युवा मंत्री विक्रमादित्य ने लोगो से जानना चाहा उनके क्षेत्रो की सड़को का हाल तो खस्ताहाल सड़को का आंकड़ा पहुंचा 12 हज़ार के पार

युवा मंत्री विक्रमादित्य ने लोगो से जानना चाहा उनके क्षेत्रो की सड़को का हाल तो खस्ताहाल सड़को का आंकड़ा पहुंचा 12 हज़ार के पार
 शिमला

पहली बार किसी मंत्री ने जनता के साथ किया ऐसा संवाद जिसे जनता कह रही है अति सराहनीय प्रयास

 मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार रात को फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा कि प्रदेश में लोकनिर्माण विभाग की जिन सड़कोें की हालत बहुत खराब है, कृपया हमें उनकी जानकारी प्राप्त करवाएं।

लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक के माध्यम से जनता से खराब सड़कों के नाम पूछे तो 21 घंटों में लोगों ने ऐसी 12 हजार सड़कें गिना दीं। प्रदेश की जनता ने राजधानी शिमला से लेकर दूरदराज के क्षेत्रों की सड़कों की सोशल मीडिया पर पोल खोल कर रखी दी। कई लोगों ने सड़कों की फोटो अपलोड कर बीते लंबे समय से मरम्मत नहीं होने का दुखड़ा भी रोया। मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार रात को फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा कि प्रदेश में लोकनिर्माण विभाग की जिन सड़कोें की हालत बहुत खराब है, कृपया हमें उनकी जानकारी प्राप्त करवाएं। मंत्री की इस पोस्ट को 36 हजार लाइक और करीब डेढ़ हजार शेयर भी मिले।

युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह की इस पहल को हजारों लोगों ने सराहा भी। लिखा कि पहली बार किसी मंत्री ने इस तरह की जानकारी मांगी है। इससे उम्मीद जगी है कि खस्ताहाल सड़कों की हालत में जल्द सुधार भी होगा। प्रदेश के सभी जिलों से मंत्री की फेसबुक पोस्ट पर कमेंट आए हैं। लोगों ने मुख्य सड़कों के साथ-साथ संपर्क सड़कों की हालत से मंत्री को अवगत कराया। कई लोगों ने यह भी लिखा कि कई क्षेत्रों में विभागीय अधिकारी खुद सड़कों की मरम्मत करवाने में अड़ंगा फंसाते हैं। ऐसे अधिकारियों पर भी नकेल कसी जानी चाहिए। कुछ लोगों ने लिखा कि उम्मीद है कि सड़कों की मरम्मत फेसबुक पर ही नहीं होगी। अधिकारी और कर्मचारी मौके पर जाकर भी स्थिति का जायजा लेंगे।


हिमाचल की जीवन रेखा हैं सड़कें
हिमाचल प्रदेश में रेल और हवाई सेवाओं का विस्तार नहीं होने के चलते सड़कें ही आवाजाही का सबसे बड़ा साधन है। हिमाचल प्रदेश में सड़कों को जीवन रेखा की संज्ञा दी गई है। लोकनिर्माण विभाग ने प्रदेश में सड़कों का विस्तृत जाल बिछाया है। इस महकमे की गंभीरता इतनी अधिक रही है कि प्रदेश के अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने इस महकमे को अपने पास ही रखा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेमकुमार धूमल को तो सड़कों वाले मुख्यमंत्री के नाम से जाता है।

– मैं सिर्फ बातें करने में विश्वास नहीं रखता हूं। जिस भी मामले को उठाता हूं, उसे नतीजे तक पहुंचाता हूं। कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा प्रदेश के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी है। खस्ताहाल सड़कों को ठीक करवाने के लिए जल्द ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा। हमारे घर और कार्यालय के दरवाजे प्रदेश की जनता और उनके सुझावों के लिए हमेशा खुले हैं।

– विक्रमादित्य सिंह, लोकनिर्माण मंत्री हिमाचल सरकार

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