सेब खरीदने के लिए तीस फीसदी खरीदार ही पहुंचे हिमाचल

शिमला

सेब सीजन हिमाचल

हिमाचल का सेब सीजन बुधवार से शुरू हो रहा है, जबकि एक हफ्ते में रफ्तार पकड़ेगा। एक तरफ जहां सेब को स्कैब जैसी बीमारियां जकड़ रही हैं, दूसरी ओर नेपाली लेबर की व्यवस्था का जिम्मा बागवानों के कंधों पर डाल दिया है। प्रदेश में अभी तक सवा लाख पेटी सेब बिका है। कोरोना संक्रमण के बीच सुरक्षा के लिए मंडियों में पुलिस और सुरक्षा कर्मियों का टोटा है।

लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों से सिर्फ तीस फीसदी खरीदार ही पहुंचे हैं। सेब उत्पादक क्षेत्रों की संपर्क सड़कें अभी ठीक हैं। मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर कहते हैं कि मंडियों में लेबर की कमी की शिकायत किसी मंडी से नही आई है। एपीएमसी से छह सौ लोकल लेबर मंडी, बिलासपुर, सिरमौर और चंबा से जुटाई है। मंडियों में 50 होमगार्ड के जवान उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बागवानों को नेपाल की लेबर नहीं मिल रही है। सरकार ने अभी तक एक बस रोपड़िया तक भेजी थी। इससे बागवानों की जरूरत पूरी नहीं होगा। बागवानों को अपने खर्चे पर लेबर लाने को कहा गया है। आढ़ती संघ के अध्यक्ष अनूप चौहान कहते हैं कि मंडियों में सेब खरीदने के लिए अभी तीस फीसदी लदानी ही आ सके हैं।
महंगे दामों पर खरीदनी पड़ रहीं दवाएं
प्रदेश सब्जी एवं फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान कहते हैं कि फसल को रोग से बचाने वाली 27 दवाओं की बिक्री पर केंद्र ने रोक लगा दी है। 11 दवाएं नौणी विवि ने सारिणी में रखी थी। अब बागवानों को ये दवाएं बाजार से महंगे दामों पर खरीदनी पड़ रही है।

एचपीएमसी ने एक लाख कार्टन बेचे
एचपीएमसी के महाप्रबंधक डा. भुवन शर्मा कहते हैं कि कॉरपोरेशन ने सीजन में अभी तक एक लाख कार्टन बेचे हैं। हिमफेड के चेयरमैन गणेश दत्त कहते हैं कि 20 जलाई तक बागवानों के कार्टन के ऑर्डर मांगे हैं।

शिमला में यह रहेगा ट्रैफिक प्लान
शिमला जिले में ट्रैफिक प्लान तैयार है। भट्ठाकुफर फल मंडी आने-जाने के लिए शोघी-मैहली बाईपास से और पराला फल मंडी आने-जाने वाले ट्रक छैला-राजगढ़-सोलन मार्ग से होकर चलेंगे। यहां 200 से अधिक पुलिस जवान तैनात हैं। सेब से लदे ट्राले रात को ही चलेंगे। वाहनों को मंडियों में ट्रैफिक कंट्रोल रूम से जारी टोकन नंबर से प्रवेश मिलेगा। जिले में छह स्थानों पर बैरियर/कंट्रोल रूम स्थापित होंगे।

जिला कुल्लू में अर्ली वैरायटी सेब का तुड़ान शुरू हो गया है। बंजार, कुल्लू और ऊझी घाटी में सीजन एक अगस्त से शुरू होगा। जिला मंडी के सराज, नाचन, सुंदरनगर, चौहारघाटी और करसोग में सेब की पैदावार होती है। इस साल मंडी जिले में सेब का उत्पादन कम है। शुरुआती दौर में करसोग का सेब मंडियों में 1600 से 1700 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से बिक रहा है।

 

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