सरकार ने लिया था एक लाख कोरोनिल किट खरीदने का फैसला, हाईकोर्ट में मिली चुनौती

सरकार ने लिया था एक लाख कोरोनिल किट खरीदने का फैसला, हाईकोर्ट में मिली चुनौती

चंडीगढ़
हरियाणा सरकार द्वारा पतंजलि निर्मित कोरोनिल की एक लाख दवा किट खरीद को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याची ने हरियाणा सरकार के इस निर्णय पर रोक लगाने की मांग की है। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल इस याचिका पर जल्द ही सुनवाई होगी।

फरीदाबाद निवासी अभिजीत ने अपनी याचिका में बताया कि पतंजलि ने कोरोनिल किट को जारी करते हुए इसे कोरोना का 100 प्रतिशत इलाज बताया था। इसके बाद आयुष मंत्रालय ने इस दावे पर पतंजलि को नोटिस जारी किया था। उत्तराखंड में भी इसी प्रकार का विवाद हुआ था जब आयुर्वेद विभाग के अधिकारी ने बताया था कि पतंजलि ने कोरोना की दवा के लिए नहीं बल्कि खांसी और बुखार के खिलाफ प्रतिरक्षा बूस्टर के लाइसेंस का आवेदन किया था। 

जून 2020 को पतंजलि के सीईओ बालकृष्ण ने खुद कहा था कि पतंजलि ने कोरोना का इलाज नहीं बनाया और कोरोनिल खांसी और बुखार जैसी एलर्जी के लिए प्रतिरक्षा बूस्टर है। इसी वर्ष फरवरी ने इस दवा को डब्ल्यूएचओ प्रमाणित बताया था, जबकि डब्ल्यूएचओ ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने किसी भी पारंपरिक दवा की न तो समीक्षा की है और न ही प्रमाणित किया है। 

याची ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश को वैक्सीन, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, विटामिन आदि की जरूरत है। इन सभी से ध्यान हटाकर एक ऐसी दवा पर सरकार ढाई करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है, जिसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण ही नहीं है। एक लाख किट को खरीद कर लोगों में इसका मुफ्त वितरण करने का फैसला और कुछ नहीं बल्कि जनता के पैसे की बर्बादी है।

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