, जो बरसों से इसके लिए तरस रहे थे।

33- मंडल आयोग का गठन

कब- 01 जनवरी 1979

क्या- भारत के सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए 1979 में मंडल आयोग की स्थापना की गई थी।

कैसे- मोरारजी देसाई सरकार ने एक जनवरी 1979 को एक अधिसूचना जारी कर पिछड़ा वर्ग आयोग या मंडल आयोग का गठन किया। छह सदस्यीय इस आयोग की अध्यक्षता बिहार के मधेपुरा से सांसद बिन्देश्वरी नारायण मंडल को सौंपी गई। जनवरी 1979 में मंडल आयोग ने अपना काम शुरू किया।

महत्व- इसी आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1990 में पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला। बाद में मनमोहन सिंह की सरकार आई तो 2006 में उच्च शिक्षा में भी आरक्षण की यह व्यवस्था लागू की गई। आरक्षण व्यवस्था लागू होने से उत्तर भारत की राजनीति पर इसका गहरा असर पड़ा।
34- पहला उपग्रह रोहिणी कक्षा में स्थापित

कब- 18 जुलाई 1980

क्या- 18 जुलाई 1980 को श्रीहरिकोटा के शार केंद्र से भारत निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी-तीन से रोहिणी उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया।

कैसे- 17 टन भारी व 22 मीटर ऊंचा एसएलवी- तीन, चार पैरों वाला वाहन था। रोहिणी की अगस्त 1979 में आयोजित पहली प्रायोगिक उड़ान आंशिक सफल रही थी। जिसके बाद रोहिणी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने का सपना पूरा हो गया। इसरो के तत्कालीन अध्यक्ष सतीश धवन ने इसका श्रेय एपीजे कलाम को दिया। एसएलवी-तीन ने बाद में 1981 और 1983 में भी तीन रोहिणी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया।

महत्व- भारत अंतरिक्ष क्षमता वाले खास राष्ट्रों के क्लब का 6वां सदस्य बन गया। एसएलवी-3 परियोजना की सफलता के बाद एएसएलवी, पीएसएलवी और जीएसएलवी जैसे प्रक्षेपण यान की परियोजनाओं को रास्ता मिला। भारत का पहला मानव रहित चंद्रयान भी पीएसएलवी के एक संशोधित संस्करण द्वारा ही लॉन्च किया गया था।

35- स्वदेशी संचार उपग्रह

कब-19 जून 1981

क्या- संचार युग में प्रवेश के लिए भारत का पहला संचार उपग्रह एप्पल कौरु फ्रेंच गयाना से एरियान-1 द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया।

कैसे- इसरो ने मात्र दो साल की अवधि में सीमित संसाधनों में एप्पल का निर्माण किया। वैज्ञानिकों ने एरिएन पैसेंजर पे लोड एक्सपेरिमेंट का संक्षिप्त नाम एप्पल दिया। इसरो ने एप्पल की संरचना, ऊष्मा नियंत्रण और संवेदी तंत्र की अच्छी तरह जांच करने के बाद इसे फ्रांस भेजा, जहां कई प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद इसे फ्रेंच गुयाना पहुंचा दिया गया। इस अभियान का नियंत्रण वैज्ञानिक आंध्रप्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर से ही कर रहे थे।

महत्व- यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। 13 अगस्त 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि एप्पल ने ‘भारत के उपग्रह संचार युग की शुरुआत’ की है। एप्पल का टी.वी. कार्यक्रमों के प्रसारण और रेडियो नेटवर्किंग सहित कई संचार परीक्षणों में उपयोग किया गया। एप्पल की वजह से उन्नत संचार प्रौद्योगिकी का परीक्षण करना संभव हो पाया है और इस क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। संचार के क्षेत्र में भारत को दुनिया के अग्रणी देशों में पहुंचाने का काम एप्पल जैसे संचार उपग्रहों ने ही किया है।
वर्ल्ड कप 1983

36- भारत क्रिकेट में विश्व चैंपियन

कब- 25 जून 1983

क्या- कपिल देव के नेतृत्व में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर अपना पहला क्रिकेट विश्व कप जीता।

कैसे- भारत और वेस्टइंडीज के बीच महामुकाबला लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में 25 जून 1983 को खेला गया था। भारत जब फाइनल मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ उतरी थी, तब इंडीज दुनिया की सबसे दिग्गज टीम मानी जाती थी। वेस्टइंडीज की तरफ से क्लाइव लॉयड के अलावा सर विवियन रिचर्ड्स जैसे दिग्गज खिलाड़ी उस दिन मैदान में मौजूद थे। भारतीय टीम 183 रन बनाकर आउट हुई थी। अब बल्लेबाजी की बारी वेस्टइंडीज की थी। मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने 3-3 विकेट लिए थे और 43 रनों से जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की। भारतीय टीम ने दो बार चैंपियन रह चुकी वेस्टइंडीज को हराया था।

महत्व- लॉर्डस के मैदान पर मिली इस जीत से दुनिया को भारतीय क्रिकेट टीम का एक नया रूप देखने को मिला। पहले भारतीय टीम को कमजोर माना गया, लेकिन इस जीत ने दुनिया की सोच बदल दी। इसके बाद क्रिकेट में भारत का सितारा अक्सर बुलंदियों पर रहा है।
37- अंतरिक्ष पहुंचे राकेश शर्मा

कब- 03 अप्रैल 1984

क्या- राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में जाकर इतिहास रचा था। वे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने। दो अप्रैल 1984 को दो अन्य सोवियत अंतरिक्षयात्रियों के साथ सोयूज टी-11 में उन्हें लॉन्च किया गया था। वे आठ दिनों तक रूसी अंतरिक्ष स्टेशन साल्युत-7 में रहे। जब अंतरिक्ष स्टेशन से राकेश शर्मा ने इंदिरा गांधी को फोन किया तो भारतीय प्रधानमंत्री ने पूछा कि वहां से हमारा हिंदुस्तान कैसा नजर आता है, इसके जवाब में उन्होंने कहा था ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’।

महत्व- राकेश शर्मा अंतरिक्ष को छूने वाले पहले भारतीय होने का गौरव हासिल हुआ। उनके नाम से हर हिन्दुस्तानी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। वे लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत बने और विज्ञान के प्रति छात्रों की दिलचस्पी बढ़ी।

38- एशियाई खेलों में पीटी उषा की ऐतिहासिक जीत

कब- 1986

क्या- इस साल आयोजित हुए एशियाई खेलों में पीटी उषा ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

कैसे-1986 के एशियाई खेलों में उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम किए। इस प्रदर्शन की खासियत यह थी कि जिन स्पर्धाओं में उषा ने स्वर्ण पदक जीता उन सभी में उन्होंने नया एशियाई रिकॉर्ड बनाया।

महत्व- इस खेल में पहली बार भारत की उड़न परी पीटी उषा की काबिलियत का डंका दुनिया में बजा। वे देश की लाखों लड़कियों की प्रेरणा बनीं।

39- सुनील गावस्कर टेस्ट मैच में बने पहले 10 हजारी

कब- 07 मार्च 1987

क्या- अहमदाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए सुनील गावस्कर ने टेस्ट मैच में 10 हजार रन पूरे किए थे।

कैसे- गावस्कर ने पाकिस्तानी गेंदबाज एजाज फाकीह की गेंद पर स्लिप की दिशा में शॉट खेलकर एक रन पूरा किया और इसी के साथ वो टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए।

महत्व- क्रिकेट की दुनिया में सुनील गावस्कर का नाम सम्मान से लिया जाने लगा। इस टेस्ट मैच में उन्होंने एक ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया जिसकी वजह से वे आने वाली पीढ़ी के लिए आदर्श बन गए।

40- भारत बना क्रिकेट विश्व कप का मेजबान

कब-1987

क्या- 1987 का विश्व कप पहली बार इंग्लैंड से बाहर हुआ। इससे पहले इंग्लैंड लगातार तीन क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी कर चुका था। विश्व कप की संयुक्त मेजबानी भारत और पाकिस्तान ने की।

कैसे- 1983 का विश्व कप जीतने के कारण विश्व कप की मेजबानी के लिए भारत का दावा मजबूत था, लेकिन इस आयोजन के पीछे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एनकेपी साल्वे का बड़ा योगदान रहा। 1983 में भारत के वर्ल्ड कप जीतने के बाद एक बार साल्वे ने तब के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन एयर मार्शल नूर खान साथ के साथ लंच करते हुए इस बात का जिक्र किया कि काश वर्ल्ड कप के आयोजन का मौका भारत को मिले। तभी दोनों अधिकारियों के मन में यह ख्याल आया कि भारत और पाकिस्तान मिलकर वर्ल्ड कप का आयोजन करें।

महत्व- इस आयोजन से आईसीसी में भारतीय क्रिकेट का दबदबा बढ़ा।
मंडल आयोग

41- मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू

कब- 1990

क्या- मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई।

कैसे- मंडल आयोग ने तत्कालीन गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह को रिपोर्ट सौंपी। 1982 में रिपोर्ट संसद में पेश की गई। इसमें अन्य पिछड़े वर्गों को 27 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की गई थी। 1989 के आम चुनाव में जनता दल ने आयोग की सिफारिशों को चुनाव घोषणापत्र में शामिल किया। जनता दल गठबंधन की सरकार बनने के बाद वीपी सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे। उन्होंने सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण देने की मंडल आयोग की सिफारिश लागू कर दी।

महत्व- मंडल आयोग की सिफारिश लागू होने से ओबीसी के लिए आरक्षण का रास्ता खुला। इस घटना ने आजादी के बाद की राजनीति को दो हिस्सों में बांट दिया। एक मंडल कमीशन रिपोर्ट लागू होने से पहले की राजनीति और दूसरी उसके बाद की।
42- कुवैत से एयरलिफ्ट

कब- अगस्त 1990

क्या- कुवैत पर इराक के आक्रमण के बाद कुवैत और इराक से 1,75,000 भारतीयों को वापस लाया गया।

कैसे- 1990 में पहले भारत सरकार ने मिलिट्री विमान भेजकर बचाव कार्य चलाने की योजना बनाई थी। लेकिन एयर-स्पेस क्लीयरेंस नहीं मिला तो नागरिक विमान से बचाव कार्य किया गया। यह दुनिया के सबसे बड़े बचाव कार्य के रूप में जाना जाता है। 13 अगस्त 1990 से 20 अक्टूबर 1990 तक भारतीय सेना के सहयोग से भारतीयों को स्वदेश लाया गया। एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस ने लगभग पौने दो लाख लोगों को निकालने में मदद की। इस दौरान इन विमानों ने 488 उड़ानें भरीं।

महत्व- भारत की इस कोशिश से वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना। इससे बाहर रहने वाले देशवासियों में यह विश्वास पैदा हुआ कि संकट के समय वतन वापसी कराने के लिए सरकार उनके साथ है।

43- उदारीकरण से नई अर्थव्यवस्था की नींव पड़ी

कब- 24 जुलाई 1991

क्या- इस दिन संसद में पेश किए गए बजट से भारत में एक नई खुली हुई अर्थव्यवस्था की नींव पड़ी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उदारवादी अर्थव्यवस्था का जनक माना जाता है।

कैसे- इससे पहले देश एक गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था और इसी संकट ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को नई आर्थिक नीति लागू करने के लिए प्रेरित किया। उदारीकरण लाने वाले बजट में देश में लाइसेंसी राज को खत्म करने और विदेशी निवेश के दरवाजे खोलने का फैसला किया गया। माना जाता है कि इस बजट ने देश की किस्मत पलट दी। इसके बाद देश में उदारीकरण का दौर शुरू हुआ और भारतीय अर्थव्यवस्था ने विदेशी निवेशकों के लिए मुक्त व्यापार के दरवाजे खोल दिए।

महत्व- इस महत्वपूर्ण बजट को आधुनिक भारत के इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक माना जाता है। इसके सिर्फ दो साल बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सराहा। मौजूदा समय में यदि भारतीय अर्थव्यवस्था की चर्चा दुनिया में होती है तो इसका श्रेय 1991 में लागू की गई नई आर्थिक नीति को जाता है।

44- सत्यजीत रे को ऑस्कर

कब- 30 मार्च 1992

क्या- भारतीय सिनेमा के युगपुरुष सत्यजीत रे को ऑस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट ऑनरेरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

कैसे- जिस समय इस सम्मान की घोषणा हुई, उस दौरान वो काफी बीमार थे। ऐसे में ऑस्कर के पदाधिकारियों ने फैसला लिया था कि ये अवॉर्ड उनके पास पहुंचाया जाएगा। ऑस्कर के पदाधिकारियों की टीम ने कोलकाता पहुंच कर उन्हें सम्मानित किया।

महत्व- दादा साहब फाल्के के बाद इंडियन सिनेमा में सबसे बड़ा नाम सत्यजीत रे का माना जाता है। ऑस्कर के बाद विश्व सिनेमा में उनका कद और बड़ा हो गया। देश के सिनेमा के इतिहास में उनका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया।

45- पंचायती राज के लिए 73वां संविधान संशोधन

कब- 24 अप्रैल 1993

क्या- पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक मान्यता देने के लिए 73वां संविधान संशोधन लागू हुआ।

कैसे- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी देश की पंचायतों को मजबूत बनाना चाहते थे। पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने 64वें संविधान संशोधन विधेयक को तैयार करवाया था। इसका मकसद था देश की करीब ढाई लाख पंचायतों को अधिक अधिकार प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना ताकि ग्राम पंचायतें स्थानीय जरूरतों के अनुसार योजनाएं बनाएं और उन्हें लागू करें। इसी आधार पर पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने 73वां संशोधन अधिनियम, 1992 संसद में पारित कराया। इसे 24 अप्रैल 1993 को लागू किया गया।

महत्व- इससे पंचायती राज व्यवस्था को न केवल नई दिशा मिल, बल्कि महिलाओं को पंचायतों में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर उनकी भागीदारी बढ़ाने का अवसर प्रदान किया गया।
इंटरनेट

46- देश में पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल

कब- 15 अगस्त 1995

क्या- देश में पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल हुआ था। देश में इंटरनेट के आने के बाद किसी को अंदाजा नहीं था कि यह हमारी जिंदगी और कामकाज का अनिवार्य हिस्सा बन जाएगा।

कैसे- देश में विदेश संचार निगम लिमिटेड (वीएसएनलएल) ने इंटरनेट की शुरुआत की थी। वीएसएनएल ने अपनी टेलीफोन लाइन ब्रॉडबैंड के जरिए दुनिया से भारत के कंप्यूटर्स को जोड़ा था। उस समय इंटरनेट की स्पीड बहुत कम थी और मुश्किल से गिने-चुने कंप्यूटर पर ही इंटरनेट था।

महत्व- देश में इंटरनेट आने के बाद लोगों के लिए सूचनाओं और जानकारी का महत्वपूर्ण दरवाजा खुला। 1998 में निजी ऑपरेटरों को इंटरनेट सेवाएं देने के लिए यह क्षेत्र खोल दिया गया। अभी इंटरनेट इस्तेमाल करने के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर का देश है। द इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 तक भारत में 90 करोड़ एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हो जाएंगे। 2020 तक इनकी संख्या 62.2 करोड़ थी।
47- मिड डे मील की शुरुआत

कब- 15 अगस्त 1995

क्या- केंद्र सरकार ने स्कूली बच्चों को दोपहर में पौष्टिक भोजन देने के लिए मिड डे मील (मध्याह्न भोजन योजना) की शुरुआत की। भारत सरकार की यह योजना देशभर के 12.65 लाख से अधिक स्कूलों में 12 करोड़ बच्चों को आहार देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी योजना है।

कैसे- कन्वेंशन ऑन द राइट्स ऑफ द चाइल्ड ट्रीटी का हिस्सा होने के कारण देश की यह जिम्मेदारी थी कि वो अपने देश के बच्चों को पौष्टिक खाना मुहैया कराए। इसी जिम्मेदारी को निभाने के लिए सरकार ने मिड डे मील योजना को शुरू किया। प्राथमिक शिक्षा के लिए पोषण सहायता के राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनएसपीई)’ के नाम के तहत पहले इस योजना को 2000 से ज्यादा ब्लॉकों में शुरु किया। योजना सफल होने के बाद 2004 में इसे देश के सभी सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया गया।

महत्व- यह योजना शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बन गई है। स्कूलों में नामांकन, उपस्थिति और पढ़ाई, तीनों में ही यह योजना मददगार साबित हो रही है। इस योजना को कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में भी अहम माना जाता है।

48- अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार

कब- 1998

क्या- अमर्त्य सेन को लोक कल्याण अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।

कैसे- देश-विदेश के कई नामी विश्वविद्यालयों में पढ़ा चुके अमर्त्य सेन ने लोकल्याण अर्थशास्त्र की कठिनाइयों, संसाधनों और समुदाय में उनके बंटवारे की दिक्कतों पर प्रकाश डाला था। इसी वजह से उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया।

महत्व- अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार मिलने से भारतीयों का मान बढ़ा।

49- पोखरण-2 में परमाणु परीक्षण

कब- 11-13 मई 1998

क्या- “ऑपरेशन शक्ति” कोडनेम के तहत राजस्थान के पोखरण में पांच परमाणु बमों का परीक्षण किया गया।

कैसे- अमेरिका समेत कई देश नहीं चाहते थे कि भारत परमाणु परीक्षण करे। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को इस बात की खबर लग गई थी कि भारत ऐसा कोई परीक्षण कर सकता है। सीआईए ने चार खरब रुपये खर्च कर पोखरण की निगरानी के लिए चार सैटेलाइट लगाए, लेकिन एपीजे कलाम की अगुआई में जुटी टीम ने सीआईए और दुनिया को चकमा देते हुए यह परीक्षण पूरा कर लिया। इस परीक्षण का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को दिया जाता है। कलाम उस समय रक्षा मंत्रालय में सलाहकार वैज्ञानिक के पद पर थे।

महत्व- यह तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। इसने भारत को एक पूर्ण परमाणु राष्ट्र बना दिया। इस परीक्षण से भारत की दुनिया भर में धाक जम गई।
कारगिल युद्ध

50- भारत ने कारगिल युद्ध जीता

कब- 26 जुलाई 1999

क्या- भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए कारगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा लहराया था। इसी दिन को कारगिल विजय दिवस के तौर पर जाना जाता है।

कैसे- ये लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले की ऊंची पहाड़ियों पर 1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी। युद्ध की शुरुआत पाकिस्तानी सैनिकों ने की थी और वे एलओसी में घुसकर भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय हिस्से में घुसपैठ कर अपने ठिकाने बना लिए थे, लेकिन आखिर में भारतीय सेना ने उन्हें धूल चटा दी और उन्हें खदेड़ दिया था।

महत्व- पाकिस्तान को भारत की सैन्य ताकत का एहसास हुआ। जांबाज भारतीय सैनिकों ने शहीद होकर भी जिस तरह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था, उससे भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
51- विश्व शतरंज चैंपियनशिप बने विश्वनाथन आनंद

कब- 2000

क्या- यह साल भारतीय शतरंज के लिए बेहद शानदार उपलब्धि का वर्ष रहा। इस साल शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतकर देश का नाम रोशन किया।

कैसे- विश्वनाथन आनंद छह साल की उम्र से शतरंज खेल रहे थे। वे 1987 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने। वे सालों तक इस खेल में इतनी मेहनत करते रहे कि दुनिया ने उनका लोहा मान लिया। 2000 में उन्होंने तेहरान में हुई चैंपियनशिप में रूसी मूल के स्पेनिश प्रतिद्वंदी अलेक्सई शिरोव को छह खेलों के चौथे मुकाबले में हराकर विश्व-चैंपियन का खिताब हासिल किया।

महत्व- विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने के बाद उन्होंने विश्व शतरंज में अपनी बादशाहत कायम की। वे युवाओं की प्रेरणा बने और बड़ी संख्या में युवाओं का ध्यान क्रिकेट से हटकर शतरंज की ओर गया।

52- पहले स्वदेश निर्मित लड़ाकू जेट ‘तेजस’ ने उड़ान भरी

कब- 4 जनवरी 2001

क्या- स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस ने अपनी पहली उड़ान भरी थी। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के बनाए इस विमान को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘तेजस’ नाम दिया था।

कैसे- देश को नए विमानों की जरूरत थी क्योंकि पिछले कई सालों में दुश्मन से बिना लड़े ही 465 मिग विमान गिर चुके थे। इस तरह नए विमान बनाने की तैयारी 1980 में ही शुरू हो गई। करीब दो दशक की मेहनत के बाद तेजस विमान तैयार हुआ और 2001 में तेजस ने पहली उड़ान भरी। हालांकि, सारी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इस विमान को भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन में 2016 में ही शामिल किया जा सका। इसकी अंतिम औपचारिकता 2020 में पूरी हुई है। इसकी पहली खेप भारतीय वायुसेना को 2024 में मिलने की संभावना है।

महत्व- सिंगल इंजन वाला तेजस लड़ाकू विमान पूरी तरह से स्वदेशी है। यह एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। यह हवा से हवा में हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है।

53- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत

कब- 2001

क्या- अटल बिहारी वाजपेयी ने 5,846 किमी की स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत की, जो भारत में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के चार प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। साथ ही ग्रामीण इलाकों के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना भी लागू हुई।

कैसे- इस परियोजना को शुरू करने की योजना 1998 में ही बना ली गई थी। 1999 में इस परियोजना को अंतिम रूप दिया गया, लेकिन आधिकारिक रूप से यह योजना 2001 में शुरू हो पाई।

महत्व- सड़क निर्माण की इन योजनाओं से देश को आर्थिक विकास की रफ्तार मिली।

54- सर्व शिक्षा अभियान

कब- 2000-2001

क्या- छह से 14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का अभियान अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल 2000-01 में शुरु किया गया।

कैसे- भारत में प्रारंभिक शिक्षा का ढांचा बहुत कमजोर था। इसमें सुधार लाने के लिए इस योजना की ज़रूरत पड़ी। योजना का मकसद था देश का हर एक बच्चा पढ़े ओर बढ़े। इसके लिए सरकार को भारतीय संविधान में 86वां संशोधन करना पड़ा। इस संशोधन के बाद ही देश के हर बच्चे को पढ़ने का अधिकार हासिल हुआ।

महत्व- इस योजना के शुरू होने के चार साल बाद ही बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की कमी दर्ज हुई। सर्व शिक्षा अभियान के जरिए देश के सभी बच्चों को शिक्षा का अवसर मिला। इसका टैगलाइन ‘सब पढ़ें-सब बढ़ें’ सबकी जुबान पर चढ़ गया था।

55- मैरीकॉम के मुक्के की गूंज

कब- 2002

क्या- मुक्केबाजी में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतकर एमसी मैरीकॉम ने दुनिया में अपने नाम का डंका पीट दिया।

कैसे- तुर्की में वर्ल्ड एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप के 45 किग्रा भार वर्ग में पहला गोल्ड जीतकर मैरीकॉम ने अपना दम-खम दिखा दिया। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी उत्तर कोरिया की जैंग सांग ए को धूल चटाई थी।

महत्व- उन्होंने सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज बनकर इतिहास रच दिया। दुनिया को मैरीकॉम के मुक्के की गूंज सुनाई दी। मैरीकॉम ने साल 2005, 2006, 2008 और 2018 में इस कारनामे को फिर से दोहराया। बॉक्सिंग में कई कीर्तिमान रचने वालीं मैरीकॉम लाखों लड़कियों की प्रेरणा बनीं।
सूचना का अधिकार

56- सूचना का अधिकार अधिनियम

कब- 2005

क्या- सरकारी विभाग से कोई भी जानकारी हासिल करने के लिए लोगों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) मिला।

कैसे- सूचना के अधिकार की मांग सबसे पहले राजस्थान से शुरू हुई थी। 1989 में वीपी सिंह की सरकार ने सत्ता में सूचना का अधिकार कानून बनाने का वायदा किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका। इसके बाद अलग-अलग राज्यों में इसकी मांग जोर पकड़ने लगी। यूपीए सरकार ने संसद से सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 पारित कराया, जिसके बाद सूचना का अधिकार कानून लागू हुआ।

महत्व- भ्रष्टाचार मुक्त शासन की राह में यह आम आदमी का बड़ा हथियार बना। सरकारी विभागों और सरकारी अधिकारियों से कोई भी जानकारी प्राप्त करने में मदद मिली। जनता को यह जानने का हक मिला कि सरकार उसके लिए कब, क्या और कैसे काम कर रही है।
57- मनरेगा से 100 दिन रोजगार की गारंटी

कब- सितंबर 2005

क्या- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण विकास अधिनियम (मनरेगा) के पारित होने के बाद ग्रामीण परिवारों को साल के 100 दिन रोजगार की गारंटी मिली।

कैसे- यूपीए सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण विकास अधिनियम, 2005 संसद से पारित कराया, जिसके बाद यह कानून में तब्दील हुआ।

महत्व- यह दुनिया का सबसे बड़ा कार्य गारंटी कार्यक्रम है। मनरेगा से लोगों का गांवों से पलायन रुका। इसमें महिलाओं को भी काम मिला। मनरेगा में फिलहाल 13.87 करोड़ जॉब कार्ड धारक हैं।

58- मिशन चंद्रयान-1

कब- 22 अक्तूबर 2008

क्या- इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के रहस्य के बारे में पता लगाने के लिए चंद्रयान एक को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह मानवरहित अभियान था।

कैसे- श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी-11 इस चंद्रयान को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुआ। यान को पहले ही प्रयास में चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया। चंद्रयान के साथ भारत के पांच और छह अमेरिकी और यूरोपीय देशों के 11 अन्य उपकरण भी अंतरिक्ष में भेजे गए। चंद्रयान में लगा मून इंपैक्ट प्रोब चांद के दक्षिणी ध्रूव के शैक्लेटॉन क्रेटर में गिरकर ध्वस्त हो गया, लेकिन इसके साथ ही उसने इतिहास भी रच दिया। मून इंपैक्ट प्रोब ने इसरो को यह संदेश भेजा कि चंद्रमा की मिट्टी में पानी के अणुओं की मौजूदगी है। मून इंपैक्ट प्रोब देश के महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम की सोच थी।

महत्व- इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देना भारत की एक बड़ी उपलब्धि थी। भारतीय वैज्ञानिकों ने चांद पर अपने निशान छोड़ दिए। चंद्रयान-1 ही चंद्रयान-2 की प्रेरणा की बड़ी वजह बना।

59- ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा को मिला स्वर्ण पदक

कब- 11 अगस्त 2008

क्या- बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा को पहला स्वर्ण पदक मिला। वह ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने।

कैसे- अभिनव फाइनल में चौथे नंबर के निशानेबाज के तौर पर पहुंचे थे। उन्होंने आखिरी राउंड के मुकाबले में 2004 एथेंस ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता झू किनन को पीछे छोड़ दिया और 700.5 के स्कोर के साथ 10 मीटर पुरुष एयर राइफल के स्वर्ण पदक विजेता बन गए।

महत्व- आजादी के साठ साल बाद ओलंपिक में इस तरह का कारनामा करके अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक में इतिहास रच दिया था। यह देश के लिए गौरव का क्षण था।

60- शिक्षा का अधिकार अधिनियम

कब- 2009

क्या- शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित होने के बाद शिक्षा को हर बच्चे का मौलिक अधिकार बना दिया।

कैसे- यूपीए सरकार ने संसद से निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में पारित कराया। एक अप्रैल 2010 में इस अधिनियम ने कानून का शक्ल लिया।

महत्व- शिक्षा का अधिकार कानून के लागू होने के बाद पहली बार छह से 14 साल के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा जरूरी बना। इसने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच की खाई को पाट दिया। इस कानून के तहत सभी निजी स्कूलों के लिए गरीब बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना जरूरी बन गया।
पनडुब्बी

61- पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत लॉन्च

कब- 26 जुलाई 2009

क्या- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने आईएनएस अरिहंत को लॉन्च किया, जो देश की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है। यह पनडुब्बी 3,500 किमी की रेंज के साथ बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस है। ये जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमला करने में सक्षम है।

कैसे- स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी बनाने की परिकल्पना नौसेना और बार्क ने 1967 में ही की थी। 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस परियोजना में बहुत रूचि दिखाई और बार्क और डीआरडीओ को इस पर काम शुरू करने को कहा। क्रमिक विकास होने के बाद 1998 में लार्सन एंड टुब्रो ने इसके निर्माण पर काम शुरू किया। 2009 में अरिहंत लॉन्च हुआ।

महत्व- अरिहंत आईएनएस के निर्माण के साथ ही भारत, अमेरिका, यूरोप, रूस, चीन और फ्रांस के बाद छठवां ऐसा देश बन गया था, जिसके पास स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी है।
62- भारत बना कॉमनवेल्थ गेम्स का मेजबान

कब- 2010

क्या- भारत को दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करने का मौका मिला। आयोजन तीन से 14 अक्तूबर तक हुआ। इसमें 71 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। उद्घाटन समारोह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ। खेलों के इतिहास में पहली बार भारत ने 100 से ज्यादा पदक जीते और ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर रहा।

कैसे- कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी पाने के लिए 13 नवंबर 2003 को भारत और कनाडा के बीच मुकाबला था। दोनों पक्षों ने जोर लगाया हुआ था और अपने पक्ष में वोट मांग रहे थे। भारत ने कनाडा को 46 के मुकाबले 22 मतों से पीछे छोड़ कर यह मेजबानी हासिल कर ली। कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन के अध्यक्ष माइकल फ़ेनल ने जमैका में इसकी घोषणा की तो भारत की खुशी का ठिकाना नहीं था।

महत्व- कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का मौका मिलना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। इससे दिल्ली के ढांचागत विकास में भी बड़ी मदद मिली और इसकी सूरत बदल गई। दिल्ली में सड़कों और फ्लाईओवर का जाल बिछा, मेट्रो की पहुंच हर जगह हुई, जिससे दिल्लीवासियों की जिंदगी आसान हुई।

63- भारत बना क्रिकेट विश्व कप विजेता

कब- 2 अप्रैल 2011

क्या- महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर दूसरी बार क्रिकेट विश्व कप पर कब्जा जमाया।

कैसे- विश्व कप का महामुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। श्रीलंका के महेला जयावर्धने ने 88 गेंदों में नाबाद 103 रनों की यादगार पारी खेली, लेकिन फिर भी वे श्रीलंका को जीत नहीं दिला पाए। जबकि भारतीय टीम के कप्तान एमएस धोनी ने नाबाद 91 रनों की अहम पारी खेली। यही नहीं इस दौरान उन्होंने आठ चौके और दो छक्के भी लगाए। भारत की जीत में धोनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्हें मैन ऑफ द मैच का अवार्ड भी मिला।

महत्व- इस जीत के बाद टीम इंडिया के दोबारा विश्व चैंपियन बनने का सचिन तेंदुलकर का सपना पूरा हुआ। भारतीय टीम ने यह जीत सचिन तेंदुलकर को समर्पित की।

64- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित

कब-2013

क्या- एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए लोगों को खाद्य सुरक्षा अधिकार मिला। इसके बाद आसान मूल्यों पर अच्छी गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराना जरूरी बना।

कैसे- सुप्रीम कोर्ट के 2001 में भोजन के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने के फैसले को इस अधिनियम के पारित होने की पृष्ठभूमि माना जाता है। अक्टूबर 2002 में भी सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कुपोषण या भूख से मौत के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगीं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के मद्देनजर और कई संगठनों की मांग के बाद यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (खाद्य का अधिकार अधिनियम भी) संसद से पारित कराया। 12 सितंबर, 2013 को यह कानून अमल में आया।

महत्व- इस कानून के लागू होने के बाद 75 फीसदी ग्रामीण आबादी और 50 फीसदी शहरी आबादी इसके दायरे में आती है। देश की लगभग दो-तिहाई आबादी को खाद्य सुरक्षा की गारंटी मिली हुई है।
मंगलयान

65- मंगलयान मिशन

कब- 05 नवंबर, 2013

क्या- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने मंगल ग्रह की जांच के लिए मंगलयान मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इसके अलावा इसरो ने एक ही समय में 20 उपग्रह भी लॉन्च किए जो एक और बड़ी उपलब्धि थी। वास्तव में मंगलयान मिशन का बजट 4.5 अरब रुपये (74 मिलियन डॉलर) था, जो पश्चिमी मानकों के अनुसार आश्चर्यजनक रूप से सस्ता था।

कैसे- यह इसरो की एक महत्वाकांक्षी योजना थी। 03 अगस्त 2012 को केंद्र सरकार ने मंगलयान परियोजना को स्वीकृति दी। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2012 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में इस मिशन की औपचारिक घोषणा की। इसरो ने पहले मंगल मिशन को 28 अक्टूबर को लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे टालना पड़ा। 05 नवंबर 2013 में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र से ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी-25 के जरिए इसे लॉन्च किया गया।

महत्व- मंगलयान के लॉन्च के साथ ही भारत सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला चौथा देश बन गया। भारत मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश और अपने पहले प्रयास में ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना।

66- देश पोलियो मुक्त घोषित

कब- मार्च 2014

क्या- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र समेत भारत को पोलियो मुक्त क्षेत्र घोषित किया।

कैसे- डब्ल्यूएचओ ने साल 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया था। किसी देश को पोलियो मुक्त घोषित करने का डब्ल्यूएचओ का पैमाना यह होता है कि जब किसी देश में चार साल तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं सामने आता तो उसे पोलियो मुक्त मान लिया जाता है। भारत में पोलियो का आखिरी मामला जनवरी 2011 में पश्चिम बंगाल में सामने आया था, जब एक युवा लड़की को पोलियो से लकवा मार गया था। उसके बाद पोलियो का कोई मामला सामने नहीं आया।

महत्व- बच्चों को विकलांगता के अभिशाप से मुक्ति मिली। करोड़ों बच्चों को विकलांग होने से बचाया जा सका।

67- कैलाश सत्यार्थी को नोबल पुरस्कार

कब-2014

क्या- बचपन बचाओ आंदोलन के अगुआ कैलाश सत्यार्थी को बाल मजदूर उन्मूलन और शिक्षा में उनके अधिकार के लिए यह पुरस्कार मिला।

कैसे- सत्यार्थी 1990 से ही बच्चों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने बच्चों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराने के लिए ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ शुरू किया। उन्होंने बाल शोषण के खिलाफ जबरदस्त आवाज बुलंद की। उनकी बचपन बचाओ संस्था ने अब तक देश भर में हजारों बच्चों को बाल दासता से मुक्ति दिलाई और उनके पुर्नवास और शिक्षा की व्यवस्था की है। बच्चों के अधिकारों की इस लड़ाई की वजह से उन्हें ही शांति का नोबल पुरस्कार मिला।

महत्व- कैलाश सत्यार्थी को मिले इस नोबल पुरस्कार से दुनियाभर का ध्यान बाल अधिकार के मुद्दों पर गया।
सर्जिकल स्ट्राइक

68- पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक

कब- 28-29 सितंबर 2016

क्या- पाकिस्तान के आतंकियों ने 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के हेडक्वार्टर पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। इसके जवाब में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की।

कैसे- इस आतंकी हमले से देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई। भारत ने 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक करके उन्हें तबाह कर दिया। इस स्ट्राइक में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई आतंकी कैंपों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। सेना के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकी और दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।

महत्व- भारत ने आतंकी शिविरों को नष्ट कर पाकिस्तान को सबक सिखाया।

69- देश भर में जीएसटी लागू

कब-2017

क्या- लंबी चर्चा के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू कर दिया।

कैसे- भारत के अप्रत्यक्ष कर शासन की सुधार प्रक्रिया की कहानी लंबी है। पूर्व की कई सरकारों ने इसके लिए प्रयास किए थे। मोदी सरकार के आने के बाद यह सरकार की प्राथमिकता में आया। कैबिनेट ने जीएसटी के लिए 122 वां संविधान संशोधन को मंजूर दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में जीएसटी से संबंधित संशोधन (122 वां संविधान संशोधन) विधेयक पेश किया। विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ। सितंबर में जीएसटी काउंसिल का गठन हुआ। जिसके अध्यक्ष जेटली बने। 23 सितंबर 2016 को काउंसिल की पहली बैठक में यह तय हुआ कि 2017 से देश में जीएसटी लागू कर दिया जाएगा। 17 साल के लंबे सफर के बाद देश में अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार जीएसटी एक जुलाई, 2017 से प्रभावी हुआ।

महत्व-इसे उदारीकरण के बाद सबसे बड़ा वित्तीय सुधार माना गया।
कोरोना वैक्सीनेशन।

70- बालाकोट पर एयरस्ट्राइक

कब- 26 फरवरी 2019

क्या- भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी।

कैसे- पाकिस्तानी आतंकियों ने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। भारत ने बदला लेने के पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक का फैसला किया। करीब 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना के जांबाज वीरों ने पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तुनख़्वा प्रांत के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की, जिसमें बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी ठिकाना ध्वस्त हो गया। इसमें करीब 300 आतंकियों के मारे जाने की बात कही गई थी। इससे पहले 1971 के युद्ध में भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा में घुसी थी।

महत्व- भारत ने पाकिस्तान को अपनी सैन्य ताकत के साथ-साथ यह भी एहसास कराया कि उसकी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

71- लोकसभा में सबसे ज्यादा महिला सांसद

कब- 2019

क्या- इस साल हुए आम चुनाव में 78 महिलाएं चुन कर संसद पहुंचीं।

कैसे- राजनीतिक दलों का महिला उम्मीदवारों पर भरोसा बढ़ने के कारण ऐसा पहली बार हुआ, जब महिला सांसदों की संख्या सबसे अधिक रही। लोकसभा चुनाव में 8049 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें 724 महिला उम्मीदवार थीं। इस बार सबसे ज्यादा 78 महिलाएं सांसद बनीं। आजादी के बाद से यह आंकड़ा सर्वाधिक है। कुल सांसदों में 14.8 प्रतिशत महिलाएं हैं।

महत्व- भारतीय राजनीति में महिलाओं की संख्या बढ़ाने का दावा और मजबूत हुआ। महिलाओं के सशक्तीकरण का मजबूत संदेश मिला। संसद में महिलाओं के मुद्दे और अधिकारों पर आवाज बुलंद हुई।

72- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी

कब- 05 अगस्त 2019

क्या- मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे ऐतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी करने का लिया। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया।

कैसे- गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया। इसी के साथ अधिसूचना जारी कर अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया। यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता था।

महत्व- मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में एक देश, एक विधान और एक निशान लागू हो गया। भारत के दूसरे राज्यों के नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने की सहूलियत मिली।

73- मिशन चंद्रयान-2

कब- जुलाई 2019

क्या- चांद पर भारत का दूसरा कदम रखने के लिए चंद्रयान-2 लॉन्च हुआ। इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में ‘रोवर’ उतारने के लिए भेजा गया था। हालांकि, चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं रहा। फिर भी भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि रही।

कैसे- भारत ने 1960 के दशक में अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया था। इसी क्रम में चंद्रयान-2 सरकार के प्रमुख एजेंडे में शामिल था। इसे तैयार करने में करीब 11 साल लग गए।

महत्व- यह मिशन देश के लिए रोमांचक पल था क्योंकि देश का ध्यान अंतरिक्ष विज्ञान की ओर गया। अब चंद्रयान-3 के जरिए चांद पर फिर से कदम रखने की तैयारी हो रही है।

74- मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति

कब- जुलाई, 2019

क्या-मुस्लिम महिलाओं को एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) देने को अपराध बनाने का विधेयक पारित हुआ।

कैसे-साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो केस में फैसला देते हुए तुरंत एक साथ तीन तलाक देने को असंवैधानिक बताया। अलग-अलग धर्मों वाले 5 जजों की बेंच ने तीन-दो से फैसला सुनाया था। कोर्ट ने सरकार से इस दिशा में छह महीने के अंदर कानून लाने को कहा था। इसके मद्दनजर सरकार ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित कराया। 25 जुलाई को लोकसभा में और 30 जुलाई को राज्यसभा में यह विधेयक पारित हुआ।

महत्व- लाखों मुस्लिम महिलाओं के लिए यह राहत भरा कदम था। तीन तलाक के मामलों में कमी आई।

75- स्वदेशी वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’और कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान

कब- 2020 से अब तक

क्या- कोरोना महामारी के खिलाफ भारत ने अपनी वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की।

कैसे- यह भारत सरकार की ओर से विकसित की गई पहली स्वदेशी वैक्सीन है। भारत की अग्रणी वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने इस वैक्सीन को बनाया है। कोवाक्सिन कोरोना वायरस के इनएक्टिवेटेड वायरस पर आधारित है। यह वैक्सीन संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है। वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के नतीजे में पाया गया कि इसका कोई सीरियस साइड इफेक्ट नहीं है। कई चरण के परीक्षण के बाद इस स्वदेशी वैक्सीन को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही देश के नाम सबसे बड़ा वैक्सीनेशन ड्राइव चलाने की उपलब्धि भी दर्ज है। अब तक देश में 250 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है।

महत्व- स्वदेशी वैक्सीन बनाने से भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना। लाखों लोगों की संक्रमण से जान बचाई गई।

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