सिंगल अंब्रेला की आखिरी बैठक पर विवाद

शिमला। विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने से दो दिन पूर्व हुई नगर निगम शिमला की सिंगल अंब्रेला कमेटी की बैठक विवादों के घेरे में आ गई है। आरोप है कि बैठक में भवन निर्माण के नियमों को धता बताकर कर शहर के कोर एरिया में करीब दो दर्जन रि-कंस्ट्रक्शन के मामलों को अनुमति दी गई है। वहीं, राज्य में नई सरकार की घोषणा से पूर्व हुई सिंगल अंब्रेला की इस अंतिम बैठक में आवेदकों पर दिखाई गई मेहरबानी का यह मामला मुख्यमंत्री कार्यालय और शहरी विकास मंत्री कार्यालय में पहुंच गया है।
नगर निगम की सिंगल अंब्रेला कमेटी की बैठक में शहर के कोर और ग्रीन एरिया में मानकों को धता बताकर चार से छह मंजिला भवनों के पुनर्निर्माण की परमिशन दी गई है। सिंगल अंब्रेला की पूर्व में हुई बैठकों में इन मामलों पर आपत्तियां दर्ज की गई थी, लेकिन 18 दिसंबर को हुई बैठक में ये सभी आपत्तियां हवा हो गई और इन नक्शों को स्वीकृत कर दिया गया। निगम की वास्तुकार एवं योजनाकार शाखा के कर्मचारी भी दबी जुबान से नक्शों को स्वीकृत करने में हुई गड़बड़ी को मान रहे हैं। सूत्रों की मानें तो लोअर बाजार में जिस छह मंजिला भवन को पुनर्निर्माण की अनुमति दी गई है। इसे दो दिसंबर 2011 को हुई सिंगल अंब्रेला कमेटी की बैठक में रिजेक्ट कर दिया गया था। तर्क दिया गया था कि अगर इस भवन का रि-कंस्ट्रक्शन किया जाता है तो साथ लगते भवनों को खतरा पैदा होगा, लेकिन अब एक साल बाद उसी सिंगल अंब्रेला कमेटी की बैठक में छह मंजिला भवन को पुनर्निर्माण की अनुमति दे दी गई है। ऐसे ही दो दर्जन से अधिक और मामले भी हैं जिनमें नियमों को के खिलाफ कोर एरिया में भवन निर्माण को हरी झंडी दी गई है।

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मामले की उच्च स्तरीय जांच मांगी
लोअर बाजार की दुकान नंबर 109 और 109/1 के किरायेदार अजय शर्मा और जसप्रीत सिंह ने आरोप लगाया है कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख कर नक्शे स्वीकृत किए गए हैं। इन्होंने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री सहित शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को भी लिखित में सौंपी है। अजय शर्मा और जसप्रीत सिंह का कहना है कि नक्शों को पास करने में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। 18 दिसंबर को हुई बैठक को रद कर मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

टीसीपी से बैठक में नहीं था कोई
सिंगल अंब्रेला कमेटी के अध्यक्ष नगर निगम आयुक्त होते हैं, जबकि निगम के वास्तुकार एवं योजनाकार (एपी), शहरी विकास विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सहित अस्सिटेंट टाउन प्लानर इसके सदस्य होते हैं, लेकिन 18 दिसंबर को हुई बैठक में टीसीपी की ओर से कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं था। ऐसे में तकनीकी विभाग के प्रतिनिधि के बिना स्वीकृत हुए नक्शों पर सवाल उठना लाजमी है।

आचार संहिता की भी नहीं की परवाह
राज्य में विधानसभा चुनाव के चलते 24 दिसंबर तक आचार संहिता लगी हुई थी। ऐसे में 18 दिसंबर को आनन फानन में बैठक क्यों करवाई गई। इसका जवाब निगम का कोई भी अधिकारी देने को तैयार नहीं है।

प्रधान सचिव टीसीपी को करें शिकायत : आयुक्त
नगर निगम आयुक्त डा. एमपी सूद का कहना है लोअर बाजार के किरायेदारों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। दुकानदार इस संबंध में टीसीपी विभाग के प्रधान सचिव को शिकायत कर मामले की जांच करवा सकते हैं।

सभी नियमों का रखा है पूरा ध्यान : एपी
नगर निगम के वास्तुकार एवं योजनाकार राजीव शर्मा का कहना है सभी नियमों को पूरा कर नक्शे स्वीकृत किए गए हैं। अगर कोई ऐसा मामला सामने आता है तो उस पर पुनर्विचार किया जाएगा।

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