बेटी को जन्म देने पर मां का खाना बंद

इंदिरापुरम
बेटा-बेटी एक समान, इनकी सेहत का रखना ध्यान, पढ़ी लिखी लड़की- रोशनी घर की, जैसे स्लोगन से एक तरफ जहां लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं, खोड़ा में बेटी को जन्म देने पर एक मां का खाना-पानी बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं पति और सास महिला की पिटाई करने साथ ही जान से मारने की धमकी देते हैं।

पीड़िता ने ससुराल वालों से तंग आकर मंगलवार को पुलिस से गुहार लगाई है। खोड़ा में एक निजी कंपनी कर्मचारी परिवार सहित रहता है। करीब सवा साल पहले उसकी शादी लोकप्रिय विहार कॉलोनी की रागिनी (काल्पनिक नाम) के साथ बड़ी धूमधाम से हुई थी।

पुलिस को दी शिकायत में रागिनी ने आरोप लगाया कि शादी के बाद से सबकुछ ठीकठाक चल रहा था। कुछ समय पहले उसने एक बेटी को जन्म दिया तो उसके ससुरालवाले तरह-तरह के ताने मारने लगे। पति और सास का भी व्यवहार बदल गया। बात-बात पर यह लोग उसकी पिटाई करने लगे। अब उसे खाने को भी नहीं देते हैं। रागिनी ने बताया कि पति और सास कहते हैं यदि उसने कहीं शिकायत की तो वह इस शादी को तोड़ देंगे। इसके साथ ही जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं।

होगी सख्त कार्रवाई
रागिनी के लगाए आरोपों की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। बुधवार को ससुराल पक्ष के लोगों को भी थाने बुलाया गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर ससुराल वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
– गोरखनाथ यादव जाएगी। एसएचओ इंदिरापुरम

जागरूकता जरूरी
पिछले कुछ वर्षों में शहरी क्षेत्रों में बेटा या बेटी के बीच का अंतर कुछ कम हुआ है। हालांकि अभी भी गांव की पृष्ठभूमि से होने वाले लोगों की मानसिक स्थिति लड़कों को ज्यादा तवज्जो देती है। जो लोग लड़के के लिए अपनी बहू पर अत्याचार कर रहे हैं वे एक रूप से मानसिक रोगी हैं। सिर्फ जागरूकता से ही इसका उन्मूलन संभव है।
– डॉ. रश्मि जोशी, मनोचिकित्सक

बेटियां बढ़ी पर दुश्मन कम नहीं
2011 की जनसंख्या के अनुसार, भारत में बेटियों की संख्या में मामूली इजाफा हुआ पर अंधविश्वास भी कम नहीं हुआ। 2001 की जनसंख्या के मुकाबले 2011 में 0.75 प्रतिशत वृद्धि के साथ एक हजार पुरुषों पर 944 महिलाएं पाई गई हैं। वहीं अकेले यूपी में जहां 2011 में 898 महिलाएं थी वहीं 2011 की जनसंख्या में 908 हुई है।

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