तंत्र मंत्र से समस्याओं के समाधान के नाम पर युवती से सामूहिक बलात्कार के मामले में चार कथित ज्योतिषियों पर अपराध साबित हुआ है।
अदालत ने चारों को सामूहिक बलात्कार, धोखाधड़ी और षड्यंत्र का दोषी पाया है। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट अमित कुमार सिरोही की अदालत दोषियों को 14 अक्तूबर को सजा सुनाएगी। चारों दोषी राजस्थान के झुंझनू के रहने वाले हैं।
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युवती से वर्ष 2005 में गैंग रेप हुआ
हरिद्वार रोड पेट्रोल पंप के सामने गणेश ज्योतिष केंद्र चलाने वाले कथित ज्योतिषियों के झांसे में आई युवती से वर्ष 2005 में गैंग रेप हुआ था।
युवती ने अदालत को बताया कि जून वर्ष 2005 में समाचार पत्र में विज्ञापन पढ़कर उसे इस केंद्र के बारे में जानकारी मिली। 24 घंटे के भीतर हर समस्या के समाधान का दावा किया गया था।
समस्या का समाधान नहीं हुआ
वह मानसिक रूप से परेशान थी और समाधान के लिए केंद्र पहुंची तो कथित ज्योतिषी मोतीलाल ने उससे अगले दिन 51 सौ रुपये लेकर आने को कहा। उसने अगले दिन रुपये जमा कराए, लेकिन दस दिन बाद भी उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
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वह दोबारा केंद्र में गई तो मोतीलाल ने उसे कहा कि समस्या बड़ी है, इसलिए यज्ञ करना होगा। इसमें 51 सौ रुपये खर्च आएगा और तीन-चार लोगों की व्यवस्था करनी होगी। इन लोगों की व्यवस्था वह खुद कर लेगा। उसने युवती को एक पर्चा भी पकड़ाया।
शारीरिक संबंध बनाने के लिए डराया
दुबारा केंद्र में पहुंची तो कथित ज्योतिषी ने कागज पर पानी छिड़का तो कुछ अक्षर उभर आए। युवती को यह कहकर डराया गया कि यज्ञ आधा हो चुका है और इसे पूरा करने के लिए उसे उनसे शारीरिक संबंध बनाने होंगे।
यदि ऐसा न किया तो उल्टा प्रभाव होगा। इसके बाद बंद कमरे में उसे अपनी हवस का शिकार बनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में आठ गवाह पेश किए गए।
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इन धाराओं में पाया दोषी
इस मामले में कुल पांच आरोपी थे, जिनमें एक एक नाबालिग है। नाबालिग आरोपी किशोर बोर्ड में विचाराधीन है। जबकि चार दोषियों मोतीलाल, सुभाष कुमार, मक्खनलाल, राजू उर्फ राजकुमार को अदालत ने धारा 420 धोखाधड़ी, 120 बी षड्यंत्र व 376 (2)(जी) गैंग रेप, 5/7 जादुई औषधि आपत्तिजनक उपचार विज्ञापन अधिनियम 1954 का दोषी पाया गया है। कानून के जानकारों के मुताबिक गैंग रेप के दोषियों को सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
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कई और युवतियां भी हुई शिकार
गांव मंड्ररैला थाना पिलानी जिला झुंझनू राजस्थान निवासी मोतीलाल, सुभाष कुमार, मक्खनलाल, राजू दून में काफी समय से ज्योतिष केंद्र चला रहे थे। समाचार पत्र में दिए विज्ञापन में इन्होंने खुद को गोल्ड मेडलिस्ट बताया था।
पुलिस ने मामले की जब पड़ताल की तो उसे पता चला कि इन्होंने कुछ अन्य युवतियों को भी इसी तरह हवस का शिकार बनाया था।
ऐसे खुला मामला
गैंग रेप के बाद दोषियों ने युवती को डराया धमकाया। उसे बताया गया कि यदि किसी को यह बात बताई तो उसके परिजनों की मौत हो जाएगी। जून 2005 हुई यह घटना चार महीने बाद तब सामने आई जब पीड़ित युवती उपचार के लिए योगीराज किशोर बिष्ट के पास पहुंची।
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पीड़िता और उसकी मां ने योगीराज को पूरे प्रकरण की जानकारी दी। किशोर बिष्ट ने मां-बेटी का हौसला बढ़ाया तो उन्होंने 16 अक्तूबर 2005 को कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
गवाही रही अहम
स्त्री रोग विशेषज्ञ डा.आशा रावल ने अदालत को बताया कि गैंगरेप के चलते पीड़िता के गुप्तांग में सूजन, पस पड़ गया था, जिसे इंफेस्टिव बार्थोलिमेटिक कहते हैं।
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न्याय के लिए आठ साल किया इंतजार
युवती को न्याय के लिए आठ साल इंतजार करना पड़ा। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता जयकृष्ण जोशी ने कहा कि पीड़िता द्वारा खुद को अनुसूचित जाति की बताए जाने पर दोषियों पर एससीएसटी एक्ट धारा लगाए जाने के लिए दुबारा से विवेचना हुई, लेकिन दोषी इसके खिलाफ हाईकोर्ट से स्टे ले आए।
चार से पांच साल तक मामले में हाईकोर्ट से स्टे रहा। करीब तीन महीने पहले यह प्रकरण विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट की अदालत में आया। मामले में गैंग रेप के दोषियों को एससीय/एसटी एक्ट का दोषी नहीं पाया गया।