मार्च, अप्रैल में देना होगा दो साल का प्रोपर्टी टैक्स

शहरवासियों पर दोहरा आर्थिक बोझ पड़ने वाला है। साल 2012-13 में प्रोपर्टी टैक्स नगर निगम वसूल नहीं सका है। अब यूनिट एरिया मेथड और पुरानी टैक्स पद्धति को लेकर छिडे़ विवाद को हल करने के लिए बीच का रास्ता निकालने की कवायद शुरू हो गई है।

मार्च में संभावित है कि टैक्स मेथड को लेकर एक राय बन जाए। ऐसे में मार्च में शहर के लोगों को 2012-13 का टैक्स चुकाना होगा। वहीं अप्रैल में 2013-14 के बिल भी जारी कर दिए जाएंगे।

यूनिट एरिया मेथड को लेकर बीते एक साल से छिड़ी नगर निगम और प्रदेश सरकार की लड़ाई का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना होगा। शहर की जनता को एक साथ दो साल का टैक्स चुकाना पड़ सकता है। टैक्स पद्धति का प्रारूप तैयार करने में निगम प्रशासन जुट गया है। टैक्स से निगम को सालाना पंद्रह करोड़ की आय होती है।

साल 2012-13 में नगर निगम टैक्स नहीं वसूल सका है। इस कारण निगम की आर्थिक हालत भी दयनीय हो गई है। ऐसे में निगम ने टैक्स की नई और पुरानी पद्धति को मिलाकर एक नया तरीका तलाशने की कवायद शुरू की है। परिणामस्वरूप मार्च में साल 2012-13 के टैक्स बिल दिए जाएंगे। इसके अलावा अप्रैल से साल 2013-14 की बिलिंग भी शुरू हो जाएगी। इस अवधि के बिल भी नगर निगम अप्रैल में भेज देगा। ऐसे में शहर के लोगों को मार्च और अप्रैल में दोहरा आर्थिक बोझ पड़ेगा।

निगम आयुक्त अमरजीत सिंह का कहना है कि टैक्स किस आधार पर लगाया जाएगा, अभी इसको लेकर मंथन जारीहै। संभावित है कि मार्च में 2012-13 के बिल भेज दिए जाएंगे। अप्रैल से 2013-14 के बिल नगर निगम भेजेगा। अब की बार टैक्स वसूलने में देरी नहीं की जाएगी।

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