बैठक में बनेगी ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ की रणनीति, तैयारियों में जुटे हैं संगठन

बैठक में बनेगी ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ की रणनीति, तैयारियों में जुटे हैं संगठन

बहादुरगढ़
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ का शुभारंभ अगले माह 5 सितंबर को मोर्चा की होने वाली बैठक के बाद लिया जाएगा। राजनीति से हटकर ये मिशन पूरी तरह से संयुक्त किसान मोर्चे का होगा। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मिशन की शुरूआत की जाएगी। ये जानकारी भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को टीकरी बॉर्डर पर दी।

किसान नेता टिकैत ने कहा कि 16 तारीख को हम किन्नौर जा रहे हैं इसके बाद हम तीन दिन के लिए तमिलनाडु और उसके बाद कर्नाटक जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि जहां चुनाव हैं, हम वहीं जाएंगे। पूरे देश में ही जाएंगे। जब तक सरकार नए कृषि कानूनों पर किसान मोर्चे से बातचीत शुरू नहीं करेगी, तीनों कानून वापस नहीं लेगी, एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनाएगी, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, हमें भाजपा की यह चुनौती मंजूर है कि यूपी में योगी हैं, लखनऊ नहीं आने देंगे। मैं 6 तारीख को लखनऊ जा रहा हूं, सभी गांवों के लोग तैयार हो चुके हैं। अगर पुलिस वाले छेड़खानी करेंगे तो हमारे वाले भी तैयार बैठे हैं। अब आर-पार होगा।

किसानों के बहाने व्यापारी उठाते हैं फायदा
टिकैत ने कहा कि अब किसी पार्टी की सरकार नहीं है। केंद्र सरकार पर भी व्यापारियों का कब्जा है। यह सरकार कहती है कि एमएसपी है और रहेगी। जबकि यूपी के रामपुर जिले में 5000 किसानों के साथ फर्जीवाड़ा हुआ है। इस जिले में 80 फीसदी व्यापारियों का गेहूं, 95 प्रतिशत का धान बिकता है। वहां पर जिस खसरा नंबर पर स्कूल बना हुआ है, वहां व्यापारी खेती दिखा रहे हैं। हमारा किसान तबाह हो रहा है। व्यापारी किसानों के नाम पर सस्ते भाव में खरीदते हैं और महंगे भाव बेचते हैं। फिर भी है कहते हैं एमएसपी है, एमएसपी थी और एमएसपी रहेगी।

उन्होंने कहा, हमने कह दिया है सरकार नहीं थीं, सरकार है पर आगे नहीं रहेगी। अगर इस आंदोलन में कोई बीच में आता तो एक ही बचेगा या तो सरकार बचेगी या किसान बचेगा। जीत किसानों की होगी जो किसानों के साथ गलत करेगा तो उसे बक्सा नहीं जाएगा।

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