मुजफ्फरनगर में हालात पूरी तरह काबू में नहीं, 31 लोगों की मौत

मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में अब भी हालात पूरी तरह काबू में नहीं आए हैं। हिंसा में सोमवार को मरने वालों की संख्या 31 तक पहुंच गई। जिले के प्रभावित इलाकों, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में सेना का फ्लैग मार्च और पुलिस की गश्त जारी है, हिंसा को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।

इस बीच सरकार ने हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। प्रशासन ने शहर के तीन थाना क्षेत्रों में सभी हथियारों के लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि हफ्ते भर में हालात काबू में आ जाएंगे। गृह सचिव कमल सक्सेना ने बताया कि हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश विष्णु सहाय की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया है।

यह आयोग मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा की जांच करेगा और दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के महानिरीक्षक आशीष गुप्ता ने बताया कि हिंसा के मामले जिन लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनकी गिरफ्तारी जल्द ही शुरू की जाएगी। अब तक 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हर 12 घंटे के भीतर स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुजफ्फरनगर में चल रही हिंसा पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। इस मामले में आज उनकी
प्रधानमंत्री और राज्यपाल से बात हुई है। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग माहौल बिगाडऩे की साजिश रच रहे हैं, उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार जांच में जुटी हुई है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

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