संकरी सड़कों पर बेशुमार वाहन, कैसे सुधरेगी फिजा?

नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकार और एमडीडीए से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और प्रदूषण नियंत्रण पर जवाब मांगा है। मामले में विभाग चाहे जो जवाब दें लेकिन शहर में यातायात व्यवस्था ‌का हाल बुरा है।

नहीं हो रहा सड़कों का विस्तार
सड़कों पर वाहनों की भीड़ हर रोज बढ़ती जा रही है उस हिसाब से सड़कों का विस्तार नहीं हो रहा है। निजी वाहन से लेकर सार्वजनिक वाहन बेतहाशा बढ़ रहे हैं। यही नहीं सार्वजनिक परिवहन प्रणाली भी चरमराई हुई है।

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एआरटीओ संदीप सैनी बताते हैं कि दून की सड़कों पर हर माह करीब एक हजार वाहन उतरते हैं। सितंबर माह में ही 150 वाणिज्य, 400 निजी और करीब 150 दोपहिया वाहन दून की सड़कों पर उतरे।

बढ़ रही वाहनों की संख्या
आंकड़ों पर विश्वास करें तो शहर में दोपहिया से अधिक चारपहिया वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस वजह से जहां शहर में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है वहीं पार्किंग की भी समस्या गहरा गई है।

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राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था और आबोहवा कैसे सुधरे इस पर अमर उजाला ने पाठकों से सुझाव मांगे हैं। इस पर बहुत सारे पाठकों ने ई-मेल से अपने सुझाव भेजे हैं। उनमें से बेहतरीन सुझाव को प्रकाशित किया जाएगा।

शास्त्री नगर निवासी राजीव नेगी के सुझाव
– पूरे शहर में साइकिल ट्रैक भुवनेश्वर (उड़ीसा) शहर की तरह बनाए जाए।
– घंटाघर से पलटन बाजार एवं गांधी पार्क तक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी जाए। एक से दो किमी क्षेत्र को वाहनों से मुक्त रखा जाए।
– व्यस्त रहने वाले चौराहों पर सब-वे का निर्माण किया जाए।
– पैदल चलने वालों और साइकिल का उपयोग करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए। ऐसे लोगों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाए।
– शहर में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के वाहनों का आधुनिकीकरण कर उन्हें सीएनजी वाहनों में परिवर्तित किया जाए।
– बैटरी चलित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना चलाई जाए।
– सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को प्रोत्साहन और निजी वाहनों को हतोत्साहित किया जाए।

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