सीएम आवास पर पहुंचे यूक्रेन में फंसे बच्चों के अभिभावक, बोले- घरों में कैद हो गए हमारे बच्चे, वापस लाइए सरकार…

सीएम आवास पर पहुंचे यूक्रेन में फंसे बच्चों के अभिभावक, बोले- घरों में कैद हो गए हमारे बच्चे, वापस लाइए सरकार…

करनाल (हरियाणा)
यूक्रेन में रहने वालों के परिजन रूस के हमले से सहमे हैं और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। यूक्रेन के विभिन्न शहरों में रहने वालों से संपर्क करने में जुटे हैं। भारतीय दूतावास द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर काम नहीं करने से परिजन बेचैन हैं और नाराजगी जताई है।

यूक्रेन में अभी भी हरियाणा के करनाल के कुछ विद्यार्थी फंसे हैं। उनके हालात को लेकर अभिभावक चिंतित हैं। कभी उपायुक्त से गुहार लगाते हैं तो कभी अन्य जनप्रतिनिधि से। गुरुवार को कुछ अभिभावक प्रेम नगर स्थित सीएम आवास पहुंचे। जहां उन्होंने सीएम प्रतिनिधि से बच्चों को वापस लाने की गुहार लगाई। अभिभावकों ने कहा कि उनके बच्चे यूक्रेन में इमरजेंसी लगने के कारण घरों में कैद हो गए हैं। ऐसे में वे अपने बच्चों के हालात को लेकर चिंतित हैं। गुहार लगाते समय कई अभिभावकों की आंखों में आंसू भी थे।

सरकार नजदीकी देशों में शिफ्ट कराए बच्चे
अभिभावक अमरजीत का कहना है कि भारतीय एंबेसी के निर्देश पर बच्चों ने टिकट बुकिंग कराई थी। 27 फरवरी को उनकी फ्लाइट है लेकिन हालात अभी खराब हो गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से बच्चों को शीघ्र और सुरक्षित वापस लाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चे पोलैंड से 50-60 किलोमीटर दूर हैं। ऐसे बच्चों को दूसरे देशों में शिफ्ट किया जाना चाहिए। सरकार से यही मांग है।

दो माह पहले ही गई थी बेटी
आकांक्षा के पिता सतपाल ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार से हमारी गुहार है कि वहां पर फंसे सभी बच्चों को वापस लाया जाए। बेटी दो महीने पहले ही एमबीबीएस करने के लिए यूक्रेन गई थी। अब हालात खराब हो गए। वहां फंसे बच्चों से बात लगातार हो रही है। टिकट नहीं मिल रहे। एयरपोर्ट बंद हैं। वहां के हालात को देखते हुए परिवार का बुरा हाल है। सरकार से गुहार है कि वहां पर फंसे बच्चों को निकाला जाए। बेटी के वापस आने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी।

सरकार बच्चों को वापस लाने का कर रही प्रयास
सीएम प्रतिनिधि संजय बठला का कहना है कि हमारे पास करनाल से यूक्रेन गए बच्चों के परिजन आ रहे हैं। बच्चों को वापस लाने के लिए सीएम मनोहर लाल को जानकारी भेजी जा रही है। सरकार अपने स्तर पर बच्चों को वापस लाने का काम कर रही है।

हजारों किलोमीटर दूर यूक्रेन पर रूस के हमले की गूंज भारत के विभिन्न शहरों में भी सुनाई दे रही है। यही कारण है कि वहां फंसे भारतीयों के परिजनों की धड़कने बढ़ गईं हैं। ऐसे में गुरुवार को दिनभर एक ओर जहां परिजन लगातार यूक्रेन में रहने वाले अपनों का कुशलक्षेम जानने में जुटे रहे। वहीं दूसरी ओर डीसी और मंत्री को ज्ञापन सौंपकर सरकार से अपनों को वापस लाने की गुहार लगाते रहे। इस दौरान भारतीय दूतावास की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर काम नहीं करने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

हरियाणा के करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला और पानीपत से हजारों की संख्या में विद्यार्थी यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। यही कारण है कि यूक्रेन पर रूस के हमले से वहां रहने वाले विद्यार्थियों के परिजनों की यहां चिंता बढ़ गई है। इससे सहमे परिजनों ने गुरुवार को यमुनानगर में शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर से मुलाकात की और वहां फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए गुहार लगाई। इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर हर संभव प्रयास का भरोसा दिलाया।

दूसरी ओर कैथल में अभिभावकों ने डीसी के माध्यम से सरकार को ज्ञापन प्रेषित कर उक्रेन में फंसे परिजनों को सकुशल वापस लाने की मांग की है। कुरुक्षेत्र में भी परेशान परिजन दिनभर अपनों से संपर्क करने में जुटे रहे। फोन पर परिजनों से बात करने के साथ ही लोग भारतीय दूतावास की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क करने का प्रयास करते रहे।

इस दौरान नंबर नहीं मिलने पर उन्होंने नाराजगी भी जताई। इसके अलावा करनाल, अंबाला और पानीपत सहित अन्य जिलों से भी यूक्रेन में फंसे लोगों के परिजन परेशान हैं। विदित हो कि यूक्रेन में हजारों की संख्या में विद्यार्थियों के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी हरियाणा के लोग कार्यरत हैं। ऐसे में युद्ध शुरू होने पर यहां उनके परिजनों की धड़कने बढ़ी हुई हैं।

यूक्रेन समेत यूरोपीय देशों से मिले ऑर्डर कैंसल होने का भय
पानीपत। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच उद्यमियों को व्यापार की चिंता सता रही है। अकेले टेक्सटाइल नगरी को ही पांच हजार करोड़ रुपये चपत लगने की आशंका है। कारण कि रूस के साथ ही यूक्रेन समेत अन्य यूरोपीय देशों से पानीपत को उक्त कीमत का आर्डर मिला है और अब युद्ध के कारण इसके रद्द होने की तलवार लटक रही है। इतना ही नहीं कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से धागा उत्पादन सहित अन्य उत्पाद भी महंगे हो जाएंगे।

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