विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन सात अहम विधेयक पारित

विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन सात अहम विधेयक पारित

चंडीगढ़
पंजाब विधानसभा ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह की अध्यक्षता में बुलाए गए विशेष सत्र के अंतिम दिन सात महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कर दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब स्टेट विजिलेंस कमीशन बिल, 2020 पेश किया। इसके तहत बहु-सदस्यीय कमीशन की स्थापना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के कामों में और पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार को रोकना है।

विजिलेंस ब्यूरो और राज्य सरकार के सभी विभागों के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए कमीशन को एक स्वतंत्र संस्था के तौर पर बनाया गया है, जिससे बेदाग, निष्पक्ष और पारदर्शी प्रशासन मुहैया करवाया जा सके। यह कमीशन विजिलेंस ब्यूरो और राज्य सरकार के अन्य विभागों की कार्य प्रणाली की प्रभावशाली ढंग से निगरानी और नियंत्रण करेगा।
पंजाब स्टेट विजिलेंस कमीशन विजिलेंस ब्यूरो जांच किए गए मामलों की प्रगति और सरकार के अलग-अलग विभागों में मंजूरी के लिए लंबित पड़े मामलों की समीक्षा करेगा। विजिलेंस कमीशन सरकार के अलग-अलग विभागों को सलाह देगा और विजिलेंस मामलों बारे और पड़ताल करेगा। इस कमीशन को विजिलेंस ब्यूरो को दी गई जिम्मेदारी निभाने के लिए निर्देश देने का अधिकार भी दिया गया है।

पंजाब भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मुंढीमार, पनाही कदीम, सौंजीदार (मालिकाना अधिकारी देना) विधेयक, 2020 पेश करते हुए राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य विशेष श्रेणियों को जमीन के मालिकाना हक देना है, जो राजस्व रिकार्ड में भोंडेदार, बूटेमार, डोहलीदार, इनसार मियादी, मुकररीदार, मुंढीमार, पनाही कदीम, सौंजीदार के तौर पर दर्ज हैं और 1 जनवरी, 2020 को कम-से-कम 20 सालों से काबिज होने का समय पूरा करते हों।

यह कदम ऐसी जमीनों के काश्तकारों को मालिकाना अधिकार देने के लिए कृषि सुधारों का हिस्सा है जो ज्यादातर समाज के आर्थिक और सामाजिक तौर पर कमजोर वर्गों से संबंधित हैं। यह काश्तकार कई सालों से जमीन के छोटे हिस्सों पर काबिज हैं और पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपने अधिकारों के वारिस बनते हैं। उनके पास मालिकाना हक न होने के कारण वह न तो फसलीय कर्जों के लिए वित्तीय संस्थाओं तक पहुंच कर सके और न ही उनको प्राकृतिक आपदा की सूरत में मुआवजा मिलता है।

पंजाब (छोटे एवं सीमांत किसान कल्याण व निपटारा) अलॉटमेंट ऑफ स्टेट गवर्नमेंट लैंड विधेयक, 2020 को पेश करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य 10 सालों से अधिक समय से काश्त कर रहे और काबिज छोटे और दर्मियाने किसानों को वाजिब और पहले से निर्धारित कीमत पर जमीन प्रदान करना है जिससे किसानों और राज्य सरकार दोनों के हितों की रक्षा को यकीनी बनाया जा सके। यह किसान पक्षीय कदम इस संबंधी लंबित पड़े मामलों का निपटारा करने में भी सहायक होगा।

पंजाब लैंड रेवेन्यू (संशोधन) विधेयक, 2020 को पेश करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य पंजाब लैंड रेवेन्यू ऐक्ट, 1887 की अलग- अलग धाराओं में संशोधन करना है, जिसमें इस समय 158 धाराएं हैं (शेड्यूल को छोडकर) जिससे इस कानून को सरल और न्याय देने की प्रक्रिया में तेजी को यकीनी बनाया जा सके।

वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने ‘पंजाब टिशू कल्चर आधारित आलू बीज बिल, 2020’ विधानसभा में पेश किया। विधेयक का उद्देश्य टिशू कल्चर आधारित प्रौद्योगिकी द्वारा मानक आलू बीज के उत्पादन को मंजूरी देकर किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस तकनीक में ऐरोपोनिक्स/ नैट हाउस की सुविधा का प्रयोग कर आलू बीज और इसकी प्रमाणित और उन्नत किस्मों का प्रयोग करना शामिल है।

फैक्ट्री (पंजाब अमेंडमेंट) बिल, 2020 पेश करते हुए श्रम मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि विधेयक राज्य के निवेश के माहौल को सुधारने और रोजगार पैदा करने पर आधारित है। विधेयक का उद्देश्य धारा 2एम (1), 2एम (2), 65 (4), 85 में संशोधन करना और फैक्ट्री एक्ट, 1948 में एक नयी धारा (106-बी) शामिल करना है। विधेयक छोटी इकाइयों की मौजूदा सीमा रेखा को क्रमवार 10 और 20 से बदलकर 20 और 40 करने की व्यवस्था करता है।

रजिस्ट्रेशन (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2020 को पेश करते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 सेल डीड रजिस्टर करने से इंकार करने के लिए राजस्व अधिकारियों को पूरी तरह समर्थ नहीं बनाता, जिसके लिए उनको अधिकृत किए जाने की जरूरत थी, जिसे केंद्रीय और राज्य सरकार की जमीनों, वक्फ बोर्ड की जमीनों, शामलात और अन्य जमीनों के मालिकाना हकों को सुरक्षित बनाकर प्रांतीय और केंद्रीय कानूनों से संबंधित ऐसे उपबंधों को लागू करने में और कुशलता लाई जा सके। इस संशोधन के द्वारा राजस्व अधिकारियों को केंद्रीय और राज्य सरकार की जमीनों, वक्फ बोर्ड की जमीनों, शामलात और अन्य जमीन की बिक्री या खरीद की रजिस्ट्री करने से इंकार करने के अधिकार की व्यवस्था रजिस्ट्रेशन एक्ट -1908 में शामिल की गई है।

 

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