प्रधानमंत्री जी हमारा हिस्सा दीजिए, कई सीएम बोले

नई दिल्ली
PM Narendra Modi interacts with chief Ministers
  • कई राज्यों ने कहा हमारे पास क्षमता नहीं, बिजनेस गतिविधियां ठप हैं
  • प्रधानमंत्री के रिमार्क के बाद 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने रखी राय
  • महाराष्ट्र से उद्धव ठाकरे ने की शुरुआत, अंत में शिवराज बोले
  • अरविंद केजरीवाल ने भी पूरी तैयारी के साथ लिया हिस्सा
  • 11 बजे से 3.00 बजे  तक चली मैराथन वीडियो कांफ्रेसिंग
  • ममता बोलीं, कोविड-19 के दौर में भी राजनीति हो रही है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 से जंग में लगातार देश का नेतृत्व कर रहे हैं। राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं सभी क्षेत्रों के लोगों से लगातार संवाद कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने इसी क्रम में देश के सभी मुख्यमंत्रियों के जरिए वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए चर्चा की।

दिन में 11 बजे से 3.00 बजे तक चली मैराथन बैठक में प्रधानमंत्री ने राज्यों को सुझाव, मार्ग दर्शन दिया, स्वयं के लगातार 24 घंटे उपलब्ध रहने और कभी भी सहयोग मांगने छूट दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

प्रधानमंत्री के ओपनिंग रिमार्क के बाद 13 राज्यों के सीएम ने अपनी बात रखी। कई ने जीएसटी के बकाया धन की, केन्द्र से और अधिक वित्तीय सहयोग की मांग की।

13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने रखी बात

प्रधानमंत्री का वक्तव्य समाप्त होने के बाद सबसे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी बात रखी। सूत्र बताते हैं कि उद्धव के बाद पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी अपनी राय रखी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी बात कही और अंत में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने राज्य के ताजा हालत से अवगत कराया। पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र समेत तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि केंद्र को सहयोग के लिए और आगे आना होगा।

राज्यों को वित्तीय मदद बढ़ानी होगी। राज्यों ने कहा कि अभी केन्द्र की मदद अपर्याप्त है और इसकी बिना पर राज्य कोविड-19 से नहीं लड़ सकते। राजस्थान, पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़ ने प्रधानमंत्री से कहा कि केन्द्र को राज्य के जीएसटी हिस्से की बकाया धनराशि अविलंब रिलीज कर देनी चाहिए।

कई राज्यों ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कोविड-19 से लड़ने में जरूरी पीपीई किट, टेस्टिंग किट, एंटीजेन टेस्टिंग किट, मास्क, वेंटिलेटर आदि की खरीद केंद्र सरकार को ही करके राज्यों को देना चाहिए ताकि किसी तरह की अवव्यवस्था न फैलने पाए और राज्यों को गुणवत्ता के सामान भी समय पर मिल जाएं।

कई राज्यों ने कहा हमारे पास क्षमता नहीं… बिजनेस गतिविधियां ठप हैं

राजस्थान के मुख्यमंत्री समेत कई मुख्यमंत्रियों ने राय रखी कि उनके राज्य की अपने दम पर संक्रमण रोक पाने की क्षमता नहीं है। राज्य में बिजनेस गतिविधियां बंद हैं, फैक्टियां, उद्योग धंधे बंद हैं। पंजाब में दूसरे राज्यों के मजदूरों की भारी तादात है और उन्हें खाना, राशन बांटना आदि बड़ी समस्या है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी दूसरे राज्यों के मजदूरों, संगठित, असंगठित क्षेत्र के लेबर का मुद्दा उठाया। दिल्ली ने भी अपनी मजबूरी बताई। झारखंड और छत्तीसगढ़ ने केंद्र सरकार से पीएसयू के पास माइनिंग की पड़ी रायल्टी रिलीज कराने का आग्रह किया।

कोविड-19 के दौर में भी राजनीति हो रही है

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोविड-19 से लड़ने में सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने भी केंद्रीय सहायता की मांग की। ममता बनर्जी ने कहा कि देश इस समय गंभीर स्थिति से गुजर रहा है, लेकिन कुछ मुख्यमंत्री या राज्यपाल, उपराज्यपाल राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

वे सरकार के कामकाज में दखल दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस तरह राजनीतिक दखल बंद कराया जाना चाहिए। झारखंड के मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी अपने प्रयासों और राज्य की समस्याओं के लेकर वीडियो कांफ्रेसिंग में हिस्सा ले रहे थे।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कोविड-19 से लडऩे के केन्द्र सरकार के प्रयासों की सराहना की और कई अपने राज्य के प्रयास को भी बताया। कई सीएम को उम्मीद थी कि उन्हें भी अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा लेकिन मौका मिल नहीं पाया।

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