वजह पर 24 घंटे बाद भी सस्पेंस बरकरार

अलीगढ़/रामपुर। जिला दूरसंचार प्रबंधक राजेश कुमार ने आखिर क्यों जान दे दी, इस सवाल का जवाब चौबीस घंटे बाद भी सामने नहीं आ पाया है। हालांकि पुलिस का शक तो यही है कि पारिवारिक कलह की वजह से ही टीडीएम ने इतना बड़ा कदम उठाया होगा। फिलहाल पुलिस कुछ भी कहने से पहले हर बिंदु को अच्छी तरह जांच परख लेना चाहती है।
अलीगढ़ निवासी भारतीय दूर संचार सेवा वर्ष 93 बैच के आईटीएस अफसर राजेश कुमार 25 अगस्त को ही एटा से रामपुर बतौर जिला दूरसंचार प्रबंधक के पद पर तैनात किए गए थे। राजेश की लाश सोमवार को उनके सरकारी आवास पर पंखे पर लटकी मिली थी। इतने बड़े अफसर के इस तरह जान देने की खबर ने जहां टेलीफोन महकमे के अफसरों व कर्मियों को स्तब्ध कर दिया था, वहीं दूसरे विभागों के अफसर भी इस घटना को लेकर सकते में आ गए थे। राजेश की मौत के बाद विभाग के उच्चाधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने शुरुआती जांच पड़ताल के बाद टीडीएम की मौत को आत्महत्या ही माना था, लेकिन पुलिस के पास आत्महत्या करने की वजह नहीं थी। राजेश की पत्नी सीमा ने जो पुलिस को बताया था उसके हिसाब से रामपुर ज्वाइन करने के बाद तनाव में रहने की बात कही थी, लेकिन टीडीएम आखिर किस तनाव में थे इसकी वजह न तो पत्नी बता पाई थी और न ही परिवार का कोई अन्य सदस्य। पुलिस भी परिजनों से कोई खास बातचीत नहीं कर पाई। घटना के चौबीस घंटे बाद भी यही सवाल अभी बरकरार है कि आखिर टीडीएम ने जान क्यों दे दी। पुलिस की अब तक की जांच में जो बात सामने आई है उसमें तो यही आशंका जाहिर की गई है कि जान देने के पीछे कहीं न कहीं पारिवारिक कलह हो सकती है। मगर, इस बिंदु पर पुलिस फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या की वजह तलाशी जा रही है।

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