वैज्ञानिक विधि अपनाएं तभी लागत घटेगी : जयप्रकाश

गोरखपुर। किसानों को परंपरागत विधि से खेती छोड़कर वैज्ञानिक ढंग से खेती पर जोर देना होगा। तभी उनकी लागत कम और आमदनी अधिक होगी। किसानों के लिए सबसे जरूरी खेत की मिट्टी का परीक्षण है। ताकि खेत में रासायनिक उर्वरक की अधिकता न होने पाए। किसान जैविक खाद का प्रयोग अधिक करें। इससे खेत की उर्वरा शक्ति संतुलित रहेगी।
यह बातें उपनिदेशक कृषि जयप्रकाश ने चरगांवा में आयोजित तीन दिवसीय कृषि महोत्सव के समापन अवसर पर कही। उन्होेेंने कहा कि किसानों में जागरूकता जरूरी है। कृषि मेले का आयोजन इसी मकसद से किया जाता है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. अशरफ हुसैन ने कहा कि अधिक उत्पादन और कम लागत के लिए किसानों को मिट्टी की जांच कराकर उर्वरक का प्रयोग करना होगा। जानकारी के अभाव में किसान फास्फेटिक और यूरिया खाद का इस्तेमाल जरूरत से कहीं ज्यादा कर रहा है। इससे उन्हेें फायदा तो नहंी बल्कि खेती की लागत बढ़ जा रही है। कृषि विशेषज्ञ डा. एसके तोमर ने मृदा स्वास्थ्य सुधार के बारे में किसानों को जानकारी दी। मेले में किसानों में एक बैटरी चालित स्प्रेयर, 13 चारा मशीन, 06 लेबलर, 18 विनोइंग फैन आदि कृषि उपकरण का वितरण अनुदान पर किया गया।

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