संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को आज घेरेगा भारत

जेनेवा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

खास बातें

  • सोमवार से यूएनएचआरसी का सत्र शुरू हो रहा है।
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पाकिस्तान का नेतृत्व करेंगे।
  • ये सत्र जेनेवा में 9 से 27 सितंबर तक चलेगा।
  • एस जयशंकर 47 सदस्यीय यूएनएचआरसी के प्रत्येक सदस्य से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर रहे हैं।
सोमवार से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) का सत्र शुरू हो रहा है। इस दौरान नई दिल्ली के लिए सबसे जरूरी यही होगा कि पाकिस्तान कश्मीर के मामले को लेकर यहां कोई चाल ना चले। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 9 से 12 सितंबर तक इस सत्र में भारत के खिलाफ पाकिस्तान का नेतृत्व करेंगे।
ये सत्र जेनेवा में 9 से 27 सितंबर तक चलेगा। यदि पाकिस्तान प्रस्ताव को आगे बढ़ाना चाहता है, तो उसे 19 सितंबर से पहले ऐसा करना होगा।

जेनेवा और दिल्ली में मौजूद राजनयिकों और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार जब विदेश मंत्री एस जयशंकर 47 सदस्यीय यूएनएचआरसी के प्रत्येक सदस्य से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर रहे हैं, तब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कश्मीर में आंतरिक स्थिति को मैनेज किया। सरकार ने इस बात को पूरी तरह सुनिश्चित किया है कि भारतीय सेना के हाथों किसी भी जम्मू-कश्मीर के नागरिक को कोई नुकसान ना हो।

यूएनएचआरसी, जेनेवा में भारत का नेतृत्व सचिव (पूर्व) विजय ठाकुर सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के अलावा पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया करेंगे। राजनयिकों के अनुसार, पाकिस्तान पहले इस स्थिति का आकलन करेगा, इसके बाद यूएनएचआरसी में तत्काल बहस या प्रस्ताव के लिए कहेगा। यदि पाकिस्तान यूएनएचआरसी अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर तत्काल बहस की बात करता है, तो भी वो अपने मकसद में कामियाब नहीं हो पाएगा।

इसके अलावा पाकिस्तान के पास एक और विकल्प ये है कि वह कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए एक प्रस्ताव रखे, लेकिन यह भी वोट डालने के लिए रखा जाएगा। हालांकि मुश्किल हो सकती है क्योंकि 16 अगस्त को चीन और ब्रिटेन (पहले राउंड में) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) पाकिस्तान का समर्थन किया था। लेकिन अंतिम परिणाम भारत के हित में ही था। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका, फ्रांस और रूस ने भारत का समर्थन किया था।

भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। जिसके बाद से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की स्थिति बताने के लिए चीन, इंडोनेशिया, मालदीव, बेल्जियम, पोलैंड, रूस और हंगरी का दौरा किया है। उन्होंने पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करने के लिए हिंद महासागर रिम देशों और दक्षिण अफ्रीका, फिजी, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस सहित अन्य से फोन पर बातचीत की। वह वर्तमान में सिंगापुर में फोन पर काम कर रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएनएचआरसी के सदस्यों को समझाने का काम सौंपा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है।

शुक्रवार को सिंगापुर में जयशंकर ने कहा था कि अधिकांश देशों ने स्वीकार किया है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए भारत का कदम एक आंतरिक मुद्दा था। “उन्हें लगता है कि यह एक भारतीय मुद्दा है। वे जानते हैं कि पाकिस्तान इसके बारे में बहुत कुछ कह रहा है। मुख्य बात यही है कि अगर किसी मुद्दे पर कोई परेशानी है तो भारत और पाकिस्तान को साथ बैठकर इसे सुलझाना चाहिए।

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