महिला पार्षदों का एमसी की कमेटियों में दबदबा

शिमला। नगर निगम की कमेटियों में महिलाओं का दबदबा बन गया है। वित्त, योजना और सामाजिक न्याय में अब महिला पार्षद अहम भूमिका निभाएंगी। शुक्रवार को निगम की विशेष बैठक में सभी कमेटियों का सर्वसम्मित से गठन किया गया। कांग्रेस, भाजपा और माकपा के पार्षदों ने एका दिखाते हुए मिसाल कायम की।
पार्षद सरोज ठाकुर, सत्या कौंडल, उमा कौशल और ऊषा लखनपाल को वित्त और योजना कमेटी का सदस्य बनाया गया। पार्षद भारती सूद, कल्याण चंद, प्रवीण कुमार और सुषमा कुठियाला को सामाजिक न्याय कमेटी का सदस्य बनाया गया। जनरल फंक्शनिंग कमेटी में पार्षद कला शर्मा, शैलेंद्र चौहान, सुशांत कपरेट और दीपक रोहाल को शामिल किया गया। इसके अलावा टैक्स के लिए कमेटी का गठन भी एक्ट के अनुसार किया गया।
निगम एक्ट की धारा 94 (5) के तहत कमेटी में पार्षद मनोज कुठियाला और नरेंद्र ठाकुर को शामिल किया गया। नगर निगम आयुक्त अमरजीत सिंह ने बताया 11 फरवरी तक कमेटियों के गठन के लिए नामांकन मांगे गए थे। 14 फरवरी को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी। इस दौरान किसी ने भी नामांकन वापस नहीं लिया। निगम आयुक्त अमरजीत सिंह ने सदन में बताया कि निगम एक्ट की धारा 40 (1) के अनुसार कमेटियों का गठन अनिवार्य है। महापौर संजय चौहान ने कहा कि कमेटियां निगम के विभिन्न कार्यों के लिए तत्पर रहेंगी।

कमेटियों के सदस्य
वित्त और योजना कमेटी : सत्या कौंडल, सरोज ठाकुर, ऊषा लखनपाल, उमा कौशल।
सामाजिक न्याय कमेटी : भारती सूद, सुषमा कुठियाला, कल्याण चंद, प्रवीण कुमार।
जनरल फंक्शनिंग कमेटी : कला शर्मा, सुशांत कपरेट, दीपक रोहाल, शैलेंद्र चौहान।

सर्वसम्मति से गठन होना सराहनीय
नाभा वार्ड से पार्षद शशि शेखर चीनू ने कहा कि कमेटियों का गठन सर्वसम्मति से होना सराहनीय है। कमेटियों में शामिल सभी सदस्यों को शहर की जनता की अपेक्षाओं पर अब खरा उतरना चाहिए।

बैठक से नदारद रहे अधिकांश पुरुष पार्षद
विभिन्न कमेटियों के गठन के लिए आयोजित की गई नगर निगम की विशेष बैठक से शुक्रवार को अधिकांश पुरूष पार्षद नदारद रहे। सिर्फ शशि शेखर चीनू, नरेंद्र ठाकुर, कल्याण धीमान और मनोनीत पार्षद इंद्रजीत सिंह ने बैठक में उपस्थिति दर्ज करवाई। पुरुष पार्षदों के बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर गुपचुप तरीके से चर्चा भी हुई। बैठक में जहां सिर्फ चार पुरुष पार्षद मौजूद रहे, वहीं आठ महिला पार्षदों ने हाजिरी भरी।

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