बीमार मानसिकता के लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार व कई बार तो ब्लैकमेल तक करते हैं। अपने नागरिकों की गरिमा की रक्षा करना, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों की सरकारों की जिम्मेदारी है। वर्तमान में इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए एक तंत्र को विकसित किया जाना जरूरी है। इसके लिए साइबर व आईटी के उच्च जानकार अधिकारियों को रखना जरूरी है, जो इस तरह के मामलों की जांच कर सकें।
वर्तमान में महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार व उनका डाटा लीक कर उनको ब्लैकमेल करने के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन वर्तमान साइबर सेल उन पर रोक लगाने में पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाती ऐसे में दक्ष लोगों की टीम बनाने की जरूरत है। लेकिन हमारी पुलिस व जांच दल इस पर रोक लगाने में असफल हैं। याची ने हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ व केंद्र सरकार को इस बाबत एक तंत्र विकसित करने की मांग को लेकर मांग पत्र दिया था।
लेकिन किसी ने भी उसके पत्र का कोई जवाब नहीं दिया और न ही कार्रवाई की। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए सभी पक्षों को इस पत्र पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।