साइबर दुर्व्यवहार और साइबर अपराध जनहित याचिका का निपटारा

चंडीगढ़
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दुर्व्यवहा महिलाओं से साइबर दुर्व्यवहार और साइबर अपराध पर रोक लगाने के लिए तंत्र स्थापित करने की मांग वाली जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब और यूटी को याची द्वारा सौंपी गई रिप्रजेंटेशन पर फैसला लेने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के वकील निखिल सराफ ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट का बताया कि वर्तमान में कई तरह के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोजाना  साइबर दुर्व्यवहार और साइबर अपराध चलते रहते हैं, जो समाज के लिए उचित नहीं है।

बीमार मानसिकता के लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर महिलाओं और लड़कियों  के साथ दुर्व्यवहार व कई बार तो ब्लैकमेल तक करते हैं। अपने नागरिकों की गरिमा की रक्षा करना, विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों की सरकारों की जिम्मेदारी है। वर्तमान में इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए एक तंत्र को विकसित किया जाना जरूरी है। इसके लिए साइबर व आईटी के उच्च जानकार अधिकारियों को रखना जरूरी है, जो इस तरह के मामलों की जांच कर सकें।

वर्तमान में महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार व उनका डाटा लीक कर उनको ब्लैकमेल करने के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन वर्तमान साइबर सेल उन पर रोक लगाने में पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाती ऐसे में दक्ष लोगों की टीम बनाने की जरूरत है। लेकिन हमारी पुलिस व जांच दल इस पर रोक लगाने में असफल हैं। याची ने हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ व केंद्र सरकार को इस बाबत एक तंत्र विकसित करने की मांग को लेकर मांग पत्र दिया था।

लेकिन किसी ने भी उसके पत्र का कोई जवाब नहीं दिया और न ही कार्रवाई की। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए सभी पक्षों को इस पत्र पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।

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