बच्चों को लाने, ले जाने के लिए चलेंगी स्कूल बसें

शिमला। उपायुक्त दिनेश मल्होत्रा ने शहर के स्कूल संचालकों को बच्चों को लाने और घर छोड़ने के लिए स्कूल बसों का इस्तेमाल करने को कहा है। शहर में बढ़ती ट्रैफिक समस्या के समाधान व स्कूली बच्चों की सुरक्षित आवाजाही के लिए स्कूल बसों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को स्कूल प्रतिनिधियों व अभिभावकों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से भी शीघ्र ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि शहर के विभिन्न भागों से बच्चों को लाने ले जाने के लिए स्पेशल बसें चलाई जाएं। बच्चों को पर्याप्त संख्या में बसें उपलब्ध हों, इसके लिए प्राइवेट बस आपरेटरों को भी विशेष अनुमति दी जाएगी। यह बसें सुबह व शाम के समय स्कूल की समय सारणी के अनुसार चलाई जाएंगी। बैठक के दौरान उप महापौर टिकेंद्र पंवर ने कहा कि ट्रैफिक की बढ़ती समस्या को हल करने के लिए सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। ज्यादा से ज्यादा लोग यदि बसों में सफर करें तो समस्या से राहत मिल सकती है। नगर निगम को जेएनयूआरएम के तहत बसों का एक और बेड़ा मिलने की उम्मीद है जिससे सार्वजनिक परिवहन को और अधिक मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने बसों मेें लड़कियों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि शहर में स्कूलों के पास वाहनों के मुड़ने के लिए टर्निंग स्थल चिह्नित किए जाएंगे ताकि जाम की समस्या पेश न आए। बैठक में डीएसपी ट्रैफिक पुनीत रघु भी उपस्थित रहे।

ट्रैफिक वार्डन बनें अभिभावक
उपायुक्त दिनेश मल्होत्रा ने बच्चों के अभिभावकों से भी समस्या के समाधान के लिए आगे आने की अपील की है। उनका कहना है कि अभिभावक यदि बतौर ट्रैफिक वार्डन काम करें तो समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

आपस में साझा करें वाहन : दुल्लर
पुलिस अधीक्षक अभिषेक दुल्लर ने अभिभावकों से आग्रह किया कि बच्चों को स्कूल भेजने के लिए वाहनों को आपस में साझा करने की कोशिश करें ताकि कम वाहनों में ज्यादा विद्यार्थी स्कूल पहुंच सकें। इससे जहां अभिभावकों का खर्च कम होगा, वहीं ट्रैफिक की समस्या से भी राहत मिलेगी।

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