हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से तय किया गया 24 किलो वजन के हिसाब से सेब कारोबार
करने के लिए ग्रेडिंग-पैकिंग केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा। सरकार ने उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। एसडीएम और तहसीलदारों को निरीक्षण का जिम्मा सौंपा गया है। सरकार ने बागवानों से भी मंडियों में 24 किलो से अधिक सेब एक पेटी में न भेजने और पेटी पर वजन अवश्य लिखने का आग्रह किया है। सेब उत्पादक क्षेत्रों में करीब 80 फीसदी सेब ग्रेडिंग-पैकिंग केंद्रों में पैक हो रहा है।
सरकार ने निर्णय लिया है कि गेडिंग-पैकिंग केंद्रों में ही अगर सेब की पैकिंग के लिए यूनिवर्सल ग्रेडिंग पैटर्न लागू होगा तो 24 किलो की पेटी ही तैयार होगी। ग्रेडिंग-पैकिंग केंद्रों से जब पेटी का वजन कर मंडियों में भेजा जाएगा तो वजन के हिसाब से सेब बेचने की व्यवस्था बनाना आसान होगा। सरकार के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम व तहसीलदार के नेतृत्व में मंडियों में निरीक्षण भी किया जाएगा। बागवान अगर पेटी पर वजन नहीं लिखते तो आढ़ती सेब बेचने से इंकार भी कर सकता है।
एसडीएम और तहसीलदार करेंगे निरीक्षण
वजन के हिसाब से सेब की बिक्री की व्यवस्था प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एसडीएम और तहसीलदारों को उपमंडल स्तर पर ग्रेडिंग-पैकिंग केंद्रों और मंडियों में निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। बागवानों से भी आग्रह है कि अधिकतम 24 किलो सेब ही पेटी में भर कर भेजें और पेटी पर वजन अवश्य लिखें।– जगत सिंह नेगी, बागवानी मंत्री