विधेयक पारित: हरियाणा में अब लोकायुक्त को मिलेगा कम वेतन, अवैध कालोनियों के बहुरेंगे दिन

विधेयक पारित: हरियाणा में अब लोकायुक्त को मिलेगा कम वेतन, अवैध कालोनियों के बहुरेंगे दिन

चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सोमवार को पांच विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा नगर पालिका क्षेत्र में अपूर्ण नागरिक सुख सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन विशेष उपबंध संशोधन विधेयक 2021, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल संशोधन विधेयक 2021, हरियाणा लोकायुक्त संशोधन विधेयक 2021, हरियाणा उद्यम प्रोन्नति द्वितीय संशोधन विधेयक, 2021 और पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय रोहतक संशोधन विधेयक, 2021 शामिल हैं।

अब विश्वविद्यालय के नाम को महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल के रूप में पढ़ा जाएगा। लोकायुक्त को अब प्रदेश में कम वेतन मिलेगा। उन्हें मिलने वाले वेतन में से अब पूर्व सेवा के एवज में मिल रही पेंशन कम कर दी गई है। हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन अधिनियम, 2016 की धारा-2 में संशोधन किया गया है। इससे उद्योगों को आसानी से बढ़ावा दिया जा सकेगा। 

पंडित लख्मी चंद राज्य प्रदर्शन और दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति की नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड में सरकार ने बदलाव कर दिया है। भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार हरियाणा संशोधन विधेयक, 2021 सोमवार को पारित नहीं हो पाया। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व विधायक किरण चौधरी ने इस पर आपत्ति जताई। इससे पूंजीपतियों के हित में करार दिया। जिस पर स्पीकर ने इसे रोक दिया। मंगलवार को इस पर चर्चा हो सकती है।
सैकड़ों अवैध कॉलोनियों में मिलेंगी सुख-सुविधाएं, होगा ढांचागत विकास
हरियाणा में अवैध रूप से बसी सैकड़ों कॉलोनियों में जल्दी सुख-सुविधाएं मिलेंगी। ढांचागत विकास भी हो सकेगा। विधानसभा में हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2021 सोमवार को पारित हो गया।

सरकार ने अवैध कॉलोनियों में सुविधाएं देने को लगाई गई अनेक शर्तें भी हटा ली हैं। अगर कोई नई अवैध कालोनी भी विकसित हुई है और सुख-सुविधाएं पाने के लिए निर्धारित मापदंडों को पूरा करती है तो संबंधित मंडलायुक्त और नगरपालिका क्षेत्र के नगर आयुक्त की सिफारिश आने पर सुविधाओं की पूर्ति को लेकर सरकार अंतिम निर्णय लेगी। अभी तक 31 मार्च 2015 से पहले बसी अवैध कालोनियों में ही सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान था। बशर्तें, उनमें 50 प्रतिशत निर्माण हो चुका है। साथ ही कॉलोनी पांच साल पहले बसी होनी चाहिए। सोमवार को विधानसभा में पारित संशोधन विधेयक में इन शर्तों को भी हटा दिया गया है।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की ओर से सदन में यह संशोधन विधेयक पेश किया गया। जिसके विभिन्न बिंदुओं पर सदन की सहमति ली गई। हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख सुविधाओं व अवसंरचना का प्रबंधन विशेष उपबंध अधिनियम, 2016 की धारा 3 के प्रावधान अनेक व्यावहारिक कठिनाइयां प्रस्तुत कर रहे थे, जिन्हें खत्म करना जरूरी हो गया था। इस विधेयक के पारित होने से एनसीआर क्षेत्र व अन्य जिलों में बसी अवैध कालोनियों में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने का रास्ता साफ हो गया है। संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश सरकार अधिसूचना जारी कर प्रदेश में लागू करेगी। इसके बाद अवैध कालोनियों के दिन बहुरने का सिलसिला शुरू होगा। 

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