सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी, एक की मौत

 जम्मू
सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवान (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर से सोमवार सुबह सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ की खबर आ रही है। शोपियां जिले के खाजपुरा रेबन इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। अधिकारियों ने बताया कि अबतक सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है, जबकि दो अन्य भी घिरे हुए हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में आतंकियों के छुपे होने की सूचना मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। ऑपरेशन के तहत जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध इलाकों की ओर बढ़ने लगे, वहां छुपे आतंकियों ने उनपर फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी फायरिंग की। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल 2-3 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।

बता दें कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के वाथू गांव में रविवार शाम आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को इस बात के पुख्ता सबूत मिले थे कि वाथू गांव में कुछ आतंकी मौजूद हैं।

इसके बाद 62 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ की 14वीं बटालियन व जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दी।

रविवार को पाकिस्तान ने दागे थे मोर्टार
मालूम हो कि नियंत्रण रेखा पर तीन दिन की खामोशी के बाद रविवार को एक बार फिर पाकिस्तानी सेना ने कीरनी और कस्बा से सटे इलाकों में सेना की चौकियों के साथ ही रिहाइशी इलाकों को निशाना बना कर मोर्टार दागे थे। इससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया था। सेना ने भी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके चलते करीब 40 मिनट बाद पाकिस्तानी सेना ने गोलाबारी बंद कर दी गई। गोलाबारी में कहीं भी किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है। जानकारी के अनुसार जिले में तीन चार-दिन से हो रही बारिश और बर्फबारी रविवार देर शाम करीब पांच बजे थमी, तो 5:40 बजे के करीब जिले के कीरनी और कस्बा में पाकिस्तानी सेना ने मोर्टार से सेना की चौकियों के साथ ही रिहाइशी इलाकों को निशाना बना कर गोलाबारी शुरू कर दी।

सेना ने भी उसी क्रम में जवाब देना शुरू कर दिया। इसके चलते करीब 6:20 बजे पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी बंद हो गई। गौरतलब है कि इससे पूर्व तीन दिन पहले पाकिस्तानी सेना की तरफ से जिले के मनकोट सेक्टर में भी गोलाबारी की थी। इसका सेना ने जवाब दिया।

सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना की मंशा खराब मौसम का लाभ उठाकर आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कराने की है, लेकिन उसकी मंशा पर पानी फिर गया और नुकसान से बचने के लिए उसे गोलाबारी बंद करनी पड़ी।

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