बादल ने दिए शहीदों को सम्मान के अादेश, विधवाएं भड़कीं कहा, पैंशन मिलती नहीं क्या यही होता है सम्मान

बादल ने दिए शहीदों को सम्मान के अादेश, विधवाएं भड़कीं कहा, पैंशन मिलती नहीं क्या यही होता है  सम्मान

अमृतसरः एक तरफ पूर्व सैनिकों और शहीदों का सम्मान हो रहा था और सी.एम. बादल एेलान कर रहे थे कि उन्होंने अफसरों को आदेश दिए हैं कि कोई पूर्व सैनिक आए तो उसे सम्मान दिया जाए। वहीं दूसरी ओर सैनिकों की विधवाओं को बादल के पास जाने का मौका भी नहीं मिल पाया। ये महिलाएं अपना दुखड़ा लेकर सी.एम. बादल के पास जाना चाहती थी कि उन्हें उनके पतियों के गुजर जाने के बाद से ही पैंशन नहीं मिल पाई है।
मुक्तसर की हरजिंदर कौर ने बताया कि वह पूर्व सैनिक रिटायर्ड मेजर करतार सिंह की पत्नी हैं। 1978 में उनका देहांत हो गया था। कुछ समय तक तो पैंशन मिलती रही, लेकिन पिछले कई सालों से पेंशन बंद हो चुकी है। कई अधिकारियों के चक्कर काटे, लेकिन बात सुनने वाला कोई नहीं। आज सीएम बादल के पास आई हूं, लेकिन यहां भी धक्के ही मिले।
पूर्व सैनिक हरजिंदर सिंह की पत्नी अमरजीत कौर ने बताया, सैनिक पति का देहांत 2012 में हो गया था। 1971 की जंग उन्होंने लड़ी और भारत को जीत दिलाई। लेकिन आज वह अपने अधिकारों के लिए लड़ रही है।

वार हीरोज मैमोरियल एवं म्यूजियम के उद्घाटन के बाद रणजीत एवेन्यू में पूर्व सैनिकों व सैनिक विधवाओं को रणजीत एवेन्यू की रैली में बुलाया तो गया मगर इसमें से काफी लोगों को मंच पर ही नहीं चढ़ने दिया गया। मजबूरी में यह लोग मंच के सामने बैठे मगर यहां भी पानी तक नहीं पिलाया गया। ढपई की जसविंदर कौर, जिनके पति बूटा सिंह चीन की लड़ाई में 1962 में शहीद हुए थे, ने बताया कि उनके परिवार को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली और न ही पेंशन।
1984 में एक अग्निकांड में बच्चों को बचाते हुए शहीद हुए शौर्यचक्र विजेता पूरन सिंह की पत्नी नवीं आबादी की सुखविंदर कौर का कहना है, सरकार लाख दावे करे मगर उनके परिवार को किसी ने नहीं खोजा। उन्होंने बताया, प्रोग्राम के लिए बुलाया गया और मंच पर चढ़ने तक नहीं दिया गया। वहीं कल्लेवाल की सुखदीप कौर ने बताया, पति धरमिंदर सिंह 2015 में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे। इलाका विधायक ने उनके नाम पर स्कूल का नामकरण करने को कहा था लेकिन अमल नहीं किया गया।

Related posts