शिमला
स्थानीय विधायक की सिफारिश पर हुए तबादले पर हिमाचल हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश पारित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रमनियन और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने फॉरेस्ट गॉर्ड शामा देवी की ओर से दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह स्थगन आदेश पारित किए।
प्रार्थी ने याचिका में आरोप लगाया था कि उनका डीओ आधार पर मात्र डेढ़ वर्ष बाद फॉरेस्ट बीट भरौली रेंज ज्वालामुखी से केरिया रेंज देहरा तबादला कर दिया गया जबकि स्थानांतरण नीति के मुताबिक किसी भी कर्मचारी को तीन वर्ष से पूर्व एक जगह से दूसरी जगह के लिए स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
इसके अलावा प्रशासनिक तौर पर जरूरत भी नहीं थी कि उसे भरौली बीट से केरिया बीट के लिए तीन वर्ष के कार्यकाल से पूर्व स्थानांतरित किया जाता। प्रार्थी का आरोप है कि यह स्थानांतरण आदेश निजी तौर पर प्रतिवादी बनाए फॉरेस्ट गार्ड को गलत तरीके से फायदा देने के उद्देश्य से पारित किए गए। हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया स्थानांतरण आदेश को कानून के विपरीत पाते हुए इस पर स्थगन आदेश पारित कर दिए।