प्रदेश सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव पर अभियोजन चलने की दी मंजूरी

प्रदेश सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव पर अभियोजन चलने की दी मंजूरी
शिमला 

भर्ती परीक्षाओं के संचालन का जिम्मा आयोग के सचिव पर रहता था। एक मार्च को न्यायालय में इस मामले में सुनवाई होनी है। विजिलेंस बीते 20 फरवरी को आठ आरोपियों के खिलाफ 626 पन्नों की प्रारंभिक चार्जशीट कोर्ट में पेश कर चुकी है।

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट  (जेओए) आईटी पेपर लीक मामले में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पूर्व सचिव पर अब कोर्ट में मुकदमा चलेगा। प्रदेश सरकार ने  इसके लिए अभियोजन मंजूरी दे दी है। जल्द ही विजिलेंस की ओर से अनुपूरक चालान पेश किया जाएगा। भर्ती परीक्षाओं के संचालन का जिम्मा आयोग के सचिव पर रहता था। एक मार्च को न्यायालय में इस मामले में सुनवाई होनी है।

विजिलेंस बीते 20 फरवरी को आठ आरोपियों के खिलाफ 626 पन्नों की प्रारंभिक चार्जशीट कोर्ट में पेश कर चुकी है। इसमें आयोग की गोपनीय शाखा की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसके दो बेटों नितिन और निखिल, दलाल संजीव कुमार, उसका भाई शशिपाल, दो अभ्यर्थी तनु और अजय शर्मा और एक अन्य नीरज कुमार आरोपी बनाए हैं।

तीन साल से आयोग में यह पेपर लीक का गोरखधंधा चल रहा था। विजिलेंस की जांच में आयोग के सचिव भी शक के दायरे में हैं। उनके खिलाफ अभियोग चलाए जाने के लिए विजिलेंस ने सरकार से अनुमति मांगी थी। अब सरकार ने अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

राज्य लोक सेवा आयोग कर रहा सरकार की अधिसूचना का अध्ययन
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रदेश सरकार की ओर से राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने की अधिसूचना का अध्ययन कर रहा है। उसके बाद इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होंगे। आने वाले दिनों में राज्य लोक सेवा आयोग इस बारे में मंत्रणा करेगा और जल्दी ही भर्ती की आगामी प्रक्रिया भी शुरू होगी। आयोग के सचिव डीके रतन ने बताया कि मौजूदा अधिसूचना का अध्ययन किया जा रहा है। उसके बाद ही अगली भर्ती प्रक्रिया को भी आरंभ किया जाएगा।

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