रैपिड एंटीजन टेस्ट के ज्यादातर मामले गलत, आरटी-पीसीआर में आ रहे संक्रमित

नई दिल्ली

corona in india

कोरोना की टेस्टिंग प्रक्रिया रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर एक कई बातें सामने आ रही हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रैपिड एंटीजन में आने वाले ज्यादातर नकारात्मक टेस्ट आरटी-पीसीआर से करने पर सकारात्मक आ रहे हैं। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां आरटी-पीसीआर पर निर्भरता बढ़ रही है।
मुंबई की दो बड़ी सार्वजनिक प्रयोगशालाओं से मिले डाटा के मुताबिक 65 फीसदी कोरोना संक्रमित लोग जिनकी रिपोर्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव आई थी, उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। हालांकि दिल्ली जैसे राज्य में इसका उल्टा है, यहां रैपि़ड एंटीजन टेस्ट की सफलता दर महाराष्ट्र की तुलना में अच्छी है।
18-21 जुलाई के बीच दिल्ली में 15 फीसदी सिम्प्टोमैटिक कोरोना मरीज ऐसे थे जिनकी रिपोर्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव आई थी लेकिन आरटी-पीसीआर टेस्टिंग में वो पॉजिटिव पाए गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 18-21 जुलाई के बीच 3.6 लाख लोगों का टेस्ट रैपिड एंटीजन से हुआ था, इनमें से छह फीसदी मरीज ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।

2,294 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, जिनका बाद में आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया और कुल 15 फीसदी मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। यही वजह है कि तमिलनाडु में हर दिन 113 अस्पतालों के 50,000 कोरोना संदिग्ध मरीजों का टेस्ट किया जाता है और ये टेस्ट आरटी-पीसीआर विधि के जरिए ही किया जाता है।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा कि हमारे पास आरटी-पीसीआर की उपलब्धता अच्छी मात्रा में है, इसलिए संदिग्ध लोगों का टेस्ट इसी प्रक्रिया के जरिए किया जा रहा है। बंगलुरू में 20 जुलाई से रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की जा रही है और अबतक 8,500 लोगों का टेस्ट किया जा चुका है।

हालांकि बंगलुरू में किए जा रहे रैपिड एंटीजन टेस्ट का कोई विश्लेषण नहीं किया गया है। दिल्ली के एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट, आरटी-पीसीआर की तुलना में कम संवेदनशील हैं लेकिन इसके जरिए एक घंटे में कोरोना की रिपोर्ट आ जाती है। इसलिए इस टेस्ट को स्क्रीनिंग के लक्ष्य से ही इस्तेमाल किया जा रहा है।

पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 14,810 रैपिड एंटीजन टेस्ट और 5,250 आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जा चुके हैं। तेलंगाना के हैदराबाद और दूसरे शहरों में कोरोना की कुल टेस्ट किए गए मामलों 60-70 फीसदी रैपिड एंटीजन की मदद से किए गए हैं। हालांकि तेलंगाना में ज्यादा झूठे टेस्ट का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है।

तेलंगाना के स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि रैपि़ड एंटीजन टेस्ट में आने वाले नेगेटिव लोगों में सात फीसदी मामले ही ऐसे हैं, जिनका आरटी-पीसीआर टेस्ट पॉजिटिव आया है।

 

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