राजधानी में सवा सौ परिवारों का चालान

शिमला। नगर निगम को कूड़ा नहीं देने वाले शहर के सवा सौ परिवारों के चालान किए गए हैं। इन लोगों को अब निगम कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। यहीं पर जुर्माने की राशि तय की जाएगी। पांच सौ रुपये जुर्माने की न्यूनतम राशि है। इसके अलावा घर-घर से कूड़ा एकत्रीकरण योजना से अभी तक नहीं जुड़े करीब ढाई हजार परिवारों को नोटिस जारी करने की तैयारी है। नोटिस के बावजूद कूड़ा नहीं देने वालों के खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी। इधर-उधर गंदगी फेंकते हुए अगर कोई पाया गया तो जुर्माना किया जाएगा। निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. उमेश भारती ने इसकी पुष्टि की है।
राजधानी शिमला को साफ सुथरा बनाने के लिए नगर निगम ने हर घर से कूड़ा एकत्र करने की योजना चलाई हुई है। घर-घर से कूड़ा उठाने का जिम्मा सैहब सोसाइटी को दिया गया है। योजना को शुरू करते समय शहर के लोगों को नगर निगम ने दो-दो डस्टबिन मुहैया करवाए थे। पीले रंग के डिब्बे में सूखा तथा हरे रंग के डिब्बे में गीला कूड़ा रखने की बात कही गई है। सैहब सोसाइटी के चार सौ कर्मचारी घर-घर से कूड़ा उठाने का काम करते हैं। इस कूड़े को सत्ताइस गाड़ियों के जरिये टुटू-तारादेवी रोड स्थित भरयाल कूड़ा संयंत्र तथा बाईपास रोड पर लालपानी में डंप किया जाता है। डंपिंग साइट तक कूड़ा-करकट ले जाने के लिए सात डंपर प्लेसर चलाए गए हैं। नवंबर 2012 तक सैहब सोसाइटी के रिकार्ड में रोजाना कूड़ा देने वाले शहर के पच्चीस वार्डों के करीब साढ़े चौंतीस हजार परिवार पंजीकृत हैं। इसके बावजूद करीब ढाई हजार लोग अभी कूड़ा देने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में नगर निगम ने नोटिस जारी कर सभी लोगों को अंतिम बार चेतावनी देने की तैयारी की है।

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