सैयद अकबरुद्दीन जिन्होंने यूएन में कर दी पाक की बोलती बंद

डेस्क
सईद अकबरुद्दीन
सईद अकबरुद्दीन – फोटो : social media

खास बातें

  • संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और चीन के भारत के खिलाफ सभी मंसूबे फेल हो गए।
  • सैयद अकबरुद्दीन ने अपने तर्कों से ही पाकिस्तान और चीन की बोलती बंद कर दी।
  • अकबरुद्दीन साल 1985 में भारतीय विदेश सेवा से जुड़े थे। वह पश्चिम एशिया के विशेषज्ञ भी माने जाते हैं।
  • सैयद अकबरुद्दीन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग में काउंसलर के पद रह चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को पाकिस्तान और चीन के भारत के खिलाफ सभी मंसूबे फेल हो गए। इन्होंने भारत के जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फैसले का विरोध करते हुए ये बैठक बुलाई थी। लेकिन भारत ने इनकी नापाक साजिशों को अपने तर्कों और सबूतों से हरा दिया। भारत की बातें इतनी शानदार थीं कि रूस तक ने भारत का ही समर्थन किया। हालांकि बंद कमरे में संयुक्त राष्ट्र की बैठक होने से पहले ही कई देशों ने भारत और पाकिस्तान से द्विपक्षीय बातचीत करने को कहा था।

बैठक के खत्म होने के बाद जब भारत ने अपनी बात रखी तो हर कोई उससे सहमत था। इसकी कमान संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन ने संभाली। उन्होंने तर्कों से ही पाकिस्तान और चीन की बोलती बंद कर दी।

भारत के तर्कों का असर ये रहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने के भारतीय प्रयासों की प्रशंसा की। यहां तक कि चीन और पाकिस्तान की कोशिश फेल होने के बाद भी उनका कोई औपचारिक बयान नहीं आया। भारत की इस वैश्विक सफलता का सारा श्रेय विदेश मंत्रालय को जाता है, जिसका नेतृत्व सैयद अकबरुद्दीन ने किया है।

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