भर्ती को आए युवाओं ने सड़क पर गुजारी रात

ऊना। रोजगार के सरकारी दावों का खोखलापन ऊना की सड़कों पर नजर आया। यहां बेरोजगारी की भयावह तस्वीर दिखी। सेना में भर्ती को हमीरपुर से ऊना आए हजारों युवाओं ने हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड में सड़कों पर रात गुजारी। जिस वजह से कई युवा बीमार भी हो गए। पूरी रात खुले आसमान के नीचे गुजारने के बाद युवा भर्ती के लिए सुबह छह बजे मैदान में पहुंचे। इसे देश सेवा का जज्बा कहें या रोजगार पाने की चाह। इसके लिए कड़ाके की ठंड में भी युवा घर से लाए एक कंबल में सड़कों पर लेटे रहे। बुधवार को हमीरपुर जिले के तीन हजार से अधिक युवाओं ने मैदान में दमखम दिखाया। भरती को आए इन युवाओं में महज दो फीसदी से भी कम ऐसे थे जिन्हें रात गुजारने के लिए रिश्तेदारों के यहां छत नसीब हुई। अन्य पूरी रात ठंड में पड़े रहे। जिला प्रशासन ने भी इन युवाआें के ठहरने का कोई उचित प्रबंध करना उचित नहीं समझा। हमीरपुर जिले के अरुण कुमार, संजीव, अक्षय, रजत सोहल, संजीव शर्मा, सुमित शर्मा, विक्रम, अजय कुमार, प्रवीण, वरुण, अमर जीत आदि ने कहा कि सेना ने भर्ती का आयोजन किया है तो ठहरने की भी व्यवस्था करनी चाहिए। सरकारी और निजी स्कूलों के कमरे भी सोने के लिए मुहैया कराए जा सकते हैं। जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं ऊना सदर से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल सिंह रायजादा ने कहा कि रात को उनके कार्यालय के बाहर सड़क पर कई युवा सो रहे थे। बातचीत के बाद उन्हें पता चला कि वे सेना में भर्ती होने के लिए आए हैं। रायजादा ने युवाओं से पूछा कि सड़क पर भारी ठंड में रात गुजारने के बाद क्या आप सुबह तक मैदान में दमखम दिखाने के लायक रहेंगे या बीमार पड़ जाएंगे। इस पर युवाओं ने जवाब दिया कि क्या करें बेरोजगार हैं, नौकरी के लिए ठंड तो सहनी पड़ेगी। रायजादा ने अपने कार्यालय के तीन कमरे खुलवाए और करीब 70 युवाओं के सोने की व्यवस्था कराई। जनहित मोर्चा के प्रवक्ता राजीव भनोट ने कहा कि भर्ती 12 दिसंबर तक चलेगी। प्रशासन निजी और सरकारी स्कूलों में युवाओं के ठहरने की व्यवस्था करे। उधर, एसडीएम नरेश ठाकुर कहते हैं कि यदि सैन्य अधिकारी प्रशासन से किसी तरह की मदद मांगते हैं तो मदद की जाएगी। सैन्य अधिकारी कीर्ती भूषण कहते हैं कि स्थानीय प्रशासन युवाओं के ठहरने का प्रबंध कर सकता है।

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