स्टाम्प शुल्क अधिनियम के संशोधन एक जुलाई से होंगे लागू,वित्त वर्ष में कोई बदलाव नहीं

 डेस्क
Ministry of Finance
केंद्र सरकार ने सोमवार देर रात स्पष्ट कर दिया कि वित्त वर्ष की मियाद नहीं बढ़ाई गई है। दरअसल, पहले ऐसी खबर आई थी कि वित्त वर्ष 30 जून तक बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘राजस्व विभाग ने संशोधित भारतीय स्टांप अधिनियम 1 अप्रैल के बजाय 1 जुलाई से लागू होने की अधिसूचना जारी की है। इसका वित्त वर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।

वित्त मंत्रालय ने देर शाम जारी वक्तव्य में कहा कि सरकार ने कर चोरी को रोकने और स्टाम्प शुल्क लगाने की प्रणाली को तर्कसंगत और सुचारू बनाने के लिये वित्त विधेयक 2019 के जरिये भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 में संशोधन किया है। इन संशोधनों के जरिये यह प्रावधान किया गया है कि महाराष्ट्र में लागू की जारी रही स्टाम्प शुल्क दरों को एक मानक के तौर पर लिया जायेगा। इस संशोधन के जरिये शेयर बाजारों में होने वाली प्रतिभूति लेनदेन में स्टाम्प शुल्क लगाने की बेहतर व्यवस्था की गई है।

फिच और इंडिया रेटिंग्स ने घटाया विकास दर अनुमान

रेटिंग एजेंसी फिच सॉल्यूशंस ने 2020-21 के लिए भारत का विकास दर अनुमान 5.4 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, कारोना वायरस महामारी के कारण निजी खपत और निवेश में गिरावट को देखते हुए यह कटौती की गई है। पिछले सप्ताह घोषित 1.70 लाख करोड़ के पैकेज के बावजूद आगामी महीनों में निजी खपत में तेजी आने की संभावना नहीं है। साथ ही उसने मंगलवार से खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उधर, इंडिया रेटिंग्स ने भी 2020-21 के लिए विकास दर अनुमान को घटाकर 3.6 फीसदी कर दिया है।

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