मुख्य गंगा स्नान कल, तैयारी नहीं है पूरी

कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में जिला प्रशासन और जिला पंचायत एक पखवाड़े में मुख्य स्नान घाट की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं करा पाए। मुख्य स्नान पर्व पर 1200 फुट स्नान घाट पर करीब 25 लाख श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने से कई आशंकाएं बलवती हो गई हैं।

हापुड़ डीएम ने गंगा में जल कम कराने के बाद भी गढ़ की तरफ गंगा किनारे से पांच फुट आगे पहुंचते ही जलस्तर 10 फुट से कम नहीं हो पा रहा है। कटान और पानी के घुमाव के चलते इस बार एक किलोमीटर के स्थान पर मात्र 1200 फुट का मुख्य स्नान घाट ही बन पाया है, जो जिला प्रशासन और जिला पंचायत का गणित बिगाड़ सकता है।

जिला पंचायत के अनुसार, सोमवार की शाम तक करीब 12 लाख श्रद्धालु मेले में पहुंच चुके हैं। मुख्य स्नान पर्व पर 25 लाख से अधिक श्रद्धालु मेले में पहुंच जाएंगे, लेकिन पुलिस प्रशासन के सामने अहम सवाल मुंह बाए खड़ा है कि रात 12 बजे से प्रारम्भ होने वाले स्नान पर्व पर सुबह 12 बजे तक 25 लाख श्रद्धालुओं को कैसे स्नान करा पाएंगे। यानि कि प्रति घंटा 25 हजार श्रद्धालुओं के स्थान पर ढाई लाख प्रति घंटा आने वाले श्रद्धालुओं को कैसे गंगा में गोता लगाने से रोकेंगे।

मुख्य स्नान घाट पर सोमवार की शाम को भी काम चल रहा है। जिला पंचायत अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि बुलंदशहर सेक्टर के सामने स्नान घाट बना दिया गया है, जबकि मेरठ सेक्टर में भी पानी ज्यादा न होने के कारण काफी बड़ा स्नान घाट है।

मात्र दो रास्ते नक्का कुआं रोड और मीरा रेती रोड
नक्का कुआं रोड पर आवागमन से अभी भी जाम की स्थिति है, जबकि मंगलवार की शाम को यह पूरी तरह चोक हो जाएगा। पशु मेले की तरफ आने वाले मार्ग पर गन्ने की फसल न कटने और मार्ग ठीक न होने के कारण चलना दुश्वार हो रहा है। इस पर मंगलवार की शाम से जाम सकता है।

दोनों मार्ग जाम होने के कारण मेले से बाहर जाने के लिए पुलिस-प्रशासन के पास कोई अतिरिक्त मार्ग नहीं है। मुख्य स्नान घाट पर श्रद्धालु रोके गए तो सदर बाजार के पास जाम हो जाएगा। ऐसे में स्नान करके जाने वाला श्रद्धालु कहां से निकलेगा? मुख्य स्नान घाट पर पंडितों तथा साधुओं ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। 25 लाख श्रद्धालुओं के लिए मेले में मात्र दो एम्बुलैंस, अस्थाई तीन अस्पताल, एक गढ़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है।

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