चंडीगढ़
कोरोना का संक्रमण अब राजभवन तक पहुंच गया है। रविवार को पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के प्रधान सचिव जेएम बालामुर्गन के अलावा राजभवन के चार अन्य कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप मच गया। इसके बाद प्रशासक वीपी सिंह बदनौर और सलाहकार मनोज परिदा की भी कोरोना जांच की गई। दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
पंजाब राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि शहर में बढ़े कोरोना वायरस के मामलों के बाद पंजाब राजभवन में एक अभियान चलाकर रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से 336 लोगों की जांच की गई थी। इनमें पंजाब राजभवन में काम करने वाले कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और राजभवन में कार्यरत अधिकारी शामिल थे। बदनौर के आदेशों पर दो दिनों में पूरे स्टॉफ की जांच की गई।
रविवार को जब रिपोर्ट आई तो राजभवन में पांच लोग कोरोना पॉजिटिव निकले। इनमें सबसे अहम प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के प्रधान सचिव जेएम बालामुर्गन हैं। रिपोर्ट के बाद पूरे राजभवन को सैनिटाइज किया गया और कई कर्मचारियों को क्वारंटीन कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से बालामुर्गन राजभवन में होने वाली बैठकों में शामिल नहीं हो रहे थे।
कोरोना से लड़ने को बनाया था वॉर रूम, वहीं पहुंचा कोरोना
शहर में कोरोना वायरस के कुछ मामले सामने आने के बाद प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने सेक्टर-18 स्थित टैगोर थिएटर में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर वॉर रूम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इस वॉर रूम में ही शहर में कोरोना से लड़ने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी और फैसले लिए जाएंगे। शुरुआती दिनों में वॉर रूम की बैठक रोजाना और यूटी सचिवालय में की जाती थी लेकिन बाद में इसे राजभवन में शिफ्ट कर दिया गया था।
वॉर रूम में होने वाली लगभग हर बैठक में प्रशासक बदनौर के साथ उनके प्रधान सचिव जेएम बालामुर्गन, एडवाइजर मनोज परिदा, डीजीपी संजय बेनीवाल और स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता मौजूद होते थे। आखिरी बार वॉर रूम की बैठक शुक्रवार को हुई थी, जिसमें बदनौर के साथ एडवाइजर और डीजीपी शामिल हुए थे। कोरोना का केस आने के बाद आने वाले कुछ दिनों के लिए वॉर रूम की बैठक को भी स्थगित किया जा सकता है।