सियासी किले बचाए रखना भाजपा के लिए नहीं दिखा आसान

सियासी किले बचाए रखना भाजपा के लिए नहीं दिखा आसान

जिले की घरौंडा, निसिंग, तरावड़ी और असंध नगरपालिका के पिछले चुनाव में विजयी हुए चेयरमैन सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े रहे हैं, लेकिन इस बार चेयरमैन का चुनाव सीधे जनमत से हो रहा है। भाजपा ने मजबूत रणनीति के साथ अपने नेताओं की फौज को बूथ स्तर तक उतार दिया। फिर भी भाजपा को कई स्थानों पर कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। कौन कितने पानी में है, इसकी वास्तविक तस्वीर तो मतगणना के बाद ही सामने आएगी, लेकिन भाजपा के लिए पुरानी साख को बरकरार रखना इतना आसान नहीं है। कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारे, आप के प्रत्याशी कुछ स्थानों पर मुख्य मुकाबले में शामिल दिखे, वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपनी बिरादरियों व समर्थकों के दम पर भाजपा के किलों में सेंध लगाने की कोशिशों में कोई कोरकसर बाकी नहीं रखी है।

बात घरौंडा नगरपालिका की करेें तो प्रतिष्ठित सीट है, इसे विधायक हरविंद्र कल्याण की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछली बार अमरीक सिंह चेयरमैन रहे। वह किसी पार्टी से तो नहीं हैं, लेकिन उनके चेयरमैन बनने में सांसद संजय भाटिया व विधायक हरविंद्र कल्याण का विशेष सहयोग रहा था, इसलिए उन्हें भाजपा समर्थित ही माना जा रहा था, लेकिन इस चुनाव में भाजपा ने यहां से हैप्पी लक गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है। 28800 मतदाताओं वाले घरौंडा शहर में भाजपा का आधार वोट पिछड़ा वर्ग है। आम आदमी पार्टी ने भी वैश्य समाज के सुरिंद्र सिंगला को उतारा। वहीं पंजाबी बिरादरी का वोट भी भाजपा का माना जाता रहा, लेकिन इस बार यहां पंजाबी बिरादरी से एक अन्य प्रत्याशी होने के कारण भाजपा को कड़ी टक्कर मिली है। यहां त्रिकोणीय मुकाबला नजर आया।

वैश्य और सिखों की बाहुल्यता
वैश्यों और सिखों की बाहुल्यता वाली निसिंग नगरपालिका के सभी 13 वार्ड में कुल 11725 मतदाता हैं। नगरपालिका का गठन 2008 में हुआ और निर्दलीय उम्मीदवार नागेश गोयल पहले चेयरमैन बने। इसके बाद दूसरे चेयरमैन सलिंद्र चौहान बने, जो पार्षद बने और उसके बाद चेयरमैन चुने गए। ये पूर्व विधायक भगवानदास कबीरपंथी के नजदीकी माने जाते हैं, इन्होंने बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था। ये तीसरा चुनाव हुआ है, इसमें भाजपा के ही दो प्रत्याशी चेयरमैन का चुनाव लड़ने के लिए अड़ गए तो भाजपा ने यहां किसी को सिंबल नहीं दिया। वहीं वैश्य बिरादरी से निर्दलीय प्रत्याशी रोमी सिंगला चुनाव लड़ रहे हैं। निर्दलीय जनकराज पोपली व आम आदमी पार्टी प्रत्याशी मेघराज प्रजापत मुख्य मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।
त्रिकोणीय नजर आया मुकाबला
तरावड़ी नगरपालिका पंजाबी एवं वैश्य समाज बाहुल्य मानी जाती है। यहां 15 वार्ड हैं, कुल 18804 मतदाता हैं। पालिका का ये छठा चुनाव हुआ है। पहला चुनाव 1987 में हुआ। पहले पालिकाध्यक्ष लाला धन्नु राम बने थे। यहां की पिछली चेयरमैन रेखा कबीरपंथी हैं, जो भाजपा के पूर्व विधायक भगवान दास कबीरपंथी की भाभी हैं। पंजाबी बिरादरी के ही राजीव नारंग को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। आम आदमी पार्टी ने भी पंजाबी बिरादरी के ही अर्पित पोपली को उतारा है, वहीं दूसरी बड़ी अग्रवाल बिरादरी से वीरेंद्र बंसल चुनाव में कड़ी टक्कर देते नजर आए हैं। यही कारण है कि मुकाबला त्रिकोणीय नजर आया।
चेयरमैन पद एसी के लिए आरक्षित
करीब 35 हजार की आबादी वाली असंध नगर पालिका में 17 वार्ड और 21144 मतदाता हैं। यहां चेयरमैन का पद एससी के लिए आरक्षित है। यहां पिछला चेयरमैन दीपक छाबड़ा रहे हैं, जो भाजपा से जुड़े रहे। इस बार भाजपा ने कमलजीत उर्फ लाडी व आम आदमी पार्टी ने सोनिया बोहत को प्रत्याशी उतारा है, लेकिन यहां राजेंद्र सिंह मट्टू व सतीश कटारिया मुख्य मुकाबले में शामिल होकर लड़ाई को चतुष्कोणीय बना रहे हैं। इन दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों को कांग्रेस के दो नेताओं का सहयोग भी मिला है। यूं तो यहां वैश्य, पंजाबी और सिख मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है, लेकिन पद आरक्षित होने के कारण सभी प्रत्याशी आरक्षित वर्ग से ही हैं।

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