सिख कैदियों की रिहाई पर बड़ा दांव खेल सकती है भाजपा, जालंधर में पीएम मोदी कर सकते हैं एलान

सिख कैदियों की रिहाई पर बड़ा दांव खेल सकती है भाजपा, जालंधर में पीएम मोदी कर सकते हैं एलान

चंडीगढ़
हाल ही में सिख बंदियों की रिहाई को लेकर पंजाब के सिख संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और पंजाब में भाजपा के चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी। सिख संगठनों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि भुल्लर सहित 12 सिख कैदी ऐसे हैं जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है।

पंजाब चुनाव से ठीक पहले भाजपा सजा पूरी कर चुके दविंदर पाल भुल्लर सहित 12 सिख बंदियों की रिहाई पर बड़ा दांव खेल सकती है। 14 फरवरी को जालंधर में चुनावी रैली में शामिल होने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इस बड़े फैसले की संभावना इसलिए भी बन रही है क्योंकि पंजाब भाजपा की ओर से इस मामले की मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी भेजा गया है। पार्टी नेताओं के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय सिख संगठनों की मांग को देखते हुए मंजूरी दे सकता है।

हाल ही में सिख बंदियों की रिहाई को लेकर पंजाब के सिख संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और पंजाब में भाजपा के चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी। सिख संगठनों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि भुल्लर सहित 12 सिख कैदी ऐसे हैं जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने संगठनों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांग को लेकर केंद्रीय मंत्रालय और गृहमंत्री अमित शाह से बात करेंगे। उन्होंने आश्वासन भी दिया कि वह उनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा कराएंगे। इसके बाद पंजाब भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री को एक पत्र भेजकर इसकी मंजूरी देने का आग्रह किया है। चुनाव को देखते हुए पार्टी के नेता यह मान रहे हैं कि पंजाब के सिख संगठनों की मांग को केंद्रीय गृह मंत्रालय गंभीरता से लेगा। संभावना यह भी है कि जालंधर में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं।
ये संगठन रिहाई की कर रहे हैं मांग
पंजाब और दूसरे राज्यों में बंद सिख कैदियों की रिहाई के लिए कई सिख संगठन सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें हवारा कमेटी, पूर्व पंच प्यारे अकाल तख्त, सिख यूथ फेडरेशन, श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी, अकाल यूथ आदि शामिल हैं।
क्या है मामला
दिल्ली के रायसीना रोड स्थित युवा कांग्रेस कार्यालय के बाहर सितंबर 1993 में एक बम विस्फोट हुआ था। इसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी और 31 घायल हुए थे। 2001 में इस मामले में भुल्लर को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने गुरुनानक देव जी के 550वीं जयंती पर भुल्लर सहित 8 सिख कैदियों को विशेष छूट की सिफारिश की थी। अब भुल्लर की रिहाई दिल्ली सरकार की इच्छा पर संभव है।
लगातार हो रहे प्रदर्शन
जेल की सजा पूरी कर चुके प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर व अन्य सिख कैदियों की रिहाई को लेकर पंजाब में सिख संगठन द्वारा प्रदर्शन कर रहे हैं। भुल्लर की रिहाई को लेकर सिख संगठनों में आप के प्रति काफी गुस्सा है। वह सीधे तौर पर उनकी रिहाई में अरविंद केजरीवाल को रोड़ा बता रहे हैं।

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