सरकार ध्यान दे : स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल की अपनी हालत दयनीय

सरकार ध्यान दे : स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल की अपनी हालत दयनीय

धर्मशाला। जोनल अस्पताल में आउटसोर्स 40 कर्मियों की सेवाएं समाप्त होते ही अब स्टाफ की कमी हो गई है। इसका खामियाजा स्टाफ और मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मौजूदा समय में अस्पताल में स्टाफ नर्सों के 13 पद खाली हैं जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 16 पद खाली पड़े हैं। इसके चलते अस्पताल के कई काम प्रभावित हो रहे हैं। अस्पताल में रोजाना विभिन्न ओपीडी में उपचार और जांच करवाने के लिए एक हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं। वहीं स्टाफ की कमी कहीं न कहीं मरीजों की सेहत पर भी भारी पड़ रही है।

जानकारी के मुताबिक जोनल अस्पताल धर्मशाला को कोरोना काल में कोविड सेंटर बनाया गया था। इस दौरान सरकार की ओर से अस्पताल को 40 आउटसोर्स कर्मचारी दिए गए थे। इनमें 20 स्टाफ नर्स और 20 वार्ड बॉय शामिल थे जो कोविड वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में जुटे थे। ये कर्मचारी कोरोना के बाद भी अस्पताल के अन्य कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। जो स्टाफ नर्सों और चतुर्थ श्रेणी के पद खाली चल रहे थे, उनकी कमी को ये आउटसोर्स कर्मचारी पूरा कर रहे थे। उनकी सेवाएं समाप्त करने के बाद अब अस्पताल के स्टाफ पर काम का बोझ बढ़ गया है। एमएस डॉ. राजेश गुलेरी ने बताया कि कोरोना काल में आउटसोर्स पर रखे कर्मचारियों की सेवाओं को सरकार के निर्देशों पर बंद कर दिया है। इस वजह से अब अस्पताल के काम कहीं न कहीं प्रभावित हो रहे हैं। मौजूदा समय में स्टाफ नर्सों के 13 और चतुर्थ श्रेणी के 16 पद खाली चल रहे हैं। इसकी वजह से दिक्कत हो रही है।

Related posts