मनरेगा के 35 करोड़ के शेल्फ मंजूर

शिमला। बचत भवन शिमला में वीरवार को जिला परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला भर के 11 विकास खंडों में मनरेगा के तहत वर्ष 2014-15 में किए जाने वाले 35 करोड़ 18 लाख रुपये के कार्यों की शेल्फ को मंजूरी दी गई है। योजनाओं के प्रस्ताव को सदन ने पारित कर दिया है। जिला परिषद अध्यक्ष चंद्रेश्वर प्रसार की अध्यक्षता में हुई बैठक में पारित इन प्रस्तावों में मनरेगा के तहत निर्मल भारत अभियान के तहत भी 9462 व्यक्तिगत शौचालयों निर्माण किया जाना है। योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 4062 लोगों के लिए शौचालय निर्माण और 5400 गरीबी रेखा से उपर के लोगों को शौचालय निर्माण करवाया जाना प्रस्तावित है। शौचालय निर्माण की कुल लागत 10300 होगी । इसमें से मनरेगा के तहत 4300 रुपये और निर्मल भारत अभियान के तहत 5100 रुपये की राशि लाभार्थी को दी जाएगी, जबकि उसका व्यक्तिगत अंशदान 900 रुपये रहेगा। जिला परिषद अध्यक्ष ने बताया कि 13वें वित्तायोग के तहत पारित 14 लाख के आवंटन को बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई ।
बैठक में उपाध्यक्ष प्रहलाद कश्यप, प्रेम ठाकुर, नीलम सरकैक, भूपेंद्र डोगरा, जिया लाल, निरंजन वर्मा, सहित समस्त सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र की विभिन्न विभागों से जुड़े मामलों को उठाया और अधिकारियों से जवाब मांगा। बैठक में पहली बार पहुंचे अतिरिक्त उपायुक्त एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूनुस का जिला पंचायत अधिकारी व जिला परिषद सचिव प्रेम तांटा ने स्वागत किया। उन्होंने बैठक को नियमों के तहत संचालित करने की जिम्मेदारी को बखूबी पूरा किया। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में सदस्यों ने सरकार को प्रस्ताव भेजा कि सेब आयात शुल्क बढ़ाया जाए और चौपाल, ठियोग, कोटखाई, रामपुर सहित पूरे जिला भर में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और अन्य विभागों में रिक्त पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए।

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ओवरलोडिंग वाले ग्रामीण रूटों पर चलें अतिरिक्त बसें
जिला परिषद की बैठक में मौजूद सदस्य निलम सरकैक, सुरेंद्र चौहान, प्रेम ठाकुर, जिया लाल, भुपेंद्र डोगरा के साथ सभी सदस्यों ने हाल ही में ठियोग में ओवरलोडिंग के कारण हुए बस हादसे से सबक लेकर जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी ओवरलोडिंग वाले रूटों में अतिरिक्त बसें चलाने की मांग उठाई। सदस्यों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर नई बसें भेजी जाएं। इस पर परिवहन निगम के अधिकारियों ने भरोसा दिया कि नई बसों को ग्रामीण रूटों पर चलाने व ओवरलोडिंग को कम करने का प्रयास किया जाएगा।

पंचायत स्तर पर बनी सड़कों का हो रखरखाव
सदस्य प्रेम ठाकुर के सवाल पर सभी सदस्यों ने पंचायत, समिति व जिला परिषद सदस्यों द्वारा मुहैया करवाई गई राशि से बनी सड़कों की सरकारी स्तर पर पासिंग हो और इसके स्थिति के मुताबिक संपर्क या फिर एंबुलेंस सड़क घोषित कर रखरखाव की जिम्मेदारी विभागों के माध्यम से सुनिश्चित करवाई जाए।

पंचायत स्तर पर निगरानी कमेटी बने
सदस्य सुरेंद्र चौहान ने सदन में मांग उठाई कि आईपीएच और लोनिवि की ओर से ठेके पर करवाए जाने वाले कार्यों के पूरा होने का सर्टिफिकेट स्थानीय स्तर पर बनाई जाने वाली जन प्रतिनिधियों की निगरानी समिति के बिना न दिया जाए।

कोकुनाला पुल ढहा सकता है कहर
बैठक में सदस्य विरेंद गेजटा, शारदा, नीलम सरकैक सहित जुब्बल कोटखाई और रोहड़ू के सदस्यों ने खस्ताहाल हो चुके कोकुनाला पुल की मरम्मत कर इसे सुरक्षित बनाने की मांग उठाई। सदस्यों ने कहा कि जर्जर होते जा रहे इस पुल पर कभी भी कोई बढ़ा हादसा हो सकता है।

अधिकारियों पर जिला परिषद के नोटिस बेअसर
जिला परिषद की त्रैमासिक बैठकों में हर बार विभाग से जिम्मेदार और मौके पर मांग के अनुरूप निर्णय लेने और जवाब देने में सक्षम अधिकारियों की गैर मौजूदगी का क्रम बराबर जारी है। हर बैठक के बाद जिला परिषद की बैठक से गैर हाजिर रहने वाले लापरवाह अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाते है, मगर उनकी उपस्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ऐसे में आम जनता से जुड़े सदन में उठने वाले दर्जनों मामलों पर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है। ऐसे में यही लगता है नोटिस लापरवाह अधिकारियों पर बेअसर है।

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