मोदी ने जनता को किया गुमराह, 2017 वि स चुनाव में भाजपा को होगा इसका नुकसान : विक्रमादित्य

मोदी की मंडी रैली का यहां जवाब देगी कांग्रेस

शिमला:(वीरेन्द्र खागटा ) हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में पत्रकार वार्ता में प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा की मंडी रैली का जवाब कांग्रेस पार्टी कांगड़ा जिला में महारैली करके देगी। इस रैली को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधीसे सम्बोधित करने का आग्रह किया जाएगा। इसका आयोजन सरकार के 4 साल पूरा होने के अवसर पर 25 दिसम्बर को किया जाएगा। महारैली के आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी के आगामी शिमला दौरे के दौरान होने वाले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जनरल हाऊस में लिया जाएगा।
विक्रमादित्य सिंह ने दावा किया कि कांग्रेस की महारैली में भाजपा की मंडी रैली से डबल भीड़ को जुटाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मंडी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश को कुछ देने की बजाए मंच का प्रयोग राजनीति करने के लिए किया, साथ ही मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर मंच से अप्रत्यक्ष तौर पर टिप्पणी करके उन्होंने प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि योजना आयोग के बंद होने से राज्य को विभिन्न योजनाओं में करीब 20,000 करोड़ रुपए का कट लगा है।
विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा की मंडी रैली को फ्लॉप-शो बताया। उन्होंने कहा कि इस रैली से जो उम्मीद प्रदेश की जनता को थी, वह पूरी नहीं हो पाई। युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मंडी रैली में जातिवाद को बढ़ावा दिया गया। प्रधानमंत्री को कृष्ण और सांसद राम स्वरूप को सुदामा कहकर विफलता को छिपाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि मंडी को स्वच्छता के लिए जो पुरस्कार मिला है, उसके लिए प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने काम किया है। इसमें सांसद रामस्वरूप की किसी तरह की भागीदारी नहीं है।हिमाचल को 20 हजार करोड़ का नुकसान
मोदी ने हिमाचल को 14वें वित्तायोग के तहत 72 हजार रुपये दिए जाने की बात की है, मगर यह सच्चाई नहीं है। हिमाचल को इसके तहत दो साल में केवल 13 हजार करोड़ रुपये ही मिले हैं। यह पैसे 2015 से 2019 के बीच आने की बात की जा रही है।

योजना आयोग को भंग करने से हिमाचल को 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सीएम कई बार प्रधानमंत्री से हिमाचल के युवाओं की सेना में भर्ती का कोटा तय करने का मुद्दा उठा चुके हैं, मगर इस पर कुछ नहीं किया गया। मोदी बस यूपीए सरकार के समय में शुरू हुई योजनाओं का उद्घाटन करके ही चले गए।

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