माल्या और अबू सलेम पर आज आ सकते हैं फैसले

माल्या और अबू सलेम पर आज आ सकते हैं फैसले

नई दिल्ली
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या पर अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। इससे पहले मार्च माह में सुनवाई के बाद कोर्ट ने माल्या के खिलाफ सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और गैंगस्टर अबू सलेम के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकती है। आज महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट से जुड़ी याचिका पर भी सुनवाई की तारीख है, लेकिन इसे लेकर स्पष्टता नहीं है कि यह आज होगी या नहीं।

करीब 50 दिन के ग्रीष्मावकाश के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज से पूर्ण कामकाज शुरू होगा। ऐसे में सोमवार व्यस्त दिन रहेगा। आज कई अहम मामलों में फैसले आ सकते हैं और सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट इसी सप्ताह एल्गार परिषद मामले के आरोपी पी वरवर राव की जमानत पर भी सुनवाई होगी।
अवमानना के मामले में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की सजा पर सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को फैसला सुनाएगी। इससे पहले मार्च माह में सुनवाई के बाद कोर्ट ने माल्या के खिलाफ सजा पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को चार करोड़ डॉलर हस्तांतरित करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को जवाब देने का आखिरी मौका देते हुए कहा था कि माल्या की अनुपस्थिति में ही सजा के मुद्दे पर आगे बढ़ने का फैसला किया जाएगा।

कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर माल्या अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो अदालत इस मामले को कानूनी आधार पर आगे बढ़ाएगी। माल्या को संपत्ति का सही विवरण नहीं देने के लिए 2017 में अदालत के आदेशों की अवहेलना का दोषी माना गया था। कोर्ट के इस फैसले पर माल्या की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का अंतिम अवसर दिया था। माल्या फिलहाल ब्रिटेन में है और उसके प्रत्यर्पण की कार्रवाई लंबित है।

अबू सलेम की याचिका पर भी फैसला
मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में आजीवन सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को फैसला सुनाएगी। इस याचिका में सलेम ने कहा है कि भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार उसकी जेल की सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती है।

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